INS विराट पर पिकनिक : कांग्रेस ने कहा - मोदी ने राजीव गांधी की जिस यात्रा को छुट्टी बताया, वह आधिकारिक थी

By: Pinki Fri, 10 May 2019 07:38:33

INS विराट पर पिकनिक : कांग्रेस ने कहा - मोदी ने राजीव गांधी की जिस यात्रा को छुट्टी बताया, वह आधिकारिक थी

दिल्ली में राम लीला मैदान में बुधवार को एक बड़ी जनसभा में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) पर एक और सनसनीखेज आरोप लगाया। पीएम मोदी का आरोप था कि राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए विमानवाहक पोत INS विराट का इस्तेमाल एक द्वीप पर परिवार के साथ छुट्टी मनाने के लिए किया था। पीएम मोदी PM Narendra Modi) ने दावा किया था कि इसमें इटली से आए उनके रिश्तेदार भी शामिल हुए थे और INS विराट का इस्तेमाल टैक्सी की तरह किया गया था। हालाकि पीएम मोदी के इस बयान पर सियासत गरमा गई है। इस कड़ी पर गुरुवार को कांग्रेस ने सफाई देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी जिस यात्रा की बात कर रहे हैं, वो पूर्व प्रधानमंत्री की आधिकारिक यात्रा थी। मोदी के पास जनता को बताने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए गांधी-नेहरू परिवार को लेकर झूठ फैला रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आजकल वायुसेना के जेट को अपनी टैक्सी बना लिया है। उनकी चुनावी यात्राओं में जेट विमानों के इस्तेमाल के लिए 744 रु से कम भुगतान हो रहा है। 1987-88 के दौरान वजाहत हबीबुल्लाह लक्षद्वीप के प्रशासक थे, जहां राजीव ने यात्रा की थी। उन्होंने भी कहा कि यह यात्रा आधिकारिक थी।

1987 में लक्षद्वीप की यात्रा पर गए थे राजीव

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 1987 दिसंबर में लक्षद्वीप के सुदूर द्वीप बनग्राम में राजीव गांधी ने परिवार और मित्रों के साथ छुट्टियां मनाईं थीं। ये छुट्टियां तकरीबन 10 दिनों तक चलीं। तब सोनिया गांधी की मां, बहन-बहनोई और उनके बच्चे, अमिताभ बच्चन-जया बच्चन और बच्चों के अलावा भाई अजिताभ बच्चन की बेटी मौजूद थीं।

मोदी के इस बयान पर किसने, क्या कहा

कांग्रेस - झूठ बोलने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में हो सकता है मोदी का जिक्र

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा- मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जो अपने भविष्य के लिए वोट मांग रहे हैं। राफेल के गोपनीय दस्तावेज चोरी हो गए, क्या इसके लिए राजीव गांधी जिम्मेदार हैं। मोदी ये भी कह सकते हैं कि राजीव ने उन्हें नोटबंदी करने के लिए कहा था। प्रधानमंत्री अपनी सारी नाकामियों के लिए कांग्रेस नेता को जिम्मेदार बता रहे हैं।

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- बीजेपी का मतलब "बहुत झूठी पार्टी'। बीजेपी और मोदी इतना झूठ बोलते हैं कि उनका जिक्र गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में हो सकता है। लेकिन, झूठ कभी सफल नहीं होते, क्योंकि इनकी उम्र बहुत छोटी होती है।

पीएम मोदी के इस बयान को पूर्व ऐडमिरल एल रामदास ने जुमला बताया। पूर्व नौसेना प्रमुख एल रामदास ने पीएम मोदी के इस बयान को जुमला बताते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajeev Gandhi) INS विराट (INS Viraat) पर सरकारी काम से गए थे। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी INS विराट पर राष्ट्रीय खेल पुरस्कार वितरण में गए थे।

नेशनल हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, 1987-88 में राष्ट्रपति की ओर से लक्षद्वीप में प्रशासक नियुक्त किया जाता था। राजीव की यात्रा के वक्त वजाहत हबीबुल्ला इस पद पर थे।

हबीबुल्ला ने कहा, ''मोदी झूठ बोल रहे हैं। यह राजीव गांधी की आधिकारिक यात्रा थी। कोई शक हो तो अमिताभ बच्चन से पूछ लें। मैंने बतौर प्रशासक द्वीप के विकास के लिए कावारती में बैठक बुलाई थी। पहले भी ऐसी मीटिंग 1986 में अंडमान और उसके बाद दिल्ली में हो चुकी थी। तब पूर्व प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप विकास समिति का उद्घाटन भी किया था।''

उन्होंने कहा- नरसिम्हा राव समेत पूरी कैबिनेट आने वाली थी। इसलिए आईएनएस विराट सुरक्षा में तैनात था। ऐसी बातों का कहीं जिक्र नहीं किया जाता है। सबसे अहम बात है कि राजीव का कोई दोस्त युद्धपोत पर नहीं गया। "बैठक कई दिन चली। राजीव यहीं पर छुट्टियां मनाने के लिए रुक गए। इसके बाद उनके रिश्तेदार जैसे सोनिया गांधी की बहन और उनके पति, कुछ दोस्त भी आए। इनमें अमिताभ और जया बच्चन भी शामिल थीं, लेकिन इनमें से कोई कावारती नहीं गया।" "सभी लोग हेलिकॉप्टर के जरिए कोच्चि से बनग्राम आए और एक गेस्ट हाउस में ठहरे थे। राजीव गांधी ने 1987 में पवनहंस हेलिकॉप्टर सेवा की शुरुआत की थी, जो लोगों को द्वीप तक लेकर आते थे। राजीव ने अपने परिवार-रिश्तेदारों और बाकी लोगों ने स्वयं भुगतान भी किया था।"

रिटायर्ड वाइस एडमिरल विनोद पसरिचा ने एक चैनल से बातचीत में आईएनएस विराट और राजीव गांधी को लेकर किए जा रहे दावे को झूठा बताया। पसरीचा 1984-89 तक आईएनएस विराट के इनचार्ज थे, तब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे। उन्होंने कहा- पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया वॉरशिप पर दो दिन के आधिकारिक दौरे पर थे। सभी प्रोटोकॉल फॉलो किए गए थे। इस दौरान कोई विदेशी या अन्य मेहमान नहीं मौजूद था। कोई भी छुट्टी पर नहीं आया था। प्रधानमंत्री के परिवार में से केवल राहुल गांधी मौजूद थे।

हमें अपना मुंह बंद रखने के लिए कहा गया

वही आईएनएस विराट पर नौसेना अधिकारी रहे कोमोडोर हरिंदर सिक्का ने टाइम्स नाउ से बातचीत में कहा कि इस बारे में उन्होंने निजी तौर पर शिकायत की थी लेकिन उन्हें चुप करा दिया गया।

नौसेना के पूर्व अधिकारी ने कहा, 'आईएनएस विराट को निजी तौर पर इस्तेमाल किए जाने पर नौसेना के अधिकारियों में नाराजगी थी लेकिन हम लाचार थे क्योंकि न तो हम अपनी आवाज उठा सकते थे और न ही शिकायत कर सकते थे। ऐसा करने पर हम पर केस दर्ज हो जाता। आप नौसेना के एक पिन का भी यदि इस्तेमाल करते हैं तो इसकी लिखित में अनुमति लेनी होती है।' जब उनसे पूछा गया कि इस बारे में शिकायत क्यों नहीं की। इस सवाल पर पूर्व अधिकारी सिक्का ने कहा, 'हम खुले तौर पर इस पर जांच नहीं बिठा सकते थे। अगर आप ऐसा करते तो इसे विद्रोह कहा जाता। मैंने उस समय के अपने कमाडिंग अफसर के सामने इस मुद्दे को उठाया था लेकिन मुझसे कहा गया कि राजीव गांधी प्रधानमंत्री हैं। हमें इस बारे में मुंह बंद रखने के लिए कहा गया। यह काफी आपत्तिजनक था। इस तरह की चीजें तब नहीं होनी थीं और आज भी नहीं हो सकतीं।' उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री युद्धपोत पर आ सकते हैं लेकिन उनकी पत्नी यदि विदेशी नागरिक हैं तो उन्हें इस शिप पर आने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए क्योंकि यह युद्धपोत किसी परिवार का नहीं था।'

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