अच्छी खबर : 76 हजार लोगों ने हराया कोरोना को, ठीक होकर घर लौटे
By: Pinki Mon, 16 Mar 2020 00:34:09
दुनिया के 134 देश आज के समय में कोरोना वायरस से प्रभावित हैं। पूरी दुनिया इस वायरस से लड़ने के लिए जी जान से कोशिश कर रही है। चीन से फैले इस वायरस ने तकरीबन 160,564 लोगों को अपने चपेट में ले लिया है। इससे 5,962 लोगों की इससे मौत हुई है। लेकिन इस बीमारी से लड़कर स्वस्थ हो जाने वालों का प्रतिशत भी कम नहीं है। पूरी दुनिया में 75,959 लोग इस बीमारी से लड़कर बिल्कुल स्वस्थ हो चुके हैं और अपने घर वापस जा चुके हैं। अगर मौजूदा संक्रमित केसों की बात की जाए तो दुनियाभर में अब भी 78,643 लोग इलाज करा रहे हैं। अगर सकारात्मक तौर पर देखा जाए तो करीब 72,989 लोग यानी करीब 93 प्रतिशत को मामूली परेशानियां हो रही हैं। यानी इन्हें आइसोलेट तो किया गया है लेकिन इलाज के लिए हल्की-फुल्की दवाओं की ही आवश्यकता पड़ रही है। वहीं 5,654 लोग ही गंभीर रूप से बीमार हैं। इनमें ज्यादातर उम्रदराज या ऐसे लोग हैं जिन्हें पहले से ही अन्य बीमारियों ने जकड़ रखा था।
चीन के बाद इस रोग से सबसे ज्यादा प्रभावित इटली और ईरान हैं। कोरोना के खिलाफ कोरोना वायरस से इटली में एक दिन में रविवार को रिकॉर्ड मौतें दर्ज की गई हैं। इटली में कोरोना वायरस से एक दिन में 368 लोगों की मौत हुई हैं। ईरान में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 724 हो गई है। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। ईरान में कोरोना वायरस की चपेट में आने वालों की संख्या 14000 के करीब हो चुकी है। दुनियाभर के देश एक साथ आ रहे हैं और एक-दूसरे को मदद पहुंचा रहे हैं।
भारत में मिली बड़ी कामयाबी
भारतीय वैज्ञानिकों को कोरोना से लड़ाई में बड़ी कामयाबी मिली है। वैज्ञानिकों ने भारत में लगातार सामने आ रहे संक्रमित मरीजों में स्ट्रेन की पहचान कर ली है। यही नहीं, पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के वैज्ञानिकों ने उसे अलग करने में भी सफलता हासिल कर ली है। वैज्ञानिकों को मिली इस कामयाबी के बाद कोरोना वायरस की मेडिकल टेस्ट किट बनाने, दवा का पता लगाने और वैक्सीन पर रिसर्च कर जल्द तैयार करने में बड़ी मदद मिलेगी। इसके अलावा स्ट्रेन के अलग होने से अब मानव शरीर के बाहर भी इसकी दवाइयों का परीक्षण किया जा सकता है। कोरोना वायरस स्ट्रेन को आइसोलेट करने वाला भारत पांचवा देश बन गया है। भारत से पहले चीन, जापान, थाइलैंड और अमेरिका ही वायरस को आइसोलेट करने में कामयाब हो पाए हैं। आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने जयपुर और आगरा के संक्रमित मरीजों में स्ट्रेन को आइसोलेट करने के बाद उसकी वुहान के स्ट्रेन से जांच की है। भारतीय मरीजों में मिला स्ट्रेन वुहान जैसा ही है। दोनों में 99.98 फीसदी समानता है।