20 मिनट सिर्फ किसान आंदोलन पर बोले PM मोदी, पढ़ें संबोधन की 12 बड़ी बातें
By: Pinki Fri, 25 Dec 2020 3:20:31
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक बार फिर कृषि कानूनों के मसले पर खुलकर बात की। मौका तो 9 करोड़ किसानों के खातों में 18 हजार करोड़ रुपए की सम्मान निधि ट्रांसफर करने का था, लेकिन प्रधानमंत्री के मन में बंगाल और किसान आंदोलन भी था। वे करीब 80 मिनट बोले। इसमें से 20 मिनट उन्होंने उन्हीं मुद्दों पर बात की, जिन्हें किसान आंदोलन में उठाया जा रहा है। बंगाल में लेफ्ट और ममता सरकार के अलावा पीएम मोदी के निशाने पर कांग्रेस, शरद पवार समेत अन्य विपक्षी नेता रहे। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने किन बड़े मुद्दों का जिक्र किया, एक नज़र डालें...
मोदी ने कहा- सरकार किसान के साथ हर कदम पर खड़ी है। नए कानूनों के बाद किसान जहां चाहें और जहां सही दाम मिले, वहां अपनी उपज बेच सकते हैं। कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि नए कानूनों से आपकी जमीन चली जाएगी, उनकी बातों में नहीं आएं।
मोदी ने कहा - कुछ नेता किसानों के नाम पर अपना एजेंडा चला रहे हैं। किसानों को गुमराह कर रहे हैं। उनके कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं। ये लोग हिंसा के आरोपियों को जेल से छुड़वाने की मांग कर रहे हैं। हम भरोसा दिलाते हैं कि किसानों के विश्वास पर कोई आंच नहीं आने देंगे। चर्चा के लिए हम तैयार हैं। समाधान के लिए हम खुला मन लेकर चल रहे हैं।
मोदी ने कहा - जिन राजनीतिक दलों को देश की जनता नकार चुकी है, वो आज कुछ किसानों को गुमराह करने में लगे हुए हैं। कुछ लोग किसानों और सरकार की चर्चा नहीं होने दे रहे हैं। राजनीतिक दल सिर्फ चर्चा में आने के लिए इस तरह के इवेंट कर रहे हैं।
मोदी ने कहा - अभी कई जगह स्थानीय निकाय के चुनाव हुए। इसमें किसानों को वोट देना था। लोगों ने आंदोलन के अगुआ लोगों के खिलाफ वोटिंग की। विपक्ष से भी मैं आज नम्रता के साथ कहता हूं कि हमारी सरकार बात करने के लिए तैयार है, लेकिन बात मुद्दों पर होगी, तर्क और तथ्यों पर होगी।
मोदी ने कहा - जितने लोग आज आंदोलन चला रहे हैं वही उस सरकार के साथ थे, जिसने स्वामीनाथन रिपोर्ट को दबाकर रखा था। हमने गांव के किसान के काम को आसान करने की कोशिश की है। जो आज किसानों के लिए आंसू बहा रहे हैं, उन्होंने सत्ता में रहते हुए क्या किया हर किसी को पता है।
मोदी ने कहा - आंदोलन में शामिल भोले-भाले किसान बताएंगे कि वे भी MSP पर अनाज बेच चुके हैं। सच तो ये है कि बढ़े हुए MSP पर सरकार ने रिकॉर्ड खरीदी की है, वो भी नए कानून बनने के बाद।
मोदी ने कहा - आप जहां चाहें जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं। आपको जहां सही दाम मिले आप वहां पर उपज बेच सकते हैं। आप न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर अपनी उपज बेचना चाहते हैं तो आप उसे बेच सकते हैं।
मोदी ने कहा - पहले कृषि कानून तोड़ने पर किसानों को पेनाल्टी लगती थी, लेकिन अब हमारी सरकार ने ऐसी पेनाल्टी को खत्म कर दिया है। अब खरीदार को किसानों को रसीद भी देनी होगी और तीन दिन के भीतर फसल का पैसा भी देना होगा।
मोदी ने कहा - अगर कोई किसान से एग्रीमेंट करेगा, तो वो चाहेगा कि फसल अच्छी हो। ऐसे में एग्रीमेंट करने वाला व्यक्ति बाजार के ट्रेंड के हिसाब से ही किसानों को आधुनिक चीजें उपलब्ध करवाएगा। अगर किसी वजह से किसान की फसल अच्छी नहीं होती या बर्बाद हो जाती है, तो भी किसान को फसल का पैसा मिलेगा। एग्रीमेंट करने वाला समझौता नहीं तोड़ सकता है, लेकिन किसान अपनी मर्जी से एग्रीमेट खत्म कर सकता है।
मोदी ने कहा - नए कानूनों के बाद आप मंडी में अपनी उपज बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं। आप अपनी उपज दूसरे राज्य में बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं। आप एफपीओ के माध्यम से उपज को एक साथ बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं। आप बिस्किट, चिप्स, जैम, दूसरे कंज्यूमर उत्पादों की वैल्यू चेन का हिस्सा बनना चाहते हैं? आप ये भी कर सकते हैं। आप अपनी उपज का निर्यात करना चाहते हैं ? आप निर्यात कर सकते हैं। आप उसे व्यापारी को बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं।
मोदी ने कहा - देश की सभी सरकारें इस योजना से जुड़ी हैं लेकिन सिर्फ बंगाल के 70 लाख किसानों के ये लाभ नहीं मिल पा रहा है। बंगाल की सरकार राजनीतिक कारणों से किसानों को फायदा नहीं पहुंचाने दे रही है। बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं। लेकिन, राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को इतने लंबे समय से रोक रखा है।
मोदी ने कहा - MSP खत्म नहीं होगी, मंडियां भी चालू रहेंगी। सरकार ने किसानों को इस बात का भरोसा दिया है, अगर फिर भी कोई शंका है तो सरकार चर्चा के लिए तैयार है।