लोकसभा में कांग्रेस से बोले PM मोदी - पंडित जी के सपने को पूरा करने का वक्त आ गया
By: Pinki Wed, 26 June 2019 00:16:25
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर भी हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों ने दिखा दिया कि देश की जनता खुद की बजाए देश की भलाई के लिए सोचती हैं, यह सोच तारीफ के काबिल है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र संविधान के पन्नों से पैदा नहीं हुआ है, बल्कि भारत में लोकतंत्र सदियों से हमारी आत्मा है, उस आत्मा को कुचल दिया गया था। हमारा सपना ऊंचा होने का नहीं बल्कि जड़ों से जुड़ने का है, जड़ों की गहराई से जुड़ने का है। जड़ों से ही ताकत पाकर देश को और ऊंचाई देना, ये ही हमारा रास्ता है।
पंडित जी के सपने को पूरा करने का वक्त आ गया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा कि अब वक्त आ गया है कि अधिकार के बजाय अब कर्तव्य निभाने पर जोर दिया जाए। पीएम ने कहा कि अब देश को कर्तव्य की राह पर ले जाने की जरूरत है। पीएम मोदी ने इसके लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू के 67 साल पुराने बयान को सदन में पेश किया और कहा कि दुनिया को भारत की सबसे बड़ी सीख है ये कि सबसे पहले कर्तव्य आते हैं इन्हीं कर्तव्यों से अधिकार निकलते हैं। उन्होंने कहा कि पंडित जी के सपने को पूरा करने का वक्त आ गया है।
पीएम मोदी ने पंडित जवाहर लाल नेहरू के एक कथन को सदन में पढ़ा, 'दुनिया को भारत की एक सबसे बड़ी सीख ये है कि यहां सबसे पहले कर्तव्य आते हैं, और इन्हीं कर्तव्यों से अधिकार निकलते हैं, आज के आधुनिक भौतिकवादी विश्व में जहां हर तरफ टकराव दिखाई पड़ते हैं वहां हर कोई अपने अधिकारों और सुविधा की बात करता है। शायद ही कोई कर्तव्यों की बात करता है। यही टकरावों की वजह हैं।।।ये वास्तविकता है कि अधिकारों और सुविधाओं के लिए ही हम लड़ाई लड़ते हैं, लेकिन ऐसा करने में अगर हम कर्तव्यों को भूल जाएं तो ये अधिकार और सुविधाएं भी हमारे पास नहीं रह पाएगी'
PM ने कहा कि जिस महापुरुष ने ये बात कही है उन्हें भुला दिया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि क्या हम उनकी इस बात को आगे ले जा सकते हैं? पीएम मोदी ने कहा कि ये बयान पंडित नेहरू ने पहले चुनाव के वक्त कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी होने से पहले 14 जुलाई 1951 को दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो सपना नेहरू ने 1951 में देखा था उसे आज हम पूरा कर सकते हैं। देश को कर्तव्य की राह पर ले जाने के लिए सबको साथ लेकर चल सकते है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश का अनुभव ऐसा है जब जब हमारे महापुरुषों ने देश से आह्वान किया लोगों ने स्वीकार किया। इसका मतलब है कि देश तैयार है। हमें 130 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें इसलिए कोसा जा रहा है कि फलाने को जेल में क्यों नहीं डाला। यह इमरजेंसी नहीं है सरकार किसी को भी जेल में डाल दे यह काम न्यायपालिका का है। हम कानून से चलने वाले लोग हैं। अगर किसी को जमानत मिलती है तो उसे एंज्वाय करें। बदले के भाव से काम नहीं होना चाहिए लेकिन भ्रस्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। देश ने हमें इतना दिया है कि हमें गलत रास्ते पर जाने की जरूरत नहीं है।'
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद का मुद्दे पर भी सभी से मिलकर लड़ने की अपील की। पीएम ने कहा, 'आतंकवाद पर देश में अलग अलग मत क्यों होने चाहिए। यह मानवता के लिए बहुत बड़ा संकट है, यह मानवता को चुनौती है। जो भी मानवता में विश्वास रहते हैं उन्हें इसके खिलाफ लड़ना होगा।'
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण को खत्म करते हुए कहा, 'आइए हम सब मिलकर एक नए भारत के निर्माण के लिए, राजनीति की सीमाओं से ऊपर देश होता है। देश के करोड़ों लोगों की आक्षाओं को पूरा करते हुए, राष्ट्रपति जी ने जो मार्गदर्शन दिया है उसके लिए उनका धन्यवाद करते हैं। हम सिर्फ उनके भाषण का धन्यवाद ही नहीं, बल्कि उसे जी करके राष्ट्रहित में कुछ करके सच्चे अर्थ में धन्यवाद पारित करें। इस चर्चा में शामिल हुए सभी सदस्यों का धन्यवाद करता हूं।'