J-K आरक्षण बिल लोकसभा में पेश, कांग्रेस ने विरोध में कही यह बात...

By: Pinki Fri, 28 June 2019 1:25:14

J-K आरक्षण बिल लोकसभा में पेश, कांग्रेस ने विरोध में कही यह बात...

लोकसभा में शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर आरक्षण बिल पेश किया गया। उन्होंने सबसे पहले सदन में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाए जाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा था जो दो जुलाई 2019 को पूरा हो रहा है। गृहमंत्री ने सदन से अनुरोध किया कि इस अवधि को छह माह के लिए और बढ़ाया जाए। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल सदन में पेश करते हुए कहा कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोग सबसे ज्यादा सीमा पार से होने वाली गोलीबारी से प्रभावित होते हैं और उन्हें आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा से लगे लोगों को जो 3 फीसदी आरक्षण है इसके अदंर अतंरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक रहने वालों को भी 3 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। ये आरक्षण किसी को खुश करने के लिए नहीं लेकिन मानवता के आधार पर उनकी समस्या को देखते हुए आरक्षण दिया जाना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि पहली बार जनता महसूस कर रही है कि जम्मू और लद्दाख भी राज्य का हिस्सा है। सबको अधिकार देने का काम मोदी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए सीमा पर रहने वाले लोगों की जान कीमती है और इसलिए सीमा पर बंकर बनाने का फैसला हुआ है। शाह ने कहा कि कश्मीर में लोकतंत्र बहाल रहे ये बीजेपी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आतंकवाद के खात्मे की कार्रवाई भी की जा रही है। उन्होंने सदन से अपील करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन के प्रस्ताव का समर्थन करें।

आरक्षण बिल का विरोध नहीं, तरीके का विरोध: कांग्रेस

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि अगर जम्मू कश्मीर में शांतिपूर्ण तरीके से लोकसभा के चुनाव करा सकते हैं तो विधानसभा चुनाव क्यों साथ में नहीं कराए गए। तिवारी ने कहा कि हमारे पश्चिमी पड़ोसी से जो चुनौती है वह खत्म होने वाली नहीं है। आपको आवाम को साथ रखना पड़ेगा तभी आप चुनौती का सामना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों का विश्वास जीतने में नाकाम रही है और इसी वजह से वहां हालात बिगड़े हैं। तिवारी ने कहा कि हम राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध करते हैं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि आरक्षण के प्रस्ताव का विषय विधानसभा के अधिकार में आता है और इस विधेयक को लाने का हक विधानसभा का होना चाहिए। सीमा पर रहने वाले लोगों का दर्द हम समझते हैं और आरक्षण पर हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उसके तरीके पर आपत्ति जरूर है।

बीजेपी-पीडीपी गठबंधन से बिगड़े हालात: मनीष तिवारी

लोकसभा में मनीष तिवारी ने कहा कि 2005 से 2008 तक कश्मीर का गोल्डन टाइम था क्योंकि कांग्रेस की सरकार ने वाजपेयी की नीतियों को आगे बढ़ाया। फिर से कश्मीर में फिर चुनाव हुए और कांग्रेस-एनसी की सरकार बनी जिसने 2014 तक राज्य में पारदर्शी शासन दिया। 2014 में एनडीए की सरकार बनने के बाद राज्य में चुनाव हुए और हमने एक प्रगतिशील प्रदेश बीजेपी सरकार को सौंपा था। तिवारी ने कहा कि राज्य में बीजेपी ने पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाए और यह गलत गठबंधन था। आज कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के हालात बीजेपी और पीडीपी के गठबंधन से बने हैं। तिवारी ने कहा कि आतंकवाद से आप सख्ती से निपटें मैं तो खुद इसका भुक्तभोगी हूं। आतंकवाद के खिलाफ आपकी किसी कठोर नीति का हम विरोध नहीं करते, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ जंग तभी जीती जा सकती है जब लोग आपका साथ देंगे।

कांग्रेस ने सुधारे कश्मीर के हालात: मनीष तिवारी

लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने जम्मू कश्मीर आरक्षण बिल और राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का विरोध करते हुए कहा कि आज जो कश्मीर में हालात है उसके लिए इतिहास में पीछे जाने की जरूरत है। 1990 में जब वीपी सिंह की सरकार थी जिसे बीजेपी और वामदलों का समर्थन था। उसी समय से स्थितियां बिगड़ने की शुरू हुई हैं। उस समय कांग्रेस के नेता राजीव गांधी ने सरकार को अगाह भी किया था। कांग्रेस की ओर से सरकार को चेताने के बावजूद भी राज्य के हालात नहीं सुधरे और वहां राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा। कश्मीर में हालात बिगड़े उसके लिए कश्मीर के लोग नहीं बल्कि पाकिस्तान जिम्मेदार था। पड़ोसी मुल्क ने पहले पंजाब और फिर कश्मीर में दखल दी, जिससे दोनों राज्यों के हालात बिगड़े। मनीष तिवारी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने परिस्थिति को संभाला और 1996 में चुनाव हुए और वहां नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार बनी और यह सरकार 6 साल चली। 2002 में फिर चुनाव हुए और वहां गठबंधन की सरकार बनी जिसमें कांग्रेस औ पीडीपी शामिल थी। मनीष तिवारी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए कहा कि जो पहल उन्होंने शुरू की उसे मनमोहन सिंह सरकार ने आगे बढ़ाया। 2008 में जरूर परिस्थियां बिगड़ीं लेकिन फिर कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनीं। लेकिन जब 2014 में बीजेपी की सरकार तो वहां भी चुनाव हुए थे उसमें 65 फीसदी लोगों ने हिस्सा लिया था। हमने आपको एक विकासशील प्रदेश सौंपा था।

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