भारत को रहना होगा सतर्क, T-90 सहित 600 युद्धक टैंकों को बेड़े में शामिल करने की तैयारी में पाक, LOC पर करेगा तैनात!

By: Pinki Sun, 30 Dec 2018 8:21:53

भारत को रहना होगा सतर्क, T-90 सहित 600 युद्धक टैंकों को बेड़े में शामिल करने की तैयारी में पाक, LOC पर करेगा तैनात!

पाकिस्तान ने सेना को मजबूत करने के लिए 600 टैंकों को खरीदने की एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। इनमें रूस में बने T-90 टैंक भी शामिल होंगे। सैन्य और खुफिया सूत्रों ने रविवार को यह दावा किया। दरअसल, पाकिस्तान की इस योजना का उद्देश्य मुख्य रूप से भारत से लगी सीमा पर अपनी लड़ाकू क्षमता को मजबूत बनाना है। सूत्रों ने बताया कि इनमें से ज्यादातर टैंक तीन से चार किमी की दूरी तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम होंगे और वे कुछ टैंकों को जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनात करने वाले हैं। उन्होंने बताया कि युद्धक टैंकों के अलावा पाकिस्तानी सेना इटली से 150 एमएम की 245 एसपी माइक-10 भी खरीद रही है, जिनमें से 120 तोपें यह प्राप्त कर चुकी हैं।

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान रूस से कई 'टी -90' युद्धक टैंक खरीदने की सोच रहा है, जो भारतीय थल सेना का मुख्य आधार है। पाकिस्तान का यह कदम रूस के साथ पाकिस्तान के मजबूत रक्षा संबंध बनाने के इरादे को प्रदर्शित करता है। बता दें कि रूस भारत का सबसे बड़ा और सबसे विश्वसनीय रक्षा साजो सामान आपूर्तिकर्ता है।

पाकिस्तान ने पिछले कुछ बरसों में रूस के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास किए हैं। इसके अलावा उसने उससे रक्षा खरीद भी की है, जिससे भारत को कुछ चिंता हुई है।

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने 2025 तक अपने अपने बख्तरबंद बेड़े को मजबूत करने के लिए वैश्विक स्तर पर कम से कम 360 युद्धक टैंक खरीदने का फैसला किया है। इसके अलावा चीन की मदद से वह 220 टैंकों को स्वदेश में तैयार कर रहा है। अपनी बख्तरबंद कोर को मजबूत करने के लिए पाकिस्तान सेना ने यह कदम ऐसे वक्त में उठाया है, जब जम्मू कश्मीर में एलओसी पर पिछले एक साल में शत्रुता बढ़ती हुई दिखी है। बगैर उकसावे के पाकिस्तान की ओर से की गई हर फायरिंग का भारतीय थल सेना ने माकूल जवाब दिया है।

सैन्य सूत्रों ने बताया कि भारतीय थल सेना के बख्तरबंद रेजीमेंटों का आधुनिकीकरण प्रक्रियागत विलंब के चलते धीमी गति से चल रहा है और इस मुद्दे की जांच सरकार के बहुत उच्च स्तर पर की जा रही है। भारतीय थल सेना ने भी अपनी इंफैंट्री और बख्तरबंद कोर का आधुनिकीकरण करने की एक बड़ी योजना बनाई है, हालांकि, 60,000 करोड़ रुपये का 'फ्यूचरिस्टिक इंफैंट्री कॉम्बैट व्हेकिल' (एफआईसीवी) कार्यक्रम विभिन्न कारणों को लेकर अटक गया है।

फिलहाल, भारत के बख्तरबंद रेजीमेंटों में मुख्य रूप से टी-90, टी-72 और अर्जुन टैंक शामिल हैं, जिससे उसे पाकिस्तान पर कुछ सर्वोच्चता हासिल है। लेकिन सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान इस खाई को जल्द पाटने के लिए गंभीरता से योजना बना रहा है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय थल सेना के करीब 67 बख्तरबंद रेजीमेंटों की तुलना में पाकिस्तान थल सेना के इसी तरह के रेजीमेंटों की संख्या करीब 51 है।

उन्होंने कहा कि अभी पाकिस्तान के 70 प्रतिशत टैंक रात में भी संचालित किए जाने की क्षमता रखते हैं, जो चिंता का विषय है। सूत्रों ने बताया कि टी-90 टैंकों के अलावा, पाकिस्तान थल सेना चीनी वीटी- 4 टैंक तथा यूक्रेन से अपलोड- पी टैंक हासिल करने की प्रक्रिया में है। इन दोनों तरह के टैंकों के लिए पाकिस्तान सेना पहले से ही परीक्षण कर रही है। रक्षा मामलों के एक विशेषज्ञ ने कहा कि पाकिस्तान थल सेना अपने बख्तरबंद रेजीमेंटों का आधुनिकीकरण समयबद्ध तरीके से कर रही है, जो भारत में नहीं हो रहा है। पाकिस्तान जिस तरह से अपने टैंकों के बेड़े का आधुनिकीकरण कर रहा है, वह चिंता का विषय है।

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