दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद पर पाक पीएम का गोलमोल जवाब, 'हम अतीत में नहीं जी सकते। हमें अतीत को पीछे छोड़ना होगा...'
By: Priyanka Maheshwari Fri, 30 Nov 2018 09:27:38
अपनी सरकार के सौ दिन पूरे होने के मौके पर भारतीय पत्रकारों से बातचीत करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने गुरुवार को कहा कि करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास के बाद वह कश्मीर में शारदा पीठ, कटासराज सहित अन्य हिंदू तीर्थों के कॉरिडोर खोलने के प्रस्ताव पर भी विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अतीत के मसले के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने यह माना कि अन्य देशों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपने देश की सीमा के इस्तेमाल की इजाजत देना पाकिस्तान के हित में नहीं है और कहा कि दोनों पड़ोसियों के बीच शांति लाने के लिए वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं। दरअसल विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि पाकिस्तान जब तक आतंकवादी गतिविधियां बंद नहीं करता, तब तक बातचीत नहीं हो सकती। साथ ही भारत ने पाकिस्तान को सख्त लहजे में सीमा पार के आतंकवादियों को संरक्षण देना बंद करने का संदेश दिया था।
खान ने कहा कि भारत का गुनहगार दाऊद इब्राहिम और मुंबई हमले का मास्टर माइंड हाफिज सईद के मसले उन्हें विरासत में मिले हैं। इसके लिए उनकी सरकार जिम्मेदार नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि उनकी सरकार आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के खिलाफ कार्रवाई करेगी, खान ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा, "हम अतीत में नहीं जी सकते। हमें अतीत को पीछे छोड़ना होगा और आगे देखना होगा। हमारे पास भी भारत में वांटेड लोगों की सूची है।" उन्होंने कहा हाफिज सईद पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगा रखा है। जमात-उद-दावा प्रमुख पर पहले से ही शिकंजा कसा हुआ है। जमात-उद-दावा को जून, 2014 में अमेरिका ने एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था। सईद लश्कर-ए-तैयबा का सह संस्थापक है जो मुम्बई में 26 नवंबर 2008 को हुए हमले के लिए जिम्मेदार है। इन हमलों में 166 लोगों की मौत हुई थी।
मुंबई हमलों के बाद सईद को नजरबंद किया गया था लेकिन 2009 में अदालत ने उसे रिहा कर दिया था। भारत, पाकिस्तान से 2008 के मुंबई हमलों के साजिशकर्ताओं को दंडित किए जाने की मांग करता रहा है। गौरतलब है कि हाल ही में सुरक्षा परिषद ने आतंकियों की सूची जारी की थी, जिसमें दाऊद भी शामिल था और उसका पता कराची बताया गया था। उल्लेखनीय है कि करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत से संबंध सुधारने की मंशा तो जताई थी, लेकिन आतंकवाद पर चुप्पी साधे रखी।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोग भारत के साथ अमन चाहते हैं तथा उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात और बात करने में खुशी होगी। खान ने कहा,‘‘यहां के लोगों की मानसिकता बदल चुकी है।’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या कश्मीर मुद्दे का समाधान संभव है तो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘कुछ भी असंभव नहीं है।’’
उन्होंने कहा,‘‘ मैं किसी भी मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार हूं। कश्मीर का हल सैन्य समाधान नहीं हो सकता।’’ बुधवार को करतारपुर गलियारे के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कश्मीर का जिक्र किए जाने पर भारत की आपत्ति पर खान ने कहा कि वह बस इतना कहने की कोशिश कर रहे थे कि दोनों पक्ष बैठकर बात करें तो इस मुद्दे का समाधान असंभव नहीं है। पाक पीएम ने जेल में बंद 33 वर्षीय भारतीय कैदी का मसला सुलझाने का भरोसा दिया है। दरअसल मुंबई निवासी हामिद नेहाल अंसारी को पाकिस्तान में एक युवती से मिलने के लिए अवैध रूप से प्रवेश करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। इमरान ने कहा कि मुझे इस मसले के बारे में मालुमात नहीं है, लेकिन हम पूरा प्रयास करेंगे।
भारत के साथ संबंधों को सुधारने के अपने आह्वान का संदर्भ देते हुए खान ने यह भी कहा कि हालांकि शांति के प्रयास एकतरफा नहीं हो सकते है और भारत में आम चुनाव हो जाने तक पाकिस्तान उसके जवाब का इंतजार करेगा।