Article 370 : भारत से युद्ध नहीं चाहते, अगर हुआ तो देंगे करारा जवाब : इमरान खान

By: Pinki Fri, 09 Aug 2019 1:01:01

Article 370 : भारत से युद्ध नहीं चाहते, अगर हुआ तो देंगे करारा जवाब : इमरान खान

जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) से धारा 370 (Article 370) हटने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) में बौखलाहट है। एक तरफा कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान ने कूटनीतिक रिश्तों, व्यापारिक संबंधों के साथ-साथ समझौता एक्सप्रेस के संचालन को बंद कर दिया है। इसके साथ ही उसने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाने का भी फैसला किया है। वही इन सबके बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने भारत को धमकी भी दे दी। गुरुवार को कुछ सीनियर पत्रकारों से मुलाकात के दौरान इमरान खान ने कहा पाकिस्तान भारत से जंग नहीं चाहता, अगर युद्ध हुआ तो वो भारत को करारा जवाब देंगे।

दो दिन पहले पार्लियामेंट के ज्वाइंट सेशन में विपक्ष के नेता और पीएमएल-एन के नेता शहबाज शरीफ ने कहा था कि पाकिस्‍तान सरकार को जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद-370 हटाने के मामले में तीखी प्रतिक्रिया देनी चाहिए। इसके जवाब में इमरान खान ने शरीफ की मांग पर पूछा कि विपक्ष के नेता क्‍या चाहते हैं? क्‍या मुझे पाकिस्‍तानी सेना को भारत पर हमले का आदेश दे देना चाहिए?

वही मंगलवार को इमरान खान सरकार के मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि संसद में बेकार के विषयों पर उलझने के बजाय हमें भारत का जवाब खून, आंसू और पसीने से देना होगा। हमें जंग के लिए तैयार रहना होगा।

इमरान ने गीदड़ भभकी देते हुए ये भी कहा था कि वो जम्‍मू-कश्‍मीर से आर्टिकल 370 हटाने के कारण भारत में पुलवामा जैसी घटनाएं होंगी। उन्‍होंने ये भी कहा कि हम इस मामले को संयुक्त राष्‍ट्र लेकर जाएंगे।

डर गया है पाकिस्तान!

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गुरुवार को कहा कि भारत अगर कश्मीर पर अपने कदमों पर पुनर्विचार को राजी हो जाता है तो इस्लामाबाद उसके खिलाफ राजनयिक संबंधों को कम करने सहित अपने निर्णयों की समीक्षा करने को तैयार है। इस बीच पाकिस्तान ने भारत के फैसले को चुनौती देने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जाने का फैसला किया है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा में पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए भारत ने तैयारी शुरू कर दी है।

पाक को UN ने शिमला समझौते की याद दिलाई

पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाने का फैसला किया है। लेकिन अमेरिका ने साफ कर दिया है कि कश्मीर मुद्दे पर वो अपनी पुरानी नीति पर कायम है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मॉर्गन आर्टगस ने कहा कि उनका देश भारत और पाकिस्तान के संबंधों को पटरी पर लाने के लिए निगाह लगाए हुए है। अमेरिका ने साफ कर दिया है कि कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय बातचीत के जरिए ही सुलझाना चाहिए। यह अमेरिका के उस बयान से उलट है जिसमें राष्ट्रपति ट्रंप ने मध्यस्थता की पेशकश की थी। मार्गन आर्टगस का कहना है कि बैंकॉक में आसियान देशों के सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से कई दफा बातचीत हुई। वो अमेरिकी विदेश मंत्री के संपर्क में लगातार थे। उन्होंने कहा कि जुलाई के महीने में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान अमेरिका में थे। लेकिन दोनों देशों के बीच बातचीत के एजेंडे में कश्मीर नहीं था। अमेरिका का मानना है दक्षिण-पूर्व एशिया में शांति की स्थापना में दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य होने चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका का मानना रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी विवादित विषय पर बातचीत करने का आधारशिला शिमला समझौता ही है।

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