नोएडा नमाज विवाद: असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी पुलिस पर उठाए सवाल कहा- कांवड़ियों पर फूल बरसाते है, पर सप्ताह में एक बार नमाज पढ़ने से क्यों परेशानी?
By: Priyanka Maheshwari Wed, 26 Dec 2018 12:51:03
मंगलवार को उत्तर प्रदेश के नोएडा में मुस्लिम कर्मचारियों को पार्क में नमाज पढ़ने (Noida Namaz Controversy) से रोकने वाले नोटिस पर बवाल मच गया है। नोएडा सेक्टर-58 के थाना प्रभारी की ओर से यह नोटिस जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि कंपनी अपने कर्मचारियों को इस बारे में अवगत कराए कि पार्क में इकट्ठे होकर मुस्लिम कर्मचारी नमाज न पढ़ें। इसके बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसको लेकर यूपी पुलिस को निशाने पर लिया है। इसको लेकर ओवैसी ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस कांवड़ियों पर फूल बरसाती है, लेकिन मुस्लिमों के नमाज पढ़ने पर शांति और सौहार्द बिगड़ता है।
ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, 'यूपी पुलिस कांवड़ियों पर तो फूल बरसाती है, पर सप्ताह में एक बार पढ़े जाने वाले नमाज से उन्हें शांति व सौहार्द में बाधा नजर आने लगती है। यह मुसलमानों को यह कहने जैसा है कि आप कुछ भी करो गलती तो आपकी ही होगी।' उन्होंने कर्मचारियों के नमाज पढ़ने पर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की चेतावनी पर भी सवाल उठाए। एआईएमआईएम नेता ने कहा कि कानून के तहत आखिर किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी को उसके कर्मचारी के उस काम के लिए कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जो उसने व्यक्तिगत तौर पर किया हो। उनका यह ट्वीट नमाज को लेकर नोएडा पुलिस के विवादित निर्देश के बाद आया है।
UP Cops literally showered petals for Kanwariyas, but namaz once a week can mean “disrupting peace & harmony”. This is telling Muslims: aap kuch bhi karlo, ghalti to aapki hi hogi.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 25, 2018
Also, by law, how does one hold an MNC liable for what their employees do in individual capacity? https://t.co/b90Jw5ZMHY
बता दें, नोएडा पुलिस (Noida Police) ने कंपनियों को एक विवादित नोटिस भेजा है। जिसमें कंपनियों से कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके मुस्लिम कर्मचारी पार्क में नमाज न पढ़ें। नोएडा सेक्टर-58 के थाना प्रभारी की ओर से यह नोटिस जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि कंपनी अपने कर्मचारियों को इस बारे में अवगत कराए कि पार्क में इकट्ठे होकर मुस्लिम कर्मचारी नमाज न पढ़ें।
नोटिस में कहा गया है, 'सेक्टर-58 स्थित अथॉरिटी के पार्क में प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधि(जिसमें शुक्रवार को पढ़े जाने वाली नमाज शामिल है) की अनुमति नहीं है। अक्सर देखने में आया है कि आपकी कंपनी के मुस्लिम कर्मचारी पार्क में इकट्ठे होकर नमाज पढ़ने के लिए आते हैं। उन्हें एसएचओ की ओर से मना किया जा चुका है। उनके द्वारा दिए गए नगर मजिस्ट्रेट महोदय के प्रार्थना पत्र पर किसी भी प्रकार की कोई अनुमति नहीं दी गई है।' कंपनी को संबोधित करते हुए भेजे गए नोटिस में लिखा गया है, 'आपसे यह उम्मीद की जाती है कि आप अपने स्तर पर अपने मुस्लिम कर्मचारियों को अवगत कराएं कि वे नमाज पढ़ने के लिए पार्क में न जाएं। यदि आपकी कंपनी के कर्मचारी पार्क में आते हैं तो यह समझा जाएगा कि आपने उनको इसकी जानकारी नहीं दी है। इसके लिए कंपनी जिम्मेदारी होगी।' हालांकि, जब एसएसपी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह आदेश सभी धर्मों के लिए है।
बताया जा रहा है कि सेक्टर-58 के पार्क में नमाज को लेकर विवाद पिछले एक महीने से चल रहा है। सेक्टर 58 में पिछले पांच साल से नमाज पढ़ा रहे मौलाना नोमान ने बताया कि उन्हें और उनके साथी आदिल रशीद को पुलिस ने धारा 191 के तहत जेल भेज दिया था। नोएडा की करीब 12 कंपनियों को पिछले सप्ताह यह निर्देश मिला। सूत्रों का कहना है कि कंपनियों ने इस विवादित निर्देश के खिलाफ कोर्ट का रुख करने का मन भी बनाया है।