सवर्ण आरक्षण: लोकसभा में संविधान संसोधन बिल पारित होने पर बोले PM मोदी, 'देश के लिए ऐतिहासिक क्षण'
By: Priyanka Maheshwari Wed, 09 Jan 2019 08:42:49
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने वाला विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पारित होने पर इसे देश के इतिहास में ''ऐतिहासिक क्षण'' करार दिया। मंगलवार को लोकसभा में पेश किए गए आरक्षण विधेयक का लगभग सभी पार्टियों ने समर्थन किया और उसे पारित भी करा लिया। बिल के समर्थन में जहां 323 वोट पड़े वहीं, विरोध में महज 3 वोट।
लोकसभा में यह विधेयक पारित होने के बाद किए गए ट्वीट में मोदी ने कहा कि इसने एक ऐसे प्रभावी उपाय को हासिल करने की प्रक्रिया को गति दी है जिससे समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित होगा। मोदी ने कहा, ''यह सुनिश्चित करना हमारा प्रयास है कि हर गरीब व्यक्ति, चाहे वह किसी भी जाति या संप्रदाय का हो, गरिमापूर्ण जीवन जिये और उसे हर संभव मौके मिलें।''
बता दे, लोकसभा में मंगलवार को सरकार ने संविधान संशोधन बिल पेश कर दिया था। इस मुद्दे पर बहस के बाद रात 9.55 बजे वोटिंग हुई। वोटिंग में 326 सांसदों ने हिस्सा लिया। इसमें संविधान संशोधन विधेयक के पक्ष में 323 वोट पड़े। 3 सांसदों ने इसका विरोध किया। बिल लोकसभा में पास हो गया। शाम 5 बजे से शुरू हुई बहस के बाद रात 9.55 बजे इस विधेयक पर वोटिंग हुई।
अब आज इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जायेगा। सरकार के लिए असली अग्निपरीक्षा तो अब शुरू होगी। दरहसल, राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है। राज्यसभा में भाजपा के पास सबसे अधिक 73 सदस्य हैं, जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस के 50 सदस्य हैं। राज्यसभा में अभी सदस्यों की कुल संख्या 244 है और कांग्रेस की जेपीसी की मांग इस बिल को लटका सकती है। सूत्रों ने यह भी बताया कि विपक्षी पार्टियों के नेता राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ाने के सरकार के ‘‘एकतरफा’’ कदम का भी विरोध कर रहे हैं और वे सदन में विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने बताया कि कांग्रेस इस विधेयक का समर्थन कर सकती है, जबकि विपक्षी पार्टियां इसे पारित करने में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं।
We are resolutely committed to the principle of ‘Sabka Saath, Sabka Vikas.’
— Narendra Modi (@narendramodi) January 8, 2019
It is our endeavour to ensure that every poor person, irrespective of caste or creed gets to lead a life of dignity, and gets access to all possible opportunities.
लोकसभा में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी सरकार बनने के बाद ही गरीबों की सरकार होने की बात कही थी और इसे अपने हर कदम से उन्होंने साबित भी किया। उनके जवाब के बाद सदन ने 3 के मुकाबले 323 मतों से विधेयक को पारित कर दिया। चर्चा का जवाब देते हुए गहलोत ने कहा कि बहुत सारे सदस्यों ने आशंका जताई है कि 50 फीसदी आरक्षण की सीमा है तो यह कैसे होगा? जो पहले के फैसले किए गए वो संवैधानिक प्रावधान के बिना हुए थे।
उन्होंने कहा कि नरसिंह राव की सरकार को संवैधानिक प्रावधान के बिना 10 फीसदी आरक्षण का आदेश जारी किया था, जो नहीं करना चाहिए था। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नीति और नीयत अच्छी है। इसलिए संविधान में प्रावधान करने के बाद हम आरक्षण देने का काम करेंगे। ऐसे में इस तरह की (उच्चतम न्यायालय में निरस्त होने की) शंका निराधार है।
इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृह मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे। सदन में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद थे। गहलोत ने कहा कि पूरे विचार-विमर्श के बाद यह कदम उठाया गया है। हम देर से लाए, लेकिन अच्छी नीयत से लाए। इसलिए आशंका करने की जरूरत नहीं है। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने 3 के मुकाबले 323 मतों से विधेयक को मंजूरी दे दी।
सरकार की नीयत पर सवाल
आर्थिक आधार पर आरक्षण विधेयक को लेकर लोकसभा में मंगलवार को करीब 5 घंटे तक चली बहस में लगभग सभी दलों ने इसका पक्ष लिया, लेकिन किसी ने भी इसका खुलकर विरोध नहीं किया। हालांकि कई सांसदों ने इस विधेयक को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल भी खड़े किए। कांग्रेस ने कहा कि वह आर्थिक रूप से पिछड़े तबकों को शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए लाए गए विधेयक के समर्थन में है, लेकिन उसे सरकार की मंशा पर शक है। पार्टी ने कहा कि सरकार का यह कदम महज एक 'चुनावी जुमला' है और इसका मकसद आगामी चुनावों में फायदा हासिल करना है। वहीं, बसपा, सपा, तेदेपा और द्रमुक सहित विभिन्न पार्टियों ने इसे भाजपा का चुनावी स्टंट करार दिया।