बालिका गृह रेप कांड: मेडिकल जांच में खुलासा - 29 लड़कियों में से 6 हुई थीं गर्भवती तीन का कराया था अबॉर्शन

By: Priyanka Maheshwari Sat, 28 July 2018 08:01:14

बालिका गृह रेप कांड: मेडिकल जांच में खुलासा - 29 लड़कियों में से 6 हुई थीं गर्भवती तीन का कराया था अबॉर्शन

मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड में मेडिकल जांच के दौरान एक चौकाने वाली बात सामने आ रही है। यहां रखी गई 29 नाबालिग लड़कियों में से छह गर्भवती हो गई थीं। इनमें से तीन का अबॉर्शन भी करवाया गया था। इतना ही नहीं जांच में यह बात भी साबित हुई है कि गर्भवती हुई लड़कियों की उम्र 7 से 14 वर्ष के बीच है। 40 लड़कियों की जांच में 29 के साथ रेप की पुष्टि हुई थी। स्पेशल पॉक्सो कोर्ट के सामने दिए गए बयान में लड़कियों ने रिमांड होम के संचालक बृजेश ठाकुर पर भी रेप करने का आरोप लगाया है।

लड़कियों ने सुनाई आपबीती - विरोध करने पर हाथ पांच बांध दिए जाते थे

- ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज बयान में दस वर्ष की एक पीड़िता ने कहा कि सूरज के ढलते ही बालिका गृह की लड़कियों के बीच दहशत फैल जाती थी। रातें आतंक की तरह बीतती थीं।
- दस वर्षीय एक और पीड़िता ने बताया कि कहना नहीं मानने वाली लड़कियों की वह डंडों से पिटाई करता था।
- 14 साल की एक अन्य पीड़िता ने बताया कि बृजेश के बालिका गृह आते ही कई लड़कियां तो डर से कांपने लग जाती थीं। उसे हंटरवाला अंकल कहा जाता था।
- कोर्ट के सामने सात साल की एक पीड़िता ने बताया कि रेप के दौरान उसके हाथ पैर बांध दिए जाते थे। विरोध करने पर तीन दिन तक भूखा रखा जाता था और बेरहमी से पिटाई होती थी। बृजेश ठाकुर से माफी मांगने और उसके सामने सरेंडर करने पर ही खाना दिया जाता था।
- सात साल की एक लगभग गूंगी पीड़िता ने बताया कि उसे दो दिन भूखा रखा गया और वह हार गई। उसके साथ लगातार प्रताड़ना और रेप के बाद वह कई दिनों तक चलने-फिरने के काबिल नहीं रही।

रात में बाहर ले जाया जाता था

- पीड़िताओं ने बताया कि उनकी कई साथियों को रात में बाहर ले जाया जाता था और वह अगले दिन वापस लाई जाती थी। बाहर जाने वाली पीड़िताओं को नहीं पता होता था कि कि उन्हें कहां ले जाया जाता था।
- 11 साल की एक पीड़िता ने अपने बलात्कारी की पहचान तोंदवाले अंकल के रूप में किया, तो दूसरी ने उसी अपराधी की पहचान बताते हुए कहा कि वह मूंछवाला भी था।

शिकायत करने पर वह बुरी तरह प्रताड़ित करती थी

पीडिताओं ने बताया जब वह तोंदवाला और मूंछवाला नेताजी वहां होते थे तो किसी को भी रूम में आने की इजाजत नहीं होती थी। पीडिता ने कोर्ट को बताया कि वहां काम करने वाली किरण बच्चियों की शिकायत को बार-बार नजरअंदाज कर देती थी।

वहीं दूसरी कर्मचारी नेहा के बारे में सात साल की पीड़िता ने बताया कि ऐसी शिकायत करने पर वह बुरी तरह प्रताड़ित करती थी। किरण और नेहा को भी मामले में 10 आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया गया है।

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