लॉकडाउन में इस कंपनी को नहीं मिली मुफ्ट में बाटने की इजाजत, फेंकनी पड़ी 26 टन आइसक्रीम

By: Pinki Fri, 07 Aug 2020 5:22:51

लॉकडाउन में इस कंपनी को नहीं मिली मुफ्ट में बाटने की इजाजत, फेंकनी पड़ी 26 टन आइसक्रीम

मुंबई की एक कंपनी को लॉकडाउन के बीच 26 टन आइसक्रीम फेंकनी पड़ी। कंपनी का कहना है कि यह उसका बेहतरीन किस्म का आइसक्रीम उत्पाद था। मुंबई के नेचुरल्स आइसक्रीम की फैक्ट्री में 45,000 छोटे बॉक्स में पैक 26 टन आइसक्रीम दुकानों पर जाने को तैयार थी। लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने 19 मार्च को ही यह ऐलान कर दिया कि 20 मार्च से राज्य में लॉकडाउन लगा दिया जाएगा। यह कंपनी के लिए बहुत बड़ा झटका था। कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से पहले से ही आइसक्रीम की खपत काफी कम हो गई थी। कंपनी ने बीएमसी, पुलिस से इसे मुफ्त बांटने की इजाजत मांगी गई थी, लेकिन कोरोना की वजह से यह नहीं हो पाया। इसके बाद कंपनी ने आइसक्रीम को ठिकाने लगाने के लिए एक दूसरे फर्म से संपर्क किया।

नेचुरल्स आइसक्रीम के वाइस प्रेसिडेंट हेमंत नाईक ने बताया, 'हमने तो ऐसी कोई नीति ही नहीं बनाई थी कि अपने उत्पादों का एक्सपायर होने के बाद क्या इस्तेमाल हो सकता है। डेयरी उत्पाद होने के नाते हम इसका कुछ नहीं कर सकते थे। इसे फेंकना ही था। हमें इसके आसार भी नहीं लगे थे कि महाराष्ट्र सरकार केंद्र से पहले ही लॉकडाउन लगा देगी।'

मुफ्त बांटने की पेशकश

गौरतलब है कि नेचुरल्स की आइसक्रीम फ्रेश फ्रूट जूस से बनी होती हैं, इसलिए इनकी लाइफ भी करीब 15 दिन ही होती है। महाराष्ट्र के लॉकडाउन के कुछ दिनों के बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इसके बाद कंपनी ने कोशिश की कि इन आइसक्रीम को एक्सपायर होने से पहले ही गरीबों में बांट दिया जाए। कंपनी ने इसके लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) और पुलिस से इजाजत मांगी, जिसमें वितरण के लिए जरूरी वाहनों की आवाजाही की इजाजत देने का भी आवेदन था। लेकिन प्रशासन सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई के लिए इजाजत दे रहा था। और जाहिर है कि आइसक्रीम को आवश्यक वस्तु में नहीं माना गया।

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कैसे फेंकी इतनी आइसक्रीम

आब कंपनी के पास सबसे बड़ी समस्या यह थी कि इतनी आइसक्रीम को कहां और कैसे फेंका जाए। ऐसे में कंपनी ने संजीवनी S3 नामक एक फर्म से संपर्क किया जिसके पास मुंबई में रेयर वेट डिस्पोजल प्लांट है। इस प्लांट में आइसक्रीम का निस्तारण किया गया और उसे बायोगैस में बदल दिया गया। हालांकि लॉकडाउन की वजह से इस गैस का भी कहीं इस्तेमाल नहीं हो पाया और वैसे ही जला दिया गया। बता दे इस आइसक्रीम को बहाने से कंपनी को करीब 2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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