भारतीयों के शवों के अवशेष लेकर लौटे वीके सिंह, मुआवजे और नौकरी देने के सवाल पर भड़के
By: Priyanka Maheshwari Mon, 02 Apr 2018 5:38:49
इराक के मोसुल में 2014 में आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट द्वारा मारे गए 38 भारतीयों के पार्थिव अवशेष सोमवार दोपहर भारतीय वायुसेना के एक विशेष विमान से यहां पहुंचे। विदेश राज्यमंत्री वी.के सिंह विमान में पार्थिव अवशेषों के साथ थे। विमान सबसे पहले पंजाब के अमृतसर में उतरा, जहां पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री की हैसियत से नवजोत सिंह सिद्धू अवशेषों को लेने के लिए मौजूद थे। यहां पहुंचने के बाद वी.के. सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस भी की, जिसमें सिद्धू भी मौजूद रहे। इन सभी भारतीय नागरिकों को 2014 में ही आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) ने अगवा कर लिया था और बाद में उन्हें मौत के घाट उतार दिया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 20 मार्च को इनके मारे जाने की पुष्टि की थी। इनमें पंजाब के 27 नागरिक थे।
विदेश राज्य मंत्री वी.के. सिंह इन अवशेषों को लाने के लिए रविवार को मोसुल के लिए रवाना हुए थे। उन्होंने बताया कि एक भारतीय नागरिक की मौत से जुड़ा मसला अभी लंबित है, इसलिए फिलहाल 39 में से 38 शवों के अवशेष ही देश लाए जाएंगे। सोमवार दोपहर बाद अमृतसर पहुंचने पर वी.के. सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर पूरी प्रक्रिया में मदद के लिए इराक सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इराक सरकार की मदद से ही शवों के अवशेष टीले को खोदकर निकलवाए गए और बाद में उनका डीएनए मैच कराया गया। उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया में मदद के लिए इराक सरकार को धन्यवाद दिया।
This is not a game of football, Both state and central govt are sensitive govts, EAM had asked the families for the details of their members who can be given jobs etc, we will review: VK Singh,MoS MEA on whether kin of the 38 Indians will be given jobs pic.twitter.com/J0ryINOc1P
— ANI (@ANI) April 2, 2018
वी.के. सिंह हालांकि पीड़ित परिवारों को मुआवजे और रिश्तेदारों को नौकरी देने के सवाल पर भड़क गए। आज मुआवजे की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'ये बिस्कुट बांटने वाला काम नहीं है, ये आदमियों की जिंदगी का सवाल है, आ गई बात समझ में? मैं अभी ऐलान कहां से करूं? जेब में कोई पिटारा थोड़े रखा हुआ है।'
वहीं, 38 भारतीय नागरिकों के परिजनों को नौकरी देने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'यह कोई फुटबॉल का खेल नहीं है। राज्य और केंद्र, दोनों सरकारें संवेदनशील हैं। विदेश मंत्री ने परिवारों से विस्तृत ब्यौरा मांगा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि किन्हें नौकरी दी जा सकती है, हम हालात की समीक्षा करेंगे।'
Ye biscuit baantne wala kaam nahi hai, ye admiyon ki zindagi ka sawal hai,a gayi baat samajh mein?Main abhi elaan kahan se karoon?Jeb mein koi pitaara thodi rakha hua hai: VK Singh,MoS MEA on if there would be some compensation announced today for kin of 38 Indians killed in Iraq pic.twitter.com/jQFp2IXDLW
— ANI (@ANI) April 2, 2018
हालांकि पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री सिद्धू ने इस मौके पर सभी प्रभावित परिवारों के लिए पांच-पांच लाख रुपये की सहायता राशि और हर परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी देने की बात कही। साथ ही उनके लिए मौजूदा पेंशन 20,000 रुपये जारी रखने की बात भी कही।
इससे पहले इराक में भारत के राजदूत प्रदीप सिंह राजपुरोहित ने बताया था कि शवों के अवशेषों को बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सेना के विमान में रखवा दिया गया है। ताबूतों को विमान में चढ़ाए जाने के दौरान वी के. सिंह ने उन्हें सलामी दी। उन्होंने कहा कि भारत सभी तरह के आतंकवाद के खिलाफ है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने आईएस को 'खूंखार' व 'क्रूर' आतंकी संगठन करार देते हुए कहा कि 'हमारे देश के नागरिक आईएस की गोलियों के शिकार हुए हैं।' उन्होंने कहा, 'हमलोग हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं।'
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इराक के मोसुल में 2014 में अगवा हुए 39 भारतीयों के मारे जाने की पुष्टि 20 मार्च को की थी। विदेश मंत्री की इस घोषणा के बाद कुछ पीड़ित परिवारों ने सरकार पर उन्हें अंधेरे में रखने का आरोप लगाया था। हालांकि विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने किसी को भी अंधेरे में नहीं रखा, बल्कि हमेशा यही कहा कि उनका जिंदा या मृत होने का सरकार के पास कोई सबूत नहीं है। सरकार ने इस बारे में किसी को झूठी उम्मीद या दिलासा नहीं दिया।
Ex-gratia compensation of Rs 5 lakh per family, job for one person per family will be given and current pension of Rs 20,000 to continue: Punjab Minister Navjot Singh Sidhu on compensation for 27 of 39 Indians killed in Iraq who were from Punjab pic.twitter.com/KIaHKBrzR5
— ANI (@ANI) April 2, 2018