मानसून सत्र : केंद्र के सामने इन बिलों को पास करवाना बड़ी चुनौती
By: Priyanka Maheshwari Mon, 16 July 2018 3:38:11
राहुल ने सोमवार को मोदी को पत्र लिखकर 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में महिला आरक्षण बिल लाने की मांग की। राहुल ने लिखा, 'हमारे प्रधानमंत्री खुद को महिला सशक्तिकरण के लिए धर्मयुद्ध करने वाला बताते हैं। अब पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठने और महिलाओं के लिए कुछ करने का समय आ गया है। आप मानसून सत्र में महिला आरक्षण बिल लेकर आएं, कांग्रेस बिना शर्त इसका समर्थन करेगी।' वही इसके साथ इस मानसून सत्र में विपक्षी पार्टियां कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने के लिए तैयार हैं। इसे देखते हुए सत्र के काफी हंगामेदार होने के आसार हैं। ऐसे में सरकार अपने एजेंडा को आगे बढ़ाते हुए कुल 34 विधेयकों को पारित कराना चाहेगी। इनमें से 16 नए विधेयक पेश किए जाने हैं, जिनमें उपभोक्ता संरक्षम विधेयक और जम्मू एवं कश्मीर में जीएसटी लागू करने से संबंधित दो विधेयक शामिल हैं।
दूसरी ओर, विपक्षी पार्टियां डोकलाम में चीन के साथ सैन्य विवाद, अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों पर हाल ही में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर कश्मीर की स्थिति, बीफ को लेकर हुई हिंसक घटनाओं और किसानों की आत्महत्या समेत कई मुद्दे उठाने के लिए तैयार है। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि 16 नए विधेयक पेश किए जाएंगे और इसके अलावा लोकसभा में 21 विधेयक और राज्यसभा में 42 विधेयक पहले से लंबित पड़े हैं। सरकार की कोशिश इनमें से अधिकांश विधेयकों को पारित करवाने की होगी।
संसद के दोनों सदनों में जिन अहम विधेयकों पर मानसून सत्र में चर्चा होनी हैं, वो हैं -
1. प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व स्थल और अवशेष (संशोधन) विधेयक
2. वित्तीय समाधान और निक्षेप बीमा विधेयक
3. बैंकिंग नियमन (संशोधन) विधेयक
4. स्टेट बैंक्स (निरसन एवं संशोधन) विधेयक
5. पंजाब नगर निगम कानून (चंडीगढ़ तक विस्तारित) संशोधन विधेयक
6. केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (जम्मू एवं कश्मीर तक विस्तारित) विधेयक
7. एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (जम्मू एवं कश्मीर तक विस्तारित) विधेयक
8. भारतीय पेट्रोलियम और ऊर्जा संस्थान (आईआईपीई) विधेयक
9. अचल संपत्ति का अधिग्रहण संशोधन विधेयक
10. सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत निवासियों का निष्कासन) संशोधन विधेयक
11. उपभोक्ता संरक्षण विधेयक
12. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (संशोधन) विधेयक
13. गैर-कानूनी गतिविधियां (निरोधक) अधिनियम (संशोधन) विधेयक
14. निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक
15. मजदूरी संहिता विधेयक, और
16. राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय विधेयक
लोकसभा में लंबित विधेयक
1. कंपनी (संशोधन) विधेयक
2. राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (संशोधन) विधेयक
3. भारतीय प्रबंध संस्थान विधेयक
4. राष्ट्रीय निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) विधेयक
5. निरसन एवं संशोधन विधेयक
6. नागरिकता (संशोधन) विधेयक
7. भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (संशोधन) विधेयक
8. भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (निजी-सार्वजनिक भागीदारी) विधेयक
राज्यसभा में लंबित विधेयक
1. पादुका डिजाइन एवं विकास संस्थान विधेयक (लोकसभा में पारित)
2. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी, विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान (दूसरा संशोधन) विधेयक (लोकसभा में पारित)
3. कारखाना (संशोधन) विधेयक (लोकसभा में पारित)
4. व्हिसल ब्लोअर संरक्षण (संशोधन) विधेयक (लोकसभा में पारित)
5. भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) विधेयक
6. मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक (लोकसभा में पारित)
7. एडमिरल्टी (न्यायिक क्षेत्र और समुद्री दावा निपटान) विधेयक (लोकसभा में पारित)
8. संविधान (123वां संशोधन) विधेयक (लोकसभा में पारित)
9. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (निरसन) विधेयक (लोकसभा में पारित)
10. आंकड़ों का संग्रह (संशोधन) विधेयक (लोकसभा में पारित)
मोदी ने कांग्रेस को मुस्लिम महिला विरोधी बताया था
मोदी ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में एक रैली में कहा था, ''मैंने अखबार में पढ़ा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि कांग्रेस मुस्लिमों की पार्टी है। मुझे आश्चर्य नहीं हो रहा है, क्योंकि जब मनमोहन सिंह की सरकार थी, तो उन्होंने कह दिया था कि देश के प्राकृतिक संसाधनों पर सबसे पहला अधिकार मुसलमानों का है। मैं नामदार से पूछना चाहता हूं कि ये तो बताइए कि मुसलमानों की पार्टी सिर्फ पुरुषों की है या महिलाओं की भी है? क्या मुस्लिम महिलाओं की इज्जत के लिए, सम्मान के लिए, गौरव के लिए, उनके हक के लिए कोई जगह है? तीन तलाक पर समर्थन न करने पर कांग्रेस की पोल खुल गई है।''