मानसून सत्र: सदन नहीं चलने पर हर घंटे स्वाह हो जाते हैं आपके इतने करोड़ रूपये

By: Priyanka Maheshwari Wed, 18 July 2018 1:30:43

मानसून सत्र: सदन नहीं चलने पर हर घंटे स्वाह हो जाते हैं आपके इतने करोड़ रूपये

आज से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है। सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी जब संसद पहुंचे तो उनका स्वागत फूल देकर किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मीडिया से मुखातिब हुए और उन्होंने ने कहा कि मेरी कोशिश है कि इस बार संसद अच्छे तरीके से चले और उम्मीद है कि सभी राजनीतिक पार्टियां और विपक्ष हमारा सहयोग भी करेंगी। उन्होंने कहा कि संसद की छवि अच्छी बनाए जाने की जरूरत है। इस मानसून सत्र में देश के कई मसलों पर चर्चा जरूरी है। जितनी अधिक चर्चा होगी उतना अधिक सदन को फायदा मिलेगा, देश को फायदा मिलेगा। उन्होंने सभी पार्टियों के नेता से गुजारिश की कि उनकी मदद और सहयोग की अपेक्षा करता हूं। उन्होंने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर बात करने को तैयार है। सरकार की योजना 15 बिल पारित कराने की है। हालांकि विपक्ष के आक्रामक रवैये के कारण चुनौतियां भी हैं। मंगलवार को कांग्रेस के दफ्तर में विपक्षी दलों की बैठक हुई, जिसमें सरकार को घेरने की तैयारी की गई। इसमें अविश्वास प्रस्ताव पर 12 दलों ने सहमति भी जताई।

कार्य: 68 लंबित विधेयक, जिनमें से 25 को विचार के लिए सूचीबद्ध किया गया है और 3 वापसी के लिए सूचीबद्ध हैं। 18 नए विधेयक लाए जाने के लिए सूचीबद्ध हैं। मानसून सत्र के दौरान ही राज्यसभा में उप-सभापति का चुनाव होगा। पीजे कुरियन का कार्यकाल पूरा हो रहा है।

राजनीति: राज्यसभा चुनाव में (2019 के लोकसभा चुनाव से पहले) विपक्षी दलों की एकता की परीक्षा हो जाएगी। मॉब लिंचिंग, सांप्रदायिक हिंसा, महंगाई, ईंधन की कीमतें, किसानों का संकट, जम्मू-कश्मीर, बैंक धोखाधड़ी और टीडीपी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पर तीखी बहस की उम्मीद करें।

हकीकत: इस साल का आखिरी सत्र साल 2000 से लेकर अब तक का सबसे कम उपयोगी सत्र था। जिसमें संसद के विधायी कार्यों पर लोकसभा में 1 फीसदी समय और राज्यसभा में 6 फीसदी समय खर्च किया गया।

आप इसके लिए भुगतान करते हैं: संसद सत्र के हर एक मिनट के लिए आपको 2.5 लाख रुपये अदा करने पड़ते हैं (जो कि 2012 में था, अब इसकी लागत बहुत ज्यादा है)। अब इसकी लागत है 1.5 करोड़ रुपये प्रति घंटे और 9 करोड़ रुपये प्रति दिन है (अगर एक दिन में 6 घंटे का कार्य करना माना जाए)। सत्र के हंगाने की भेंट चढ़ जाने का मतलब है कि आपका पैसा नाली में बह गया।

सदन के हंगामे में बर्बाद हो जाती है आपकी गाढ़ी कमाई?आपका पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता है, संसद में बर्बाद हुए समय के लिए भी आप पैसे अदा करते हैं। यहां देखिए यह आपकी जेब पर कितना भारी पड़ता है:

दो घंटे कार्य नहीं हुआ = तीन करोड़ रूपये

एक दिन कार्य नहीं हुआ = सात करोड़ रुपये

दो दिन कार्य नहीं हुआ = 20 करोड़ रुपये

तीन दिन कार्य नहीं हुआ = 32 करोड़ रुपये

सात दिन कार्य नहीं हुआ = 64 करोड़ रुपये

15 दिन कार्य नहीं हुआ = 133 करोड़ रुपये



सरकार की योजनाएं और चुनौतियां

- मानसून सत्र में सरकार को लोकसभा में 28 और राज्यसभा में 30 विधेयक पारित कराने हैं। तीन तलाक के अलावा सरकार इस बार बहुविवाह और निकाह हलाला जैसे मुद्दों पर भी विपक्ष को घेरेगी।
- वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल कानून बनाने के लिए 17 जुलाई की समयसीमा दी थी। सरकार को उसका अनुपालन भी सुनिश्चित करना है।
- इसके अलावा, पीजे कुरियन के रिटायर होने के बाद लोकसभा के उपाध्यक्ष का चुनाव भी मानसून सत्र में होना है।
- बीजेपी की कोशिश है कि लोकसभा में बहुमत होने के नाते इस पद पर या तो उसका अपना उम्मीदवार जीते या उसके किसी सहयोगी दल का। लेकिन विपक्ष इसके लिए अपना संयुक्त उम्मीदवार उतारना चाहता है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com