खुशखबरी: इंदौर, भोपाल आगरा, कानपुर और मेरठ में दौड़ेगी मेट्रो, मिली वित्त मंत्रालय की मंजूरी

By: Priyanka Maheshwari Tue, 26 June 2018 08:24:33

खुशखबरी: इंदौर, भोपाल आगरा, कानपुर और मेरठ में दौड़ेगी मेट्रो, मिली वित्त मंत्रालय की मंजूरी

मेट्रो रेल की नई नीति के तहत देश के पांच नये शहरों में मेट्रो रेल और दिल्ली मेरठ रैपिड रेल परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने बताया कि वित्त मंत्रालय से मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल तथा उत्तर प्रदेश के आगरा, कानपुर और मेरठ में मेट्रो परियोजनाओं को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल में जल्दी ही मेट्रो रेल परियोजना पर काम शुरु हो जाएगा।

दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण और दिल्ली मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) को भी वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। मिश्रा ने एक विशेष बातचीत में कहा कि रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के प्रस्ताव को पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) में भेज दिया गया है। उसकी मंजूरी के बाद प्रस्ताव के आधार पर कैबिनेट नोट तैयार किया जाएगा। आरआरटीएस राजधानी दिल्ली और मेरठ के बीच बनेगा, जिससे यह दूरी मात्र 45 मिनट में तय हो जाएगी।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में देश में अव्वल इंदौर के लिए तैयार मेट्रो रेल परियोजनाओं पर आने वाले व्यय को मंजूर कर लिया गया है। नई मेट्रो नीति के तहत उत्तर प्रदेश के तीन शहरों कानपुर, आगरा और मेरठ की मेट्रो रेल परियोजनाओं को स्वीकृति वित्त मंत्रालय से मिल गई है।

शहरी विकास सचिव मिश्रा ने बताया कि मेट्रो रेल के प्रणेता ई. श्रीधरन की अध्यक्षता में केंद्र सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति देश के विभिन्न शहरों में बनने वाली मेट्रो रेल की लागत में कटौती करने के लिए गठित की गई है। इसके तहत मेट्रो रेल के स्वदेशीकरण और मानकीकरण पर जोर दिया जाएगा। फिलहाल सभी मेट्रो रेल के अलग-अलग मानक बने हुए हैं, जिनमें समानता ला देने से उत्पादन लागत में बहुत कमी आने की उम्मीद है।

इसके तहत मेट्रो रेल के डिब्बों व इंजन का मानकीकरण पहले ही कर दिया गया है। कम्युनिकेशन और इलेक्टि्रफिकेशन की दिशा में बहुत कुछ काम करना है। उन्होंने बताया कि मेट्रो स्टेशनों के मानकीकरण से बहुत अधिक बचत की उम्मीद है। रेलवे से तकनीकी सहमति लेने में बहुत समय लगता था, जो श्रीधरन कमेटी के गठन से बहुत जल्दी हो जाएगा। शहरी विकास सचिव मिश्रा ने बताया कि नीति आयोग के इस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री कार्यालय की मंजूरी मिल गई है। यह पहल न्यू इंडिया के तहत की गई है।

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