महाराष्ट्र : अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही बोले संजय राउत- CM तो शिवसेना का ही होगा
By: Pinki Wed, 13 Nov 2019 2:43:56
महाराष्ट्र (Maharashtra) में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद से सियासत और ज्यादा गरमा गई है। दरअसल, अब सभी पार्टियों को समय मिल गया है अपने फैसले लेने का। जिसके चलते बीजेपी एक बार फिर एक्शन मोड़ में आ गई है। महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद भाजपा ने तीन दिन की बड़ी बैठक बुलाई है। बीजेपी की इस बैठक में महाराष्ट्र बीजेपी के सभी विधायक शामिल होंगे, ये बैठक मुंबई में होगी। जिसमें राज्य के हालात, मध्यावधि चुनाव जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।
वही कांग्रेस के जो विधायक जयपुर में काफी लंबे समय से रुके हुए थे वह अब वापिस मुंबई के लिए रवाना हो गए हैं। कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को जयपुर के एक रिजॉर्ट में रखा हुआ था।
वही NCP नेता अजीत पवार ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति शासन लगने के बाद हम आगे की रणनीति पर बात करेंगे। शरद पवार समेत कुछ अन्य नेता अब संसद के सत्र के लिए दिल्ली जाएंगे। हमने 5-6 लोगों की कमेटी बनाई है, जो आगे की रणनीति पर काम करेगी। इस दौरान शिवसेना पर भी चर्चा होगी। हम जल्द से जल्द सरकार बनाना चाहते हैं, क्योंकि किसान काफी परेशानी में है।
Shiv Sena leader Sanjay Raut after being discharged from Mumbai's Lilavati Hospital: The next Chief Minister will be from Shiv Sena. #MaharashtraGovtFormation pic.twitter.com/hIo3Vd9ZVy
— ANI (@ANI) November 13, 2019
इसी बीच लीलावती अस्पताल (Lilavati Hospital) से डिस्चार्ज होते ही शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री को लेकर एक बार फिर से बयान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री तो शिवसेना का ही बनेगा। बता दें कि 11 नवंबर को सीने में तेज दर्द की शिकायत के बाद संजय राउत को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बता दे, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की कांग्रेस नेताओं के साथ मुलाकात मुंबई के ट्राइडेंट होटल में जारी है। इसमें सरकार पर बातचीत आगे बढ़ सकती है। उद्धव कांग्रेस की कॉर्डिनेशन कमेटी से मुलाकात कर रहे हैं, इसमें कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर बात फाइनल हो सकती है।
बता दे, महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था और इस गठबंधन को पूर्ण बहुमत भी हासिल हुआ लेकिन चुनावों के नतीजों के बाद से दोनों में सत्ता को लेकर खींचतान शुरू हो गई। हालांकि, भाजपा को शिवसेना से बहुत ज्यादा सीटें मिली हैं। ऐसे में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए शिवसेना के समर्थन की जरूरत थी, लेकिन उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के सामने 50-50 का फॉर्मूला रख दिया था। इसके तहत दोनों पार्टी के पास ढाई-ढाई साल तक के लिए सीएम का पद रहता, लेकिन भाजपा ने उस फॉर्मूले को नहीं माना। सीएम की कुर्सी की मांग को लेकर बीजेपी और शिवसेना में काफी दिनों तक दोनों के बीच खींचतान चली। ऐसे में राज्यपाल ने बीजेपी को सबसे बड़े दल होने के नाते सरकार बनाने के लिए न्योता दिया था, लेकिन देवेंद्र फडणवीस ने सरकार बनाने में असमर्थता जता दी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के पास पूर्ण बहुत नहीं है। इसके बाद राज्यपाल ने शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया था। लेकिन, समय रहते उद्धव ठाकरे एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन नहीं हासिल नहीं कर सके। ऐसे में मंगलवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।