तीन नवजात की अस्पताल में आग में जलने से, 7 की दम घुटने से हुई मौत; 5 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान
By: Pinki Sat, 09 Jan 2021 1:29:58
महाराष्ट्र के भंडारा जिले के सरकारी अस्पताल में शनिवार तड़के आग लगने से 10 नवजातों की मौत हो गई। घटना सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट (SNCU) में हुई। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि अभी तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक तीन नवजात बच्चों की आग में झुलसने से जबकि सात की दम घुटने से मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस पूरे हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मृतक शिशु के परिवार के सदस्यों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। मंत्री ने कहा, 'ड्यूटी पर मौजूद चिकित्साकर्मियों ने नवजात सघन देखरेख इकाई की खिड़कियां और दरवाजे खोल दिए और शिशुओं को साथ लगे वार्ड्स में ट्रांसफर किया। लेकिन वे 10 शिशुओं की जाने नहीं बचा सके।' स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, शवों को अंतिम संस्कार के लिए उनके परिजनों को सौंप दिया गया है उन्होंने कहा, इस घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को बख्शा नहीं जाएगा। विस्तृत जांच का आदेश दिया गया है। हम इस त्रासदी से सीखकर भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने की कोशिश करेंगे।
अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर प्रमोद खंडाते के मुताबिक, 'हादसा देर रात करीब 2 बजे हुआ। न्यूबोर्न यूनिट से धुआं निकल रहा था। नर्स ने दरवाजा खोला तो देखा कि वार्ड में धुआं भर चुका है। उसने सीनियर डॉक्टरों को जानकारी दी। कर्मचारियों ने बच्चों को बाहर निकालना शुरू किया, लेकिन तब तक 10 मासूम दम तोड़ चुके थे। 7 बच्चों को बचा लिया गया। इन्हें दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया है।'
अस्पताल के सिविल सर्जन ने बताया कि इस अस्पताल की क्षमता 485 बेड की है। अब सवाल है कि अस्पताल के सीनियर मेंबर कहां थे, क्या डॉक्टर रात में राउंड ले रहे थे या नहीं? चाइल्ड वार्ड में हर घंटे डॉक्टर और नर्सें आती रहती हैं, फिर ऐसा क्यों नहीं हुआ, इसका जवाब अस्पताल के डॉक्टर और मैनेजमेंट को देना पड़ेगा।
उधर, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लापरवाही करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है। उन्होंने मृतकों के परिवारों को सांत्वना दी है। फडणवीस ने कहा 'भंडारा जिला अस्पताल में हुए आग्निकांड, जिसमें 10 बच्चों ने अपनी जान गंवा दी है। वह बेहद दुखद और परेशान करने वाला है।' उन्होंने लिखा, 'दुख की घड़ी में परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। इस मामले की ठीक तरह से जांच की जानी चाहिए और दोषियों को खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।'