संजय राउत का बीजेपी पर हमला , कहा - डराकर मार्ग और समर्थन नहीं मिलता

By: Pinki Sun, 10 Nov 2019 10:33:16

संजय राउत का बीजेपी पर हमला , कहा - डराकर मार्ग और समर्थन नहीं मिलता

महाराष्ट्र में सियासी असमंजस अभी बरकरार है। शिवसेना और बीजेपी के बीच चल रही सत्ता के खींचतान के बीच कल शनिवार को राज्यपाल बी।एस। कोश्यारी की ओर से बीजेपी को सरकार बनाने का न्यौता दिया गया। बीजेपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन शिवसेना के रुख के बाद उसके पास भी बहुमत नहीं है इस बीच एनसीपी ने कहा है अगर बीजेपी बहुमत साबित नहीं कर पाती है तो NCP वैकल्पिक सरकार देने पर विचार कर सकती है। एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने बयान जारी कर बीजेपी के खिलाफ वोट देने का दावा किया है। नवाब मलिक ने कहा है कि अगर बहुमत के वक्त शिवसेना बीजेपी के खिलाफ वोट देती है और बीजेपी सरकार नही बना पाती है तो एनसीपी वैकल्पिक सरकार देने पर विचार कर सकती है। एनसीपी के विधायकों की 12 नवंबर को मीटिंग है। शिवसेना ने अपने विधायकों को एक रिसॉर्ट में टिका रखा है। इस पर उद्धव ठाकरे कहना है कि वह नहीं चाहते हैं कि बीजेपी उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश करे। खबर यह भी है कि आदित्य ठाकरे भी रात वहीं बिता रहे हैं।

शिवसेना का बीजेपी पर हमला

सामना के लेख रोकटोक में संजय राउत ने भाजपा पर एक बार हमला बोला है। बीजेपी की तुलना हिटलर से करते हुए संजय राउत ने कहा कि पांच साल दूसरों को डर दिखाकर शासन करने वाली टोली आज खुद खौफजदा है। यह उल्टा हमला हुआ है। डराकर मार्ग और समर्थन नहीं मिलता है, ऐसा जब होता है तब एक बात स्वीकार करनी चाहिए कि हिटलर मर गया है और गुलामी की छाया हट गई है। पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों को इसके आगे तो बेखौफ होकर काम करना चाहिए। इस परिणाम का यही अर्थ है। संजय राउत ने लिखा है कि महाराष्ट्र की राजनीति महाराष्ट्र में ही हो। महाराष्ट्र दिल्ली का गुलाम नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री फडणवीस की सराहना की। फडणवीस ही दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे, ऐसा आशीर्वाद दिया, लेकिन 15 दिन बाद भी फडणवीस शपथ नहीं ले सके क्योंकि अमित शाह राज्य की घटनाओं से अलिप्त रहे। ‘युति’ की सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना ढलते हुए मुख्यमंत्री से बात करने को तैयार नहीं है। ये सबसे बड़ी हार है। इसलिए दिल्ली का आशीर्वाद मिलने के बाद भी घोड़े पर बैठने को नहीं मिला। उन्होंने रोकटोक में लिखा है 'दिल्ली की हवा बिगड़ गई इसलिए महाराष्ट्र की हवा नहीं बिगड़नी चाहिए। दिल्ली में पुलिस ही सड़क पर उतर आई और उन्होंने कानून तोड़ा। यह अराजकता की चिंगारी है। महाराष्ट्र में राजनैतिक अराजकता निर्माण करने का प्रयास करने वालों के लिए यह सबक है। महाराष्ट्र का निर्णय महाराष्ट्र में ही होने की दिशा में हम सभी निकल पड़े हैं।'

बहुमत के लिए 145 का आंकड़ा जरूरी

288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास 105 विधायक हैं। अगर भाजपा 29 निर्दलीय विधायकों को अपने साथ कर लेती है, तो उसका संख्या बल 134 का हो जाता है। ऐसे में पार्टी बहुमत के आंकड़े से 11 सीट दूर रह जाएगी। इस स्थिति में फ्लोर टेस्ट के वक्त विधानसभा से दूसरी पार्टियों के 21 विधायक अनुपस्थित रहें तो भाजपा सदन में बहुमत साबित कर लेगी। 21 विधायकों की अनुपस्थिति की स्थिति में सदन की सदस्य संख्या 267 हो जाएगी और बहुमत का जरूरी आंकड़ा 134 का हो जाएगा। ये आंकड़ा भाजपा 29 निर्दलियों की मदद से जुटा सकती है। बहुमत के लिए 145 का आंकड़ा जरूरी है।

इससे पहले महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद के बीच शनिवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया और इसके बाद एक प्रेस कांफ्रेंस कर शिवसेना पर जमकर निशाना साधा। देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना के 50-50 फार्मूले पर अपना रुख साफ करते हुए लिखा कि चुनाव से पहले इस तरह की कोई भी बातचीत शिवेसना के साथ नहीं हुई थी।

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