अपनी पहली फिल्म 'राजकुमारी' से मिली थी करुणानिधि को लोकप्रियता, उनकी लाइफ की जुड़ी कुछ खास बड़ी बातें
By: Priyanka Maheshwari Wed, 08 Aug 2018 07:04:42
दक्षिण भारत की राजनीति के भीष्म पितामह माने जाने वाले एम करुणानिधि ने शाम 6.10 मिनट पर आखिरी सांस ली। करुणानिधि का 94 साल की उम्र में निधन हो गया है। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि का इलाज कावेरी अस्पताल में चल रहा था। कावेरी अस्पताल ने बुलेटिन जारी कर उनके निधन की सूचना दी। वे 11 दिन से कावेरी अस्पताल में भर्ती थे। कावेरी अस्पताल ने कहा- तमाम कोशिशों के बावजूद हम उन्हें बचा नहीं पाए। करुणानिधि ने शाम 6:10 बजे अंतिम सांस ली। चेन्नई के कावेरी अस्पताल के बाहर डीएमके कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई है। बता दें, करुणानिधि राजनिति में कदम रखने से पहले तमिल फिल्म इंडस्ट्री में एक स्क्रिप्ट राइटर के रूप में काम कर चुके थे।
- मुथुवेल करुणानिधि का जन्म 3 जून, 1924 को तिरुवरूर जिले के तिरुकुवालाई गांव में हुआ था। उन्होंने तीन शादियां कीं। पहली पत्नी का नाम पद्मावती, दूसरी का दयालु और तीसरी का रजति है। पद्मावती का देहांत हो चुका है। उनके 4 बेटे एमके मुथु, एमके अलागिरी, एमके स्टालिन, एमके तमिलारासु और दो बेटियां एमके सेल्वी और कनिमोझी हैं। वे इसाई वेल्लालर समुदाय से संबंध रखते हैं। करुणानिधि ने तमिल फिल्म उद्योग में एक स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर अपना करियर का शुरू किया था। उन्हें समाजवादी और बुद्धिवादी आदर्शों को बढ़ावा देने वाली समाज सुधार कहानियां लिखने के लिए जाना जाता था।
- 20 वर्ष की आयु में करुणानिधि ने ज्यूपिटर पिक्चर्स के लिए पटकथा लेखक के रूप में कार्य शुरु किया। उन्होंने अपनी पहली फिल्म 'राजकुमारी' से लोकप्रियता हासिल की। पटकथा लेखक के रूप में उनके हुनर में यहीं से निखार आना शुरु हुआ। उनके द्वारा लिखी गई 75 पटकथाओं में 'राजकुमारी', 'अभिमन्यु', 'मंदिरी कुमारी', 'मरुद नाट्टू इलवरसी', 'मनामगन', 'देवकी' समेत कई फिल्में शामिल हैं।
- करुणानिधि न सिर्फ फिल्म के लिये पटकथा लेखक थे, बल्कि नाटकों में भी शामिल हैं। उन्होंने मनिमागुडम, ओरे रदम, पालानीअप्पन, तुक्कु मेडइ, कागिदप्पू, नाने एरिवाली, वेल्लिक्किलमई, उद्यासूरियन और सिलप्पदिकारम जैसे तमाम नाटक लिखे हैं। उन्होंने विश्व शास्त्रीय तमिल सम्मलेन 2010 के लिए आधिकारिक विषय गीत "सेम्मोज्हियाना तमिज्ह मोज्हियाम" लिखा जिसे उनके अनुरोध पर ए. आर. रहमान ने म्यूजिक दिया था।
- तमिल सिनेमा की इस फिल्म ने बदला करियर : उन्होंने तमिल सिनेमा जगत का इस्तेमाल करके 'पराशक्ति' नामक फिल्म के माध्यम से अपने राजनीतिक विचारों का प्रचार करना शुरू किया। 'पराशक्ति' तमिल सिनेमा जगत के लिए काफी असरदार साबित हुई। इस फिल्म ने द्रविड़ आंदोलन की विचारधाराओं का समर्थन किया। शुरू में इस फिल्म पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था लेकिन बाद में इसे 1952 में रिलीज कर दिया गया। यह बॉक्स ऑफिस पर एक बहुत बड़ी हिट फिल्म साबित हुई।
- करुणानिधि तमिल साहित्य में अपने योगदान के लिए मशहूर हैं। उनके योगदान में कविताएं, चिट्ठियां, पटकथाएं, उपन्यास, जीवनी, ऐतिहासिक उपन्यास, मंच नाटक, संवाद, गाने इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने तिरुक्कुरल, थोल्काप्पिया पूंगा, पूम्बुकर के लिए कुरालोवियम के साथ-साथ कई कविताएं, निबंध और किताबें लिखी हैं।
- करुणानिधि 5 बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे। पहली बार 10 फरवरी 1969 से 4 जनवरी 1971 दूसरी बार 15 मार्च, 1971 से 31 जनवरी, 1976 तक मुख्यमंत्री रहे। .-तीसरी बार 27 जनवरी, 1989 से 30 जनवरी, 1991 तक, चौथी बार 13 मई 1996 से 13 मई 2001 तक और पांचवीं बार 13 मई 2006 से 15 मई 2011 तक मुख्यमंत्री रहे। वे अक्टूबर 2017 में आखिरी बार सार्वजनिक तौर पर नजर आए थे।