राहुल गांधी हमारे नेता, अगर कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो वही बनेंगे प्रधानमंत्री : शशि थरूर
By: Pinki Mon, 31 Dec 2018 09:15:42
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में जहा एक तरफ सत्तारूढ़ पार्टी अपनी वापसी के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है वही विपक्ष में बैठी कांग्रेस अन्य दलों के साथ बीजेपी को हटाने के लिए महागठबंधन बनाने की कवायदों में जुटी है। इस बीच कांग्रेस (Congress)के वरिष्ठ नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) का कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को लेकर एक बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) में एक ‘उत्कृष्ट' प्रधानमंत्री बनने की सभी खूबियां हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर 2019 के चुनाव के बाद पार्टी और सहयोगी दल 'संयुक्त' रूप से फैसला ले सकते हैं।
- थरूर ने कहा कि हाल में सम्पन्न विधानसभा चुनावों ने यह स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस (Congress) अभी भी पूरे देश में उपस्थिति रखने वाली एकमात्र राजनीतिक पार्टी है और राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन के लिए "स्वभाविक आधार" होगी।
- शशि थरूर ने कहा, ‘राहुल गांधी (Rahul Gandhi) हमारे नेता हैं, जिसका मतलब है कि अगर कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो वह प्रधानमंत्री होंगे। अगर कांग्रेस (Congress) गठबंधन सरकार में है तो जाहिर है कि उम्मीदवार पर सहमति बनाने के लिए गठबंधन के अन्य दलों के साथ चर्चा की जाएगी'।
- उन्होंने कहा कि यह ‘संयुक्त फैसला' होगा और चुनाव नतीजों के बाद ही इस पर चर्चा होने की संभावना है।
- थरूर ने कहा, ‘निजी स्तर पर कांग्रेस अध्यक्ष (Rahul Gandhi) के साथ कई चर्चाएं हुईं, मेरे हिसाब से यह स्पष्ट है कि राहुल जी के पास देश का उत्कृष्ट प्रधानमंत्री बनने की सभी खूबियां हैं'।
- 62 वर्षीय नेता ने कहा कि गांधी के नेतृत्व की समावेशी शैली, राजनीतिक रूप से विभाजित जन तक पहुंचने की इच्छा, समाज के पीड़ित तबकों के प्रति संवेदनाएं, देश के अनेकवादी ताने बाने को लेकर प्रतिबद्धता के साथ विनम्रता और उल्लेखनीय जागरूकता से साफ है कि वह इस पद की उम्मीदों पर खरे उतरते हैं।
आपको बता दें कि शशि थरूर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने गांधी को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाने का समर्थन किया है। नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने भी हाल ही में गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि वह हिंदी भाषी तीन प्रमुख राज्यों छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव जीतकर अपनी ताकत का लोहा मनवाने के बाद ‘पप्पू' नहीं रहे। हालांकि, अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस जैसे कई सहयोगी दलों ने स्टालिन के विचारों का समर्थन नहीं किया और कहा कि प्रधानमंत्री उम्मीदवार का फैसला चुनावों के बाद लिया जाएगा।