साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा- निश्चित मेरी विजय होगी, अधर्म का नाश होगा, सुषमा स्वराज बोलीं- BJP को जीत दिलाने के लिए मोदीजी का अभिनंदन
By: Pinki Thu, 23 May 2019 1:35:35
17वीं लोकसभा के चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है। रुझानों में एनडीए एक बार फिर ऐतिहासिक बहुमत की ओर बढ़ रही है। भाजपा को पिछली बार 282 सीटें मिली थीं। इस बार भी वह 280 से आगे दिख रही है। इस बार एग्जिट पोल्स के अनुमान सही रहे। 10 में से 9 एग्जिट पोल्स में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलने के अनुमान जाहिर किए गए थे। बता दे, जवाहरलाल नेहरू ने लगातार तीन बार और इंदिरा गांधी ने लगातार दो बार कांग्रेस को पूर्ण बहुमत दिलाकर सरकार बनाई थी। नेहरू ने 1952, 1957 और 1962 का चुनाव जीत था। वहीं, इंदिरा गांधी ने 1967 और 1971 का चुनाव पूर्ण बहुमत के साथ जीता था। मोदी ने अब इंदिरा की बराबरी कर ली है। 2014 में उनके नेतृत्व में भाजपा ने 282 सीटें जीती थीं। इस बार भी वह 280 से ज्यादा सीटें जीत रही है। रुझानों पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि एक बार फिर भाजपा को जीत दिलाने के लिए मोदीजी का अभिनंदन। उधर, भोपाल से दिग्विजय सिंह के खिलाफ आगे चल रही भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि निश्चित मेरी विजय होगी, मेरी विजय में धर्म की विजय होगी, अधर्म का नाश होगा। मैं भोपाल की जनता का आभार व्यक्त करती हूं।
BJP Bhopal candidate Pragya Singh Thakur on trends showing she is leading: Nischit meri vijay hogi, meri vijay mein dharm ki vijay hogi, adharm ka naash hoga. Mein Bhopal ki janta ka aabhaar deti hun. pic.twitter.com/d2zZ0LPptQ
— ANI (@ANI) May 23, 2019
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में चुनावी दंगल काफी दिलचस्प और संघर्षपूर्ण है। इस सीट पर भाजपा के हिंदू कट्टरवादी चेहरे साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बीच है। देश की सांस्कृतिक राजधानी में इस बार 'भगवा' राजनीति देखने को मिली है। भोपाल लोकसभा सीट भाजपा के लिए काफी सेफ मानी जाती है। यह सीट पिछले तीस साल से भाजपा के कब्जे में रही है। 1989 के बाद से यहां भाजपा के अलावा किसी और पार्टी का उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर पाया है।
इस सीट से कांग्रेस के नवाब मंसूर अली खान पटौदी और सुरेश पचौरी भी चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन इस सीट पर कांग्रेस को जीत नहीं दिला पाए। 1984 तक यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी। भोपाल लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें से 3 पर कांग्रेस और 5 पर भाजपा का कब्जा है।