किसानों के बहाने फिर एकजुट हुआ विपक्ष, राहुल-केजरीवाल ने मोदी पर साधा निशाना
By: Priyanka Maheshwari Fri, 30 Nov 2018 5:51:02
मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए एक बार फिर से देशभर के किसान संसद मार्च करेंगे। कर्जमाफी को लेकर दिल्ली की सड़कों पर उतरे किसानों को सभी पार्टियों का समर्थन मिल रहा है। एक ओर नाराज किसान जहां कर्ज माफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी को लेकर रामलीला मैदान में इकट्ठा हो चुके हैं, वहीं किसानों के बहाने एक बार फिर विपक्ष ने अपनी ताकत दिखाई है। ऐतिहासिक रामलीला मैदान पर लाल टोपी पहने और लाल झंडा लिए किसानों ने 'अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए' जैसे नारे लगाते दिखे।
किसान सरकार से कोई तोहफा कोई फ्री गिफ्ट नहीं मांग रहा : दोपहर बाद रामलीला मैदान पर पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश का किसान सरकार से कोई तोहफा कोई फ्री गिफ्ट नहीं मांग रहा है, बल्कि अपना हक मांग रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी खोखले वादे कर रहे हैं। सरकार बदलनी पड़े तो बदलिए, पीएम बदलना पड़े तो बदलिए। किसान अब अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा।
पांच महीने बाकी हैं : किसानों के समर्थन में रामलीला मैदान पहुंचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी पांच महीने बाकी हैं, मैं मांग करता हूं कि केंद्र सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करे, वर्ना 2019 में आप किसानों का गुस्सा नहीं झेल पाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी से कहना चाहता हूं कि वह जल्द से जल्द किसानों की हर मांग को मानें।
सिर्फ राम मंदिर का मुद्दा है : सीपीआई (एम) प्रमुख सीताराम येचुरी ने किसान मार्च को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी, मोदी और आरएसएस के पास सिर्फ राम मंदिर का मुद्दा है। जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, उन्होंने 'राम-राम' चिल्लाना शुरू कर दिया है।
गौरतलब है किकर्ज माफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की मांग को लेकर 'अन्नदाता' दिल्ली की सड़कों पर उतर आए हैं। शीतकालीन सत्र के ठीक पहले संसद तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए हजारों किसानों ने शुक्रवार मेगा रैली कर रहे हैं। 'किसान मुक्ति मार्च' के बैनर तले हजारों किसान रामलीला मैदान से संसद मार्ग पहुंचे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें संसद भवन की ओर जाने से रोक दिया। संसद के आसपास करीब 3500 पुलिसकर्मी तैनात हैं। किसानों को वापस लौटने के लिए कहा जा रहा है।