कर्ज माफी के लिए सड़कों पर किसान, तमिलनाडु से आए किसानों ने आत्महत्या कर चुके किसानों की खोपड़ी के साथ प्रदर्शन किया
By: Priyanka Maheshwari Fri, 30 Nov 2018 12:14:05
सिर्फ दो मांगों को लेकर विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली की सड़कों पर उतर आए हैं। शीतकालीन सत्र के ठीक पहले संसद तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए हजारों किसानों ने शुक्रवार मेगा रैली कर रहे हैं। 'किसान मुक्ति मार्च' के बैनर तले हजारों किसान रामलीला मैदान से संसद भवन की ओर बढ़ रहे हैं। किसानों का मार्च इस वक्त बाराखंबा के पास पहुंच चुका है जो जंतर-मंतर से काफी पास है। वे पूर्ण कर्ज माफी के साथ फसल की लागत का डेढ़ गुना मुनाफा दिलाने के लिए आवाज बुलंद करेंगे। उधर दिल्ली पुलिस ने किसानों को लुटियन की नई दिल्ली में आने की अनुमति नहीं दी थी लेकिन खबर है कि बाद में इसे लेकर सहमति बन गई है। अब किसान नई दिल्ली में प्रवेश कर सकते हैं। मार्च के दौरान उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। किसानों की सरकार से मांग है कि उन्हें राम मंदिर नहीं चाहिए, कर्ज माफी चाहिए।
किसानों के संसद मार्च में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी चीफ शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारुक अब्दुल्ला, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद पवार समेत कई नेता शामिल हो सकते हैं।
रामलीला मैदान में बृहस्पतिवार से डेरा डाले देशभर से आए हजारों किसानों ने आज भारी-भरकम सुरक्षा के बीच संसद की ओर मार्च शुरू कर दिया। कर्ज राहत और उपज का उचित मूल्य देने समेत उनकी कई मांगें हैं।
किसानों का दिल्ली पहुंचने का सिलसिला बुधवार रात से ही शुरू हो गया था। गुरुवार रात तक रामलीला मैदान में हजारों की संख्या में किसान जमा हो गए थे और अभी भी उनके पहुंचने का सिलसिला जारी है। गुरुवार को रामलीला में ‘अयोध्या नहीं कर्ज माफी चाहिए’ जैसे नारे सुनाई दिए। मैदान सुबह साढ़े 10 बजे से भरना शुरू हो गया जब दिल्ली और हरियाणा तथा पंजाब के किसान जुटने लगे। गुरुवार को तमिलनाडु से आए किसानों ने आत्महत्या कर चुके किसानों की खोपड़ी के साथ प्रदर्शन किया। उन्होंने धमकी भी दी कि अगर शुक्रवार को किसानों को संसद जाने से रोका गया, तो वो नग्न होकर प्रदर्शन करेंगे।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मध्य दिल्ली और नई दिल्ली पुलिस जिलों में मार्च को देखते हुए विशेष बंदोबस्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि उप-निरीक्षक रैंक तक के लगभग 850 पुलिसकर्मियों को मध्य जिले में तैनात किया गया है। उनके अलावा 12 पुलिस कंपनियां होंगी जिनमें से दो कंपनियां महिला पुलिसकर्मियों की होंगी। प्रत्येक कंपनी में 75-80 पुलिसकर्मी हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने गुरुवार का किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करते हुए कहा कि कोई भी सरकार बिना उसके समर्थन के नहीं चल सकती है। गौड़ा ने कहा- बिना किसान के समर्थन के कोई सरकार नहीं चल सकती है। केन्द्र की सरकार को उनकी मागें को सुननी चाहिए। इस देश का किसान समझदार है और उन्हें मूर्ख नहीं बनाया जा सकता है।