कठुआ रेप-मर्डर केस : पुजारी समेत 6 आरोपी दोषी करार, एक बरी, अभी सजा के एलान का इंतजार
By: Pinki Mon, 10 June 2019 1:13:59
पिछले साल जम्मू कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या की घटना पर आज पठानकोट कोर्ट की विशेष अदालत ने कुल 7 आरोपियों में से 6 को दोषी करार दिया है। जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया गया है। कोर्ट दोपहर 2 बजे इन 6 दोषियों के लिए सज़ा का ऐलान करेगा। इस मामले में एक ग्राम प्रधान समेत आठ आरोपी थे, जबकि किशोर आरोपी के खिलाफ मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है और उसकी उम्र संबंधी याचिका पर जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट सुनवाई करेगा। पिछले साल 10 जनवरी को अगवा की गई आठ साल की बच्ची का रेप करके उसकी हत्या कर दी गई थी। इस बीच पठानकोट और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
इन 6 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है:
- ग्राम प्रधान सांजी राम (मुख्य आरोपी)
- स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजुरिया,
- रसाना गांव परवेश दोषी,
- असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर तिलक राज,
- असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता,
- पुलिस ऑफिसर सुरेंद्र कुमार
जबकि सांजी राम का बेटे विशाल को बरी कर दिया है। कठुआ मामला जब सामने आया था तो देश ही नहीं दुनिया में इसने सुर्खियां बटोरी थीं। आम आदमी से लेकर बॉलीवुड के सेलेब्रिटी भी इंसाफ की गुहार लगा रहे थे।
चार दिन तक बेहोश रखकर की गई थी बच्ची की हत्या
कठुआ जिले के एक छोटे से गांव के मंदिर में कथित तौर पर बंधक बनाकर 8 साल की बच्ची के साथ रेप किया गया था। इतना ही नहीं उसे चार दिन तक बेहोश रखा गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में ग्राम प्रधान सांजी राम, उसके बेटे विशाल, किशोर भतीजे और उसके दोस्त आनंद दत्ता को गिरफ्तार किया था। इस मामले में दो विशेष पुलिस अधिकारियों दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा को भी गिरफ्तार किया गया था।
बता दें कि शुरुआत में इस मसले को जम्मू कोर्ट में सुना गया लेकिन बाद में पठानकोट कोर्ट में इसकी सुनवाई हुई जहां पर आज इसका फैसला सुनाया गया।
इस फैसले को देखते हुए पठानकोट कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। यहां पर एक हज़ार से अधिक पुलिसकर्मियों को मुस्तैद किया गया, साथ ही बम निरोधक दस्ता, दंगा नियंत्रक दस्ता भी यहां पर तैनात रहे।
जम्मू से शिफ्ट किया गया था केस
कठुआ गैंगरेप मामले में SC के पास इसका ट्रायल चंडीगढ़ शिफ्ट करने और मामले को CBI को देने संबंधी याचिकाएं मिली थीं। पीड़िता के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर केस को जम्मू-कश्मीर से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लेते हुए मामले की सुनवाई पंजाब में पठानकोट कोर्ट को ट्रांसफर किया था। SC ने इस मामले की CBI जांच की मांग को खारिज कर दिया था।
घटना के बाद खड़ा हुआ था राजनीतिक तूफान
किशोर आरोपी के खिलाफ मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है और उसकी उम्र संबंधी याचिका पर जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट सुनवाई करेगा। इस मामले ने बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था और इसमें बीजेपी के दो मंत्रियों (चौधरी लाल सिंह, पूर्व वन मंत्री और चंद्र प्रकाश गंगा, पूर्व उद्योग मंत्री) को अपना मंत्री पद गवाना पड़ा था। मामले की सुनवाई पठानकोट की जिला और सत्र अदालत में चल रही है।
आरोपियों को सुनाई जा सकती हैं उम्रकैद और मौत की सजा
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को जम्मू कश्मीर से बाहर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था। इससे पहले कठुआ के वकीलों ने क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को मामले में चार्जशीट दाखिल करने से रोका था। इस मामले ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था। अगर आरोपियों को दोषी करार दिया जाता है तो कम से कम उम्रकैद और अधिकतम मौत की सजा सुनाई जा सकती है।
हैवानियत को पार करने वाली थी घटना
कठुआ रेप की घटना 10 जनवरी, 2018 को हुई थी। परिवार के मुताबिक, बच्ची 10 जनवरी को दोपहर में घर से घोड़ों को चराने के लिए निकली थी और उसके बाद वो घर वापस नहीं लौटी थी। करीब एक हफ्ते बाद 17 जनवरी को जंगल में उस बच्ची की लाश मिली थी।
मेडिकल रिपोर्ट में पता चला था कि बच्ची के साथ कई बार कई दिनों तक सामूहिक बलात्कार हुआ है और पत्थरों से मारकर उसकी हत्या की गई है। उसके बाद बच्ची के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या पर देशभर में काफी बवाल मचा था।