कारगिल विजय दिवस: राजनाथ सिंह ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि
By: Pinki Fri, 26 July 2019 10:41:17
26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान चलाए गए ‘ऑपरेशन विजय’ को सफलतापूर्वक अंजाम देकर भारत भूमि को घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराया था। इसी की याद में ‘26 जुलाई’ अब हर वर्ष कारगिल दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) के 20 साल पूरे होने पर जम्मू-कश्मीर के द्रास में जश्न मनाया जा रहा है। आम लोगों से लेकर सेना के जवानों तक हर कोई शहीदों को सलाम कर रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी द्रास के कारगिल वॉर मेमोरियल पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजधानी दिल्ली में वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
राजनाथ सिंह सेना के अधिकारियों, केंद्रीय मंत्री के साथ वॉर मेमोरियल पहुंचे और शहीदों को सलामी दी। बता दें कि एक तरफ दिल्ली के वॉर मेमोरियल में बड़ा कार्यक्रम किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ द्रास में कारगिल वॉर मेमोरियल पर भी राष्ट्रपति पहुंचेंगे। हालांकि, मौसम में खराबी के कारण राष्ट्रपति के द्रास पहुंचने में कुछ देरी हो रही है।
Delhi: Defence Minister Rajnath Singh pays tribute at National War Memorial on 20th #KargilVijayDiwas. pic.twitter.com/PWssdObUJY
— ANI (@ANI) July 26, 2019
अगर कारगिल वॉर मेमोरियल की बात करें तो वहां वो सैनिक भी पहुंच रहे हैं, जिन्होंने कारगिल लड़ाई में हिस्सा लिया था। इन्हीं में से एक नायक दीपचंद ने बताया कि हमारी बटालियन ने उस वक्त 10,000 राउंड फायरिंग की थी। वह इस बात पर गर्व करते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे दिमाग में सिर्फ एक ही टारगेट था कि दुश्मन का खात्मा करना है।
गौरतलब है कि शुक्रवार सुबह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई बड़े नेताओं ने ट्वीट कर शहीदों को सलाम किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना एक संदेश भी जारी किया और साथ ही 1999 की कुछ तस्वीरें साझा की।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में लिखा, '1999 में कारगिल युद्ध के दौरान मुझे कारगिल जाने और बहादुर सैनिकों के साथ एकजुटता दिखाने का अवसर मिला। यह वह समय था जब मैं जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में अपनी पार्टी के लिए काम कर रहा था। कारगिल की यात्रा और सैनिकों के साथ बातचीत अविस्मरणीय है।'
Naik Deepchand,1889 Missile regiment,Kargil:My battalion had fired 10,000 rounds during the war. I am proud of this fact. We had only one target in mind that is to defeat the enemy. I have come here to pay tribute to soldiers who lost their lives in Kargil War. #KargilVijayDivas pic.twitter.com/4VOHfgea7R
— ANI (@ANI) July 26, 2019
बता दे, कारगिल महज दो देशों के बीच युद्ध की कहानी भर नहीं थी। यह सफेद बर्फ को अपने लहू से लाल कर देने वाले हिंदुस्तानी फौज की शौर्य, बलिदान और समर्पण की कहानी है। एक ऐसी कहानी जिसे जानकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं और भारत मां के उन सच्चे वीर सपूतों को दिल बार-बार सलाम करने को कहता है। विपरित परिस्थियों में भारतीय सैनिकों ने हिम्मत नहीं हारी और पाकिस्तान सेना को खदेड़कर मां भारती के ललाट पर विजय का रक्त चंदन लगाया।
During the Kargil War in 1999, I had the opportunity to go to Kargil and show solidarity with our brave soldiers.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2019
This was the time when I was working for my Party in J&K as well as Himachal Pradesh.
The visit to Kargil and interactions with soldiers are unforgettable. pic.twitter.com/E5QUgHlTDS