झांसी मेडिकल कॉलेज में लापरवाही की हद पार, मरीज के कटे पैर को बना दिया तकिया
By: Priyanka Maheshwari Sun, 11 Mar 2018 09:59:44
उत्तर प्रदेश के झांसी से डॉक्टरों की घोर लापरवाही और इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एक बड़ी लापरवाही देखने को मिली थी। यहां आये सड़क दुर्घटना में घायल युवक का डॉक्टरों ने एक पैर काटा और फिर उसका पैर सिरहाने तकिया बनाकर लगा दिया था। जिसे देख किसी के भी रोंगटे खड़े हो रहे थे।
झांसी के लहचूरा थाना क्षेत्र के ग्राम इटायल से एक स्कूल बस बच्चों को लेकर मऊरानीपुर जा रही थी, तभी रास्ते में ट्रैक्टर को बचाते समय बस अनियंत्रित होकर पलट गई, जिसके कारण बस में सवार बस क्लीनर घनश्याम समेत आधा दर्जन बच्चे घायल हो गये थे। क्लीनर की हालत गम्भीर होने के कारण झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था, जहां डॉक्टरों ने उपचार के दैरान उसका बायां पैर काट दिया। इसके बाद उसका पैर उसके सिरहाने तकिया बनाकर लगा दिया था। घटना की जानकारी मिलने के बाद एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर समेत चार लोगों को सस्पेंड करने के साथ ही मेडिकल कॉलेज ने घटना के जांच के आदेश दे दिए हैं।
पूरी घटना
झांसी के मऊरानीपुर थाना क्षेत्र में शनिवार की सुबह ट्रैक्टर को बचाने के प्रयास में एक स्कूल बस अनियंत्रित होकर पलट गई। बस पलटने से आधा दर्जन स्कूली बच्चे और बस का क्लीनर घनश्याम (25) बुरी तरह घायल हो गया। इस हादसे में लहचूरा थाना क्षेत्र के ग्राम इटायल निवासी घनश्याम का बांया पैर कटकर शरीर से अलग हो गया था। उसे गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज लाया गया।
घनश्याम को काफी देर तक पलंग के बजाए स्ट्रेचर पर लिटाए रखा गया। काफी जद्दोजहद के बाद चिकित्सकों ने उसका उपचार शुरू किया। लापरवाही की हद तो तब हो गई, जब उसे तकिया देने के बजाए घनश्याम सिर के नीचे उसी का कटा हुआ पैर लगा दिया।
घायल व्यक्ति का बहनोई जानकी प्रसाद जब अस्पताल पहुंचा तो यह देख वह घबरा गया। उसने डॉक्टरों से कई बार पैर हटाने के लिए कहा, लेकिन पैर नहीं हटाया गया। आखिर में उसने स्वयं ही पैर हटाकर अलग रखा। जानकी प्रसाद ने इस संबंध में बताया, “हम जब हॉस्पिटल पहुंचे, तो मरीज के सिर के नीचे उसका ही पैर रखा हुआ था लगभग दो घंटे तक ये पैर रखा रहा। जब हमने तकिया लाकर दिया तब उन्होंने पैर को हटाया।”
वहीं, महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या साधाना कौशिश ने कहा, “उसका पैर कटा हुआ आया था और मरीज की हालत गंभीर थी। डॉक्टर पैर कटा हुआ लेकर आये थे और तुरंत उसके ट्रीटमेंट में लग गए। उसके बाद मरीज का सिर ऊपर करने के लिए कहा तो उनके तीमारदार ने ही उस पैर को उसके सिर पर लगा दिया। हमने एक कमेटी बना दी है, अगर हमारा स्टाफ दोषी होगा तो कार्रवाई होगी।
Abysmal abuse in name of care | Doctor does the unthinkable | Jhansi Medical College: Severed leg of youth used as pillow #FightMedicalApathy@madhavgk with more details pic.twitter.com/h2Zbig9hjm
— TIMES NOW (@TimesNow) March 10, 2018