खो नागोरियन क्षेत्र के लिए जल्द ही 68 करोड़ रुपए की पेयजल परियोजना स्वीकृत की जाएगी
By: Priyanka Maheshwari Wed, 21 Mar 2018 5:11:36
जयपुर । जलदाय मंत्री श्री सुरेन्द्र गोयल ने कहा कि खो नागोरियन क्षेत्र में पेयजल की समस्या को जल्द से जल्द निस्तारित किया जाएगा। उन्होंने खो नागोरियन क्षेत्र से आए प्रतिनिधि दल को आश्वस्त करते हुए कहा कि आगामी 10 दिनों में क्षेत्र के लिए 68 करोड़ रुपए की पेयजल परियोजना स्वीकृत कर दी जाएगी।
शासन सचिवालय स्थित अपने कक्ष में बुधवार को जलदाय मंत्री ने सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री युनूस खान की उपस्थिति में खो नागोरियन क्षेत्र के प्रतिनिधि दल से बातचीत की और उन्हें जल्द ही शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए आश्वस्त भी किया। श्री गोयल ने कहा कि क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए डीपीआर तैयार है। आगे की प्रक्रिया पूरा करने में कुछ दिनों का समय लग सकता है।
श्री गोयल ने कहा कि वर्तमान सरकार आमजन को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है, यही वजह है कि पिछले 4 वषोर्ं में सरकार ने 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा राशि खर्च कर आखिरी छोर तक बैठे व्यक्ति तक पानी पहुंचाया है।
खो नागोरियन से आए प्रतिनिधि दल के सदस्य श्री मोहम्मद रईस ने भी वार्ता को सकारात्मक बताते हुए कहा कि उन्हें सरकार पर पूरा भरोसा है। सरकार जल्द ही क्षेत्र में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराएगी।
इस मौके स्थानीय विधायक श्री कैलाश वर्मा ने कहा कि वर्तमान सरकार पेयजल के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। क्षेत्र में पेयजल की समस्या कुछ ही दिनों में दूर हो जाएगी। इस दौरान खो नागोरियन से आए बाशिंदे और विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि क्षेत्र के वार्ड नं. 49 एवं 50 में वर्तमान में विभाग द्वारा 409 पी.वी.सी. टंकियां स्थापित हैं। क्षेत्र में 150 हैण्डपम्प एवं 35 सिंगल फेस नलकूप कार्यरत हैं। वर्तमान में प्रतिदिन 280 टैंकर ट्रिपों के द्वारा पी.वी.सी. टैंक एवं खुला वितरण द्वारा पेयजल उपलब्ध करवाया जा रहा है।
खो नागोरियान् वार्ड 49 एवं 50 में खो नागोरियान पेयजल योजना के प्रथम चरण के अन्तर्गत जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित कॉलोनियों में पाइप लाइन बिछाने एवं गैर अनुमोदित कॉलोनियों में पी.एस.सी. लगाने का प्रावधान किया गया था। योजना का कार्य माह जून 2016 में पूर्ण कर लिया गया है। योजना को क्षेत्र की अलाभान्वित जनता के विरोध के कारण पेयजल वितरण के लिए प्रारम्भ नहीं किया जा सका था। द्वितीय चरण में सम्पूर्ण क्षेत्र को लाभान्वित करने के उद्देश्य से राशि रुपये 68.41 करोड़ की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट 2016 में जारी की जा चुकी है। प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति के प्रस्ताव वित्त विभाग में विचाराधीन है। इस योजना से सवा लाख से ज्यादा लोग जनसंख्या (वर्ष 2021) लाभान्वित होगी।