मोबाइल से की छेड़ छाड़ तो हो सकती है 3 साल की जेल या 2 लाख जुर्माना

By: Sandeep Gupta Tue, 05 Sept 2017 12:04:32

मोबाइल से की छेड़ छाड़ तो हो सकती है 3 साल की जेल या 2 लाख जुर्माना

अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान नंबर (आईएमईआई) से छेड़छाड़ पर रोक लगाने के लिए सरकार ने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की धारा-7 और 25 में संशोधन किया है। इन धाराओं के तहत आईएमईआई से छेड़छाड़ को दंडात्मक बनाते हुए तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया है। इसे लागू करने के संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

केंद्र सरकार ने मोबाइल के पहचान नंबर से छेड़छाड़ करने पर तीन साल की सजा का प्रावधान किया है। अभी तक ऐसे मामलों में कोई दंडात्मक कानून नहीं था। इसके चलते मोबाइल झपटमारी, चोरी या गैरकानूनी खरीद-फरोख्त करने वालों के हौसले बुलंद थे।

अगर अब कोई जानबूझकर मोबाइल पहचान नंबर से छेड़छाड़ करता है तो उसके खिलाफ पुलिस और केंद्रीय या राज्य की एजेंसियां टेलीग्राफ कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर सकती हैं।

साथ ही अदालतें ऐसे मामलों में अधिकतम तीन साल की सजा और जुर्माना लगा सकती हैं। जुर्माने की राशि अधिकतम दो लाख रुपये तक हो सकती है। इससे आईएमईआई बदलने और इससे जुड़े सॉफ्टवेयर रखने वालों के बीच डर बढ़ेगा और चोर बाजारी में कमी आएगी।

दूरसंचार मंत्रालय के मुताबिक मोबाइल झपटमारी और चोरी की घटनाएं आए दिन बढ़ रही हैं। कई बार लोग ऐसी घटनाओं में बुरी तरह चोटिल भी हो जाते हैं। इस पर तभी रोक लग सकती है जबकि गैरकानूनी खरीद-फरोख्त पर पूरी तरह से रोक हो। ऐसा होने पर कोई भी चोरी का मोबाइल खरीदने से पहले सौ बार सोचेगा क्योंकि अगर वह पकड़ा जाएगा तो टेलीग्राफ कानून में शामिल किए गए प्रावधान के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इसमें चोर से लेकर खरीदार तक पूरी श्रृंखला पकड़ में आ जाएगी। साथ ही गुम या चोरी के मोबाइल वापस पाना भी आसान हो जाएगा जबकि मौजूदा समय में किसी के मोबाइल के गुम या चोरी होने के बाद उसका मिलना नामुमकिन होता है। इसकी मुख्य वजह आसानी से आईएमईआई का बदल जाना है।

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क्या होता है पहचान नंबर

आईएमईआई नंबर हर मोबाइल में 15 अंकों का एक यूनिक नंबर होता है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपकरण के लिए जारी किया जाता है। कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल की यह पहचान उसमें एक कोड (*#06#) के जरिए भी पता कर सकते हैं, यही नहीं मोबाइल बिल पर भी यह लिखा रहता है। कई सेवा प्रदाता कंपनियों की ओर से सरकार से शिकायत की गई थी कि एक ही आईएमईआई नंबर पर कई मोबाइल नेवटर्क चल रहे हैं। ऐसे में यह पता कर पाना मुश्किल है कि कौन से मोबाइल पर नकली आईएमईआई लगा है।

क्यो बनाया गया है यह कानून


नकली आईएमईआई का इस्तेमाल उगाही करने, धमकी देने, फिरौती मांगने के साथ कई मौकों पर उपद्रवियों और आतंकवादियों द्वारा भी किया गया। इसके मद्देनजर सरकार ने गंभीर रुख अपनाते हुए कानून में संशोधन किया है। यह कार्य इसलिए किये जा रहे है ताकि इससे देश विरोधी गतिविधियों ओर तकनीकी का गलत इस्तेमाल करने वालो पर रोक लग सके

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