अंतरिक्ष में भारत अब अपना स्पेस स्टेशन बनाएगा : इसरो प्रमुख
By: Pinki Thu, 13 June 2019 6:50:31
भारत अंतरिक्ष में खुद का स्पेस सेंटर बनाने की तैयारी कर रहा है। इस बात की जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन डॉ के सिवन ने दी है। उन्होंने कहा कि भारत अब अपना स्पेस स्टेशन बनाएगा। इसरो इसके लिए योजना पर काम कर रहा है। यह गगनयान मिशन का अगला स्टेप होगा। सिवन ने बताया कि हमें मानव अंतरिक्ष मिशन के लॉन्च के बाद गगनयान कार्यक्रम को लगातार बनाए रखना है, इसलिए हमें अपने स्पेस स्टेशन की जरूरत है। भारत ने इस प्रॉजेक्ट के लिए 2030 तक की तारीख तय की है। 20 टन के स्पेस स्टेशन के जरिए भारत माइक्रोग्रैविटी से जुड़े प्रयोग कर पाएगा। इस स्पेस सेंटर को बनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि भारत के अंतरिक्ष यात्री 15-20 दिन अंतरिक्ष में गुजार सकें। लेकिन इस संबंध में अधिक जानकारी गगनयान मिशन के पूरा होने के बाद ही दी जा सकती है। डॉ सिवन ने कहा कि अगर हम गगनयान मिशन निर्धारित समय में पूरा करते हैं तो भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश होगा जो अपने बल पर अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजेगा। गगनयान प्रोजेक्ट की घोषणा पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इसरो 15 जुलाई को चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग करेगा। इसरो ने बताया कि भारत इस प्रॉजेक्ट को पूरा करने में किसी अन्य देश की मदद नहीं लेगा। अभी सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन का ही अपना स्पेस स्टेशन है। अन्य देश स्पेस में इंटरनैशनल स्पेस सेंटर का इस्तेमाल करते हैं। स्पेस स्टेशन प्रॉजेक्ट गगनयान मिशन का ही विस्तार है।
इससे पहले इसरो प्रमुख के सिवह ने कहा था कि भारत दिसंबर 2021 तक तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजेगा। इसके लिए गगनयान प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। भारतीय वायुसेना 10 अंतरिक्षयात्रियों को अगले दो महीने में खोजेगा। फिर इसरो उनमें से तीन का चयन करेगा। यही तीन अंतरिक्ष यात्री स्पेस में जाएंगे।
चंद्रयान-2 15 जुलाई को उड़ान भरेगा
फिलहाल इसरो का पूरा ध्यान भारत चंद्रमा पर दूसरे मिशन चंद्रयान-2 पर है। चंद्रयान-2 15 जुलाई को उड़ान भरेगा और चांद के दक्षिणी पोल के पास लैंड करने की कोशिश करेगा। चंद्रयान-2 पूर्व में मिशन चंद्रयान-1 का अडवांस्ड वर्जन है। चंद्रयान-1 को 10 साल पहले लॉन्च किया गया था।
इससे पहले सरकार और इसरो ने संयुक्त रूप से जानकारी दी कि 15 जुलाई को लॉन्च होनेवाले मिशन चंद्रयान-2 के साथ ही भारत की नजर अब वीनस (शुक्र) और सूर्य तक है। मिशन चंद्रयान की कुल लागत 10000 करोड़ होगी। भारत के महत्वाकांक्षी स्पेस प्रॉजेक्ट के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वक्त में भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई सिद्धि प्राप्त की है। इसरो चेयरमैन ने भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया कि भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान ने सूर्य, वीनस जैसे ग्रहों तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
क्या होता है स्पेस स्टेशन?
स्पेस स्टेशन को ऑर्बिटल स्टेशन भी कहते है। इसको इंसानों को रहने के लिए सभी सुविधाएं हो ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। यानी यह अंतरिक्ष में मानव निर्मित ऐसा स्टेशन है, जिससे पृथ्वी से कोई अंतरिक्ष यान जाकर मिल सकता है। इसके अलावा इसमें इतनी क्षमता होती है कि इस पर अंतरिक्ष यान उतारा जा सके। इन्हें पृथ्वी की लो-ऑर्बिट कक्षा में ही स्थापित किया जाता है। हम आपको बता दें कि स्पेस स्टेशन एक प्रकार का मंच है जहां से पृथ्वी का सर्वेक्षण किया जा सकता है, आकाश के रहस्यों को मालूम किया जा सकता है।
दुनिया में कितने स्पेस स्टेशन हैं?
अप्रैल 2018 तक, दो स्पेस स्टेशन पृथ्वी कक्षा में हैं: अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (परिचालन और स्थायी रूप से निवास), और चीन का Tiangong-2 (परिचालन लेकिन स्थायी रूप से निवास नहीं)। पिछले स्टेशनों में अल्माज़ और Salyut series, स्काइलैब, मीर और हाल ही में Tiangong-1 शामिल हैं। अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन इसलिए बनाया गया है ताकि वैज्ञानिक लंबे समय तक अंतरिक्ष में काम कर सकें।