सुषमा से मिलने के बाद ईरान के विदेश मंत्री का दावा - अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भी भारत हमसे खरीदता रहेगा कच्चा तेल
By: Priyanka Maheshwari Fri, 28 Sept 2018 08:25:31
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ से मुलाकात हुई। बैठक के बाद मोहम्मद जवाद जरीफ ने कहा है कि भारत ईरान से तेल खरीदने और दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को लेकर प्रतिबद्ध है। ईरानी विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका ने ईरान से तेल आयात करने वाले देशों को बैन करने की चेतावनी दी है।
अमेरिका चाहता है कि उसके सहयोगी देश चार नवंबर से ईरान से तेल खरीदना बंद कर दें। मई में ईरान के साथ परमाणु संधि से बाहर निकलने के बाद अमेरिका ने पेट्रोलियम उत्पादक देशों के समूह(ओपेक) के तीसरे बड़े उत्पादक ईरान पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया। न्यूयॉर्क में यूएन की जनरल असेंबली मीटिंग के दौरान ईरान और भारत के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात के बाद ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा, 'भारतीय विदेश मंत्री ने आश्वासन दिया है कि ईरान से तेल खरीदने और आर्थिक सहयोग बढ़ाने का मामले में भारत के इरादे स्पष्ट हैं।' बता दें कि चीन के बाद भारत ईरान से तेल खरीदने वाला दूसरा बड़ा ग्राहक है।
अमेरिका की ओर से प्रतिबंध की धमकियों के बीच ऐसी खबरें थी कि भारतीय कंपनियां नवंबर तक ईरान से तेल की आपूर्ति खत्म कर सकती हैं। वहीं, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने अभी तक नवंबर के लिए ईरानी कार्गो कंपनियों को ऑर्डर नहीं दिए हैं।
जरीफ ने कहा, 'जल्द ही भारत और ईरान चाबहार बंदरगाह की क्षमता बढ़ाने पर काम करेंगे। चाबहार के जरिए भारत सीधे समुद्री मार्ग से ईरान और अफगानिस्तान से जुड़ जाएगा। क्योंकि अफगानिस्तान तक जाने के लिए भारत के पास कोई जमीनी मार्ग नहीं है, इसलिए यह मार्ग बेहद अहम है।'
तेल निर्यात को लेकर मूडीज की भारत को सलाह
- तेल निर्यात को लेकर मूडीज ने भारत को सलाह जारी की है। मूडीज ने कहा है कि भारत की रिफाइनरी कंपनियों को अगले माह के दौरान ईरान से कच्चे तेल का आयात घटाना चाहिए या पूरी तरह बंद कर देना चाहिए। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने गुरुवार को यह राय जाहिर की।
- मूडीज का कहना है कि भारत को कच्चे तेल के आयात के लिए पश्चिम एशिया के अन्य आपूर्तिकर्ताओं सऊदी अरब और इराक पर निर्भरता बढ़ानी चाहिए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इससे पहले इसी सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान दोहराया कि ईरानी तेल निर्यात पर प्रतिबंध नवंबर से लागू होंगे। अमेरिका उन देशों के साथ काम कर रहा है जो ईरानी तेल का आयात कर रहे हैं जिससे ये देश ईरान से अपनी खरीद उल्लेखनीय रूप से घटा सकें। अप्रैल-अगस्त, 2018 के दौरान ईरान से निर्यात किए गए कुल कच्चे तेल में भारत की हिस्सेदारी करीब 30 प्रतिशत रही है।
- मूडीज ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय रिफाइनरी कंपनियां या तो ईरान से कच्चे तेल का आयात उल्लेखनीय रूप से घटाएंगी या उसे पूरी तरह बंद कर करेंगी।’’ पश्चिम एशिया के अन्य कच्चे तेल के ग्रेड की तुलना में ईरानी कच्चा तेल दो से चार डॉलर प्रति बैरल की रियायत पर बेचा जाता है। ईरान की राष्ट्रीय तेल कंपनी कच्चे तेल की आपूर्ति में ढुलाई लागत पर सब्सिडी भी देती है। साथ ही वह खरीदारों को भुगतान आगे करने की सुविधा भी देती है। भारत में ईरानी कच्चे तेल का आयात इंडियन आयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, रिलायंस इंडस्ट्रीज, नायरा एनर्जी और मेंगलूर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स जैसी कंपनियां करती हैं।