धोनी के ग्लव्स पर दिखा ‘बलिदान बैज’ का चिह्न, किसी और क्रिकेटर को नहीं है इसे लगाने की ताकत

By: Pinki Thu, 06 June 2019 4:20:35

धोनी के ग्लव्स पर दिखा ‘बलिदान बैज’ का चिह्न, किसी और क्रिकेटर को नहीं है इसे लगाने की ताकत

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत ने अपना पहला मैच जीत कर अपने वर्ल्ड कप अभियान का शानदार आगाज किया। बुधवार रात भारत को साउथ अफ्रीका पर 6 विकेट से धमाकेदार जीत हासिल हुई।

इस मैच में युजवेंद्र चहल की धारदार गेंदबाजी (4/51) के अलावा रोहित शर्मा की जोरदार शतकीय पारी (नाबाद 122) ने सुर्खियां बटोरीं। लेकिन मैच के दौरान सबसे ज्यादा चौंकाया महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के विकेटकीपिंग ग्लव्स ने। भारतीय विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने अनोखे अंदाज में पैरा स्पेशल फोर्स को सम्मान दिया। मैच के दौरान उनके ग्लव्स पर ‘बलिदान बैज’ का चिह्न दिखा। इस चिह्न का इस्तेमाल हर कोई नहीं कर सकता। इसे सिर्फ पैरा कमांडो ही लगाते हैं। पैरा स्पेशल फोर्स को आमतौर पर पैरा एसएफ कहा जाता है। यह भारतीय सेना की स्पेशल ऑपरेशन यूनिट होती है। पैरा स्पेशल फोर्स ने ही 2016 में पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किया था।

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क्या है बलिदान बैज?

पैराशूट रेजिमेंट के विशेष बलों के पास उनके अलग बैज होते हैं, जिन्हें 'बलिदान' के रूप में जाना जाता है। इस बैज में 'बलिदान' शब्द को देवनागरी लिपि में लिखा गया है। यह बैज चांदी की धातु से बना होता है, जिसमें ऊपर की तरफ लाल प्लास्टिक का आयत होता है। यह बैज केवल पैरा-कमांडो द्वारा पहना जाता है।

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धोनी के ग्लव्स पर ये निशान कैसे? क्या है फैक्ट

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को क्रिकेट में उनकी उपलब्धियों के कारण 2011 में प्रादेशिक सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी। धोनी यह सम्मान पाने वाले कपिल देव के बाद दूसरे भारतीय क्रिकेटर हैं।

धोनी ने पैराट्रूपिंग की ट्रेनिंग ली है। उन्होंने पैरा बेसिक कोर्स किया। धोनी अगस्त 2015 में प्रशिक्षित पैराट्रूपर बन गए थे। आगरा के पैराट्रूपर्स ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस) में भारतीय वायु सेना के एएन-32 विमान से पांचवीं छलांग पूरी करने के बाद उन्होंने प्रतिष्ठित पैरा विंग्स प्रतीक चिह्न (Para Wings insignia) लगाने की अर्हता प्राप्त कर ली थी। यानी इसी के साथ धोनी को इस बैज के इस्तेमाल की योग्यता हासिल हो गई। गौरतलब है कि तब धोनी 1,250 फीट की ऊंचाई से कूद गए थे और एक मिनट से भी कम समय में मालपुरा ड्रॉपिंग जोन के पास सफलतापूर्वक उतरे थे। नवंबर 2011 में धोनी को प्रादेशिक सेना (TA) में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद रैंक से सम्मानित किया गया था। तब उन्होंने कहा था कि वह सेना में अधिकारी बनना चाहते थे, लेकिन किस्मत ने उन्हें क्रिकेटर बना दिया।

सोशल मीडिया पर हो रही है धोनी की तारीफ

ट्विटर पर यूजर्स ने धोनी की तारीफ की। एक यूजर ने लिखा, ‘उन्होंने देश और सेना के लिए अपने प्यार को दिखाया।’ एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘यही कारण है कि हम धोनी से प्यार करते हैं। हमारे सैन्य पैरा स्पेशल फोर्स के प्रति प्यार और समर्थन दिखाने के लिए आपका धन्यवाद।’

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