मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीडऩ कांड - कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर चुनाव लड़ना चाहता था आरोपी ब्रजेश ठाकुर
By: Priyanka Maheshwari Wed, 08 Aug 2018 2:13:26
मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीडऩ कांड के विलेन ब्रजेश ठाकुर की करतूतों और उसकी काली कमाई की जांच सीबीआइ ने शुरू कर दी है। ब्रजेश ने मुजफ्फरपुर और पटना से लेकर दिल्ली तक अपना दायरा फैला रखा है। उसने पिछले पांच वर्षों में करोड़ों की चल-अचल संपत्ति अर्जित की है। उसके तार शासन-प्रशासन में गहरे धंसे मिले हैं। वही यौन शोषण मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने आज बड़ा खुलासा किया है। उसने कहा कि हां मैं कुछ समय पहले तक कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करना चाहता था। यही नहीं मैं मुजफ्फरपुर से चुनाव भी लड़ना चाहता था और सबकुछ लगभग फाइनल हो गया था। आज मेरे ऊपर बच्चियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया जा रहा है लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि किसी भी बच्ची और लड़की ने मेरा नाम नहीं लिया है। आप इसकी जांच कर सकते हैं।
ब्रजेश ने जेल की वैन में बैठकर कहा कि उसका मधु से कोई रिश्ता नहीं रहा है। उसने कहा कि यह कुछ समाचार पत्रों द्वारा फैलाई गई अफवाह है ये वही समाचार पत्र वाले हैं जो मेरा अखबार बंद कराना चाहते हैं। उन अखबार वालों का बिजनेस मेरे अखबार की वजह से कम हो रहा था।
फर्जी नामों से खोल रखे कई बैंक खाते
- सूत्र बताते हैं कि मुजफ्फरपुर पुलिस ने अपनी सुपरविजन रिपोर्ट में ब्रजेश की संपत्ति व उसके संपर्कों की चर्चा है।
- रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ब्रजेश ठाकुर के फर्जी एनजीओ में उसके सगे-संबंधियों को ही वेतनभोगी कर्मचारी बना रखा था।
- उसका यह धंधा सिर्फ मुजफ्फरपुर बालिका गृह और महिला आश्रय गृह में ही नहीं, समस्तीपुर के वृद्धाश्रम में भी कायम था। उसने फर्जी नामों से कई बैंक खाते भी खोल रखे हैं।
बिहार से दिल्ली तक करोड़ों की चल-अचल संपत्ति
- सुपरविजन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उसने एनजीओ के नाम से करोड़ों रुपये बनाए हैं। इससे न केवल मुजफ्फरपुर में, बल्कि पटना, दिल्ली, समस्तीपुर दरभंगा और बेतिया में भी करोड़ों की अचल संपत्ति अर्जित की है।
- सीबीआइ के हाथ लगी इस सुपरविजन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उसकी इस काली कमाई में न केवल विभन्न महकमो के आला अधिकारी बल्कि कई बैंकर्स भी शामिल हैं।
बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एक बालिका गृह यौन शोषण मामले का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में प्रकाशित होने वाले तीन अखबारों का मालिक हैं। उस पर इन अखबारों की कुछ प्रतियां छपवाकर उस पर बड़ा-बड़ा सरकारी विज्ञापन पाने में कामयाब होने के आरोप हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ब्रजेश तीन अखबारों मुजफ्फरपुर से प्रकाशित एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र प्रात: कमल, पटना से प्रकाशित एक अंग्रेजी अखबार न्यूज नेक्स्ट और समस्तीपुर जिला से उर्दू में प्रकाशित एक अखबार हालात-ए-बिहार से प्रत्यक्ष या परोक्ष से जुड़ा हुआ है।
ब्रजेश के पिता राधामोहन ठाकुर ने 1982 में मुजफ्फरपुर से एक हिंदी अखबार शुरू किया था। इस अखबार का नाम था प्रात: कमल। राधामोहन ठाकुर की पत्रकारों के बीच अच्छी पहुंच थी। बिहार में छोटे अखबारों को शुरू करने वाले शुरुआती नामों में से एक नाम राधामोहन ठाकुर का भी था। धीरे-धीरे राधामोहन ठाकुर ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर अपने अखबार के लिए सरकारी विज्ञापन लेने शुरू कर दिए।
इन विज्ञापनों से राधामोहन ठाकुर ने खूब पैसे बनाए और फिर उसे रियल स्टेट में लगा दिया। वो रियल स्टेट का शुरुआती दौर था, तो राधामोहन ठाकुर ने इससे भी खूब पैसे बनाए। जब पिता की मौत हो गई, तो विरासत संभालने का जिम्मा आया ब्रजेश ठाकुर पर। पैसे पहले से ही थे और पिता का रसूख भी था। इसलिए ब्रजेश के हाथ में कमान आते ही उसने रियल स्टेट के कारोबार से एक कदम आगे बढ़कर राजनीति में हाथ आजमाना शुरू कर दिया।
I was thinking of joining Congress and it was almost final that I contest elections from Muzaffarpur. This is also happening due to that. None of the girls has taken my name, you can check that for yourself: Brajesh Thakur, #MuzaffarpurShelterHome case accused pic.twitter.com/2W77omtuSo
— ANI (@ANI) August 8, 2018