शराब की होम डिलीवरी, उद्धव ठाकरे ने की महाराष्ट्र सरकार की निंदा, कहा - लोगों को घर तक मदद पहुंचाने की जरूरत है, शराब नहीं
By: Priyanka Maheshwari Mon, 15 Oct 2018 10:23:36
नशे में ड्राइविंग के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार शराब की होम डिलेवरी की योजना बना रही थी लेकिन सामाजिक कार्यककर्ताओं की कड़ी प्रतिक्रियाओं के बाद रविवार को महाराष्ट्र सरकार शराब की होम डिलेवरी की अपनी योजना से पीछे हट गई। हालाकि सरकार इस योजना में पीछे हट गई लेकिन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को भाजपा नीत महाराष्ट्र सरकार की निंदा की और कहा कि यह राज्य की संस्कृति के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि राज्य के सूखाग्रस्त इलाकों के लोगों के घर तक मदद पहुंचाये जाने की जरूरत है।
हालांकि, राज्य सरकार में शामिल ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोग (बारिश की कमी के कारण) सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। वे मदद चाहते हैं, शराब की घर पर ‘डिलीवरी’ नहीं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘शराब की ऑनलाइन बिक्री राज्य की संस्कृति के अनुरुप नहीं है। लेकिन हर दिन, (सरकार द्वारा) ऐसा कुछ किया जा रहा है जो राज्य को शर्मिंदा करता है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मराठवाड़ा क्षेत्र सूखे से बहुत ज्यादा प्रभावित है...प्रभावित लोगों को केन्द्र सरकार से मदद पाने के लिए पंक्तियों में इंतजार मत कराइए। ’’
महाराष्ट्र के मंत्री शराब की ऑनलाइन बिक्री की इजाजत वाली बात से पलटे
आपको बता दें कि महाराष्ट्र के एक मंत्री ने रविवार को कहा कि बीजेपी-नीत सरकार ने राज्य में शराब की ऑनलाइन बिक्री एवं होम डिलीवरी की अनुमति देने का निर्णय किया है लेकिन बाद में बयान दिया कि इस संबंध में केवल एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। आबकारी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया, “हम नशे में धुत होकर गाड़ी चलाने की घटनाओं को रोकना चाहते हैं।
शराब को घर तक पहुंचाने से इसमें मदद मिलेगी।” हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया कि यह निर्णय कब से प्रभावी होगा। हालांकि इस घोषणा को लेकर विपक्षी पार्टियों एवं शराब का विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रियाओं के डर से मंत्री ने बाद में कहा कि केवल एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। बावनकुले ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा, “हमें घर से शराब की ऑनलाइन खरीद के लिए एक नीति बनाने के आग्रह का आवेदन प्राप्त हुआ था। हालांकि सरकार ने इस बारे में सोचा नहीं है, न ही इस बारे में कोई नीति बनी है।”