हाई सिक्योरिटी नं. प्लेट न्यायिक विवाद निबटते ही निविदा प्रक्रिया पूर्ण कराएंगे : परिवहन मंत्री यूनुस खान
By: Priyanka Maheshwari Tue, 06 Mar 2018 4:52:37
जयपुर। परिवहन मंत्री श्री यूनुस खान ने मंगलवार को राजस्थान विधानसभा में कहा कि प्रदेश में वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाने के लिए नई शर्तो के तहत निविदा आमंत्रित की गई थी। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि इस संबंध में न्यायिक विवादों के अंतिम विनिश्चय हो जाने पर यथाशीघ्र ही निविदा प्रक्रिया पूर्ण करा दी जाएगी। श्री खान सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम, 1989 के नियम 50 में वर्ष 2001 के संशोधन के पश्चात् और वर्ष 2005 में एक जनहित याचिका के अनुसार देशभर के प्रत्येक वाहन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाया जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार प्रदेश में एक ही वेंडर इस कार्य को कर सकता है।
परिवहन मंत्री ने कहा कि 16 मई, 2012 से 31 अगस्त, 2017 तक वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाने का ठेका पूरे प्रदेश में ‘मैसर्स रियल मैजॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ का था। इस फर्म के खिलाफ राज्य भर से 55 शिकायतें प्राप्त हुई। शिकायतकर्ताओं द्वारा शिकायत वापस लेने के बावजूद जांच की गई और 2 प्रकरणों में 27 लाख 75 हजार रुपए का जुर्माना वसूला गया। साथ ही निर्धारित से अधिक राशि वसूल किए जाने के 5 प्रकरणों में 5 लाख की शास्ति लगाई गई। उन्होंने बताया कि नए टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने तक इस टेंडर की अवधि को 2 बार बढ़ाया भी गया। श्री खान ने कहा कि पुराने टेंडर में सामान्य के अलावा सख्त सजा का प्रावधान नहीं था। यह फर्म अलग-अलग मामलों में 55 बार सरकार के विरुद्ध विभिन्न न्यायालयों में गई। उन्होंने बताया कि अब नए टेंडर में निर्धारित से ज्यादा राशि वसूल करने पर 1 शिकायत पर 5 लाख रुपए का जुर्माना करने और टेंडर को निरस्त करने का भी प्रावधान है।
परिवहन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में लगभग 50 लाख वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगी हैं और टेंडर की अवधि के बाद के 8-9 लाख वाहन ऎसे हैं, जिन पर ये नंबर प्लेट नहीं हैं। श्री खान ने बताया कि राजस्थान को पूरे प्रदेश में परिवहन विभाग के मंत्री समूह का चेयरमैन बनाया गया है। मंत्री समूह ने 32 संशोधन सुझाए हैं, जिसे लोकसभा ने पारित कर दिया है और राज्य सभा में ये संशोधन विचारार्थ लंबित हैं। इसमें एक संशोधन यह भी है कि वाहन निर्माता के लिए ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के प्रावधान कर दिए जाएं और डीलर को प्लेट लगाने की शक्ति दे दी जाए, क्योंकि डीलर को पंजीकरण की शक्ति पहले से ही प्राप्त है। इससे उच्चतम न्यायालय के निर्णय की पालना भी सुनिश्चित होगी और आमजन को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट निःशुल्क मिलेगी।
इससे पहले विधायक श्री मोहन लाल गुप्ता के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए परिवहन मंत्री ने कहा कि यह सही है कि 16 मई, 2012 से 31 अगस्त, 2017 तक वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाने का ठेका पूरे प्रदेश में एक ही फर्म ‘मैसर्स रियल मैजॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ का था। उन्होंने अनुबंध की प्रति सदन के पटल पर रखी। श्री खान ने हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाने हेतु दोपहिया वाहन एवं चौपहिया वाहनों की अनुमोदित दरों के संबंध में विभाग द्वारा जारी अधिसूचना की प्रति भी सदन की मेज पर रखी। उन्होंने बताया कि जयपुर में भी इन्ही दरों के आधार पर वसूली की गई थी।
परिवहन मंत्री ने कहा कि यह सही है कि वर्तमान में वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाने हेतु अनुबंध की अवधि पूर्ण होने के पश्चात नई शतोर्ं के तहत निविदा आमंत्रित की गई थी। निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात् अन्य निविदा दाता ने विभिन्न न्यायालयों में इस प्रक्रिया को चुनौती दी जिसके कारण अभी यह मामला न्यायालय में लम्बित है। श्री खान ने आश्वस्त किया कि न्यायिक विवादों के अंतिम विनिश्चय हो जाने पर यथाशीघ्र ही निविदा प्रक्रिया पूर्ण करा दी जाएगी।