Haryana News: हरियाणा के कृषि मंत्री का विवादित बयान- जो 200 किसान आंदोलन में मरे, वे घर पर रहते तब भी मरते
By: Pinki Sun, 14 Feb 2021 08:31:27
कृषि कानून रद्द कराने के लिए किसान करीब 80 दिनों से सड़कों पर डटे हुए हैं। सरकार व किसानों के बीच बातचीत का रास्ता जल्द खुल सकता है। रिहाई व मुकदमे वापसी के मुद्दे पर किसान नरम पड़ते दिख रहे हैं। किसान नेताओं ने बातचीत से पहले जेल में बंद लोगों की रिहाई व मुकदमा वापसी की शर्त रखी थी और यह शर्त ही सरकार व किसानों के बातचीत में सबसे बड़ी बाधा बन रही थी। किसान नेताओं का मानना है कि इसका हल बातचीत से निकलेगा और जिस तरह से सरकार पहले प्रस्ताव देकर बुलाती रही है, वह उस तरह ही बुलाती है तो किसान पहले की तरह बातचीत के लिए तैयार हैं। वहीं, इस बीच विभिन्न विरोध प्रदर्शन स्थलों पर हुई किसानों की मौत पर हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने विवादास्पद बयान दिया है। शनिवार को उन्होंने कहा कि वे (किसान) घर पर रहते तब भी उनकी मौत हो जाती। कथित तौर पर 200 किसानों की मौत के बारे में भिवानी में एक संवाददाता द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दलाल ने यह बात कही। उन्होंने कहा, 'किसान घर रहते तब भी मर जाते। दलाल के इस बयान के बाद किसान संगठनों ने हरियाणा सरकार से मांग की कि वह उन्हें मंत्रीपद से बर्खास्त करे।'
मीडिया से बात करते हुए दलाल ने कहा, 'मेरी बात सुनिए, क्या एक से दो लाख लोगों में से छह महीने में दो सौ लोग नहीं मरते?'
आंदोलन में संघर्षरत अन्नदाताओं के लिए इन शब्दों का प्रयोग एक संवेदनहीन और संस्कारहीन व्यक्ति ही कर सकता है।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 13, 2021
शर्म, मगर इनको आती नहीं।
पहले किसानों को पाकिस्तान व चीन समर्थक बताने वाले हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल को कैबिनेट से बर्खास्त किया जाना चाहिए।#Farmers_Lives_Matter pic.twitter.com/la71GiA7iv
उन्होंने कहा, 'कोई दिल का दौरा पड़ने से मर रहा है और कोई बीमार पड़ने से।' उन्होंने कहा, 'मुझे ये बता दो कि हिंदुस्तान की एवरेज उम्र कितनी है? और साल के कितने मरते हैं. उसी अनुपात में मरे हैं।' उन्होंने कहा कि 135 करोड़ लोगों के लिए संवेदनाएं हैं। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि ये एक्सिडेंट में नहीं मरे हैं। स्वेच्छा से मरे हैं. संवेदना प्रकट करने के सवाल पर हंसते हुए जेपी दलाल ने कहा कि मरे हुए के प्रति पूरी पूरी मेरी हार्दिक संवेदना है।
बयान देने के कुछ घंटों बाद दलाल ने कहा कि सोशल मीडिया पर उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला जा रहा है। यदि कोई इससे आहत हुआ है तो मैं माफी मांगता हूं।' कृषि मंत्री ने कहा कि वह किसानों के कल्याण के लिए काम करते रहेंगे।
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दलाल के बयान की आलोचना की और कहा कि ऐसा बयान कोई असंवेदनशील व्यक्ति ही दे सकता है। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने भी दलाल के बयान की आलोचना की। दूसरी ओर किसान संगठनों के कई प्रतिनिधियों ने मंत्री के इस बयान पर अपनी आपत्ति जताई। हरियाणा में जय किसान आंदोलन के सदस्य योगेंद्र यादव ने मंत्री के इस बयान को अमानवीय बताया और कहा कि उन्हें ऐसा कहने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।