GST में अधिकतर सर्विसेस को महंगा किया
By: Sandeep Gupta Sat, 20 May 2017 12:08:29
Source : Dainik Bhaskar
जीएसटी काउंसिल ने शुक्रवार को ज्यादातर सर्विसेस के लिए टैक्स रेट तय कर दिए। अरुण जेटली ने कहा, जीएसटी में एजुकेशन और हेल्थकेयर पहले जैसे ही टैक्स फ्री होंगी। रेल टिकट पर फर्क नहीं पड़ेगा। रेलवे के एसी टिकट को 5% टैक्स स्लैब में रखा गया है। पिछले बजट में आईआरसीटीसी से टिकट लेने पर सर्विस टैक्स खत्म किया गया था। लग्जरी रेस्टोरेंट में खाना 17% महंगा होगा। सिर्फ 5 सर्विसेस फाइव स्टार होटल, मूवी टिकट, रेसिंग, बेटिंग और कैसिनो पर 28% टैक्स लगाया गया है।
कुछ आसान तरीको से समझे GST सर्विसेज में कैसे लगेगी
1. गुड्स की तर्ज पर इन्हें भी 5 सेगमेंट 0%, 5%, 12%, 18% और 28% में बांटा गया है।
2. फ़िलहाल सोना, सिगरेट, बीड़ी, टेक्सटाइल, फुटवियर और बायो डीजल जैसे 6 गुड्स एंड सर्विसेस के टैक्स रेट तय नहीं हो पाए हैं। इसके लिए 3 जून को दिल्ली में फिर मीटिंग होगी। नए टैक्स रेट 1 जुलाई से लागू हो जाएंगे।
3. इलेक्ट्रिसिटी बिल को GST के दायरे से बाहर रखा गया है। इसलिए इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इस पर अब भी सर्विस टैक्स नहीं लगता है।
4. ट्रक ट्रांसपोर्ट पर अभी 70% अबेटमेंट है। यानी 30% हिस्से पर 15% टैक्स लगता है। यह बिल का 4.5% ही होता है। GST में 5% टैक्स कम रखा गया है, क्योंकि इसका मेन इनपुट पेट्रोल-डीजल जीएसटी से बाहर है। इसलिए इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा।
5. मेट्रो, लोकल ट्रेन, रिलिजियस और हज यात्राओं पर अभी टैक्स नहीं है। नॉन-एसी ट्रेन के टिकट पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है। एसी ट्रेन टिकट पर टैक्स नहीं। GST में भी मेट्रो, लोकल ट्रेन, धार्मिक यात्राओं, नॉन-एसी ट्रेन के टिकट पर टैक्स नहीं होगा। एसी ट्रेन टिकट पर 5% टैक्स।
6. कैब एग्रीगेटर पर अभी 6% टैक्स लगता है। GST में इन सर्विसेस को 5% वाले स्लैब में रखा गया है। यानी 1% कम।
7. एयर ट्रेवल पर अभी इकोनॉमी क्लास के टिकट पर 6% टैक्स लगता है। बिजनेस क्लास के टिकट पर 9 % टैक्स लगता है। जीएसटी में इकोनॉमी क्लास के लिए 5% टैक्स। यानी 1% की बचत। बिजनेस क्लॉस के लिए 12% टैक्स। यानी ये 3% महंगा होगा।
8. फूड बिल के 40% हिस्से पर 15% टैक्स लगता है। पूरे बिल के हिसाब से जोड़ेंगे तो यह 6% होता है। अभी वैट पूरे बिल पर 5% लगता है। दोनों को जोड़कर खाने पर कुल टैक्स 11% लगता है। जीएसटी में इसे तीन हिस्सों में बांटा गया है। नॉन-एसी रेस्टोरेंट: फूड बिल पर 12% टैक्स लगेगा। यानी 1% ज्यादा। शराब लाइसेंस और एसी वाले रेस्टोरेंट: 18% टैक्स। यानी 7% ज्यादा। लग्जरी रेस्टोरेंट:28% टैक्स रेट लागू होगा। यानी 17% ज्यादा।
9. होटल में अभी 3,000 रुपए तक किराए पर कोई टैक्स नहीं। इससे ज्यादा रूम रेंट पर राज्य (मप्र) का 10% लग्जरी टैक्स लगता है। यानी होटल के कमरे महंगे हो जाएंगे। जीएसटी में 1000 रुपए से कम किराए पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 1000-2500 रुपए के कमरों पर: 12% 2500 से 5000 रु. तक के कमरों: 18% 5000 रु. से अधिक के कमरों पर: 28%
10. टूर एंड ट्रेवल्स अभी 15% लगता है। हालांकि, टूर बिल में कुछ चीजों पर इस टैक्स से छूट मिली हुई है। GST में टूर एंड ट्रैवल पर 18% टैक्स लगेगा। यानी टैक्स रेट 3% बढ़ जाएगा।
GST का मतलब गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स है। आसान शब्दों में कहें ताे जीएसटी पूरे देश के लिए इनडायरेक्ट टैक्स है, जो भारत को एक जैसा बाजार बनाएगा। संसद इसका बिल पास कर चुकी है। 10 राज्य स्टेट जीएसटी पास कर चुके हैं। 1 जुलाई से GST देशभर में लागू होना है।
17 साल की कवायद के बाद GST इसलिए लाया गया कि अभी एक ही चीज के लिए दो राज्यों में अलग-अलग कीमत चुकानी पड़ती है। जीएसटी लागू होने पर सभी राज्यों में लगभग सभी गुड्स एक ही कीमत पर मिलेंगे। GST को केंद्र और राज्यों के 17 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स के बदले में लागू किया जा रहा है।
इससे एक्साइज ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), स्टेट के सेल्स टैक्स यानी वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैम्प ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फीस, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या सेल्स और गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स खत्म हो जाएंगे।
सेल्स पर GST को समझे