गणतंत्र दिवस 2019 - गांधीजी की कौसानी यात्रा को दर्शाएगी उत्तराखण्ड की झांकी, गणतंत्र दिवस की परेड में की गई शामिल

By: Ankur Fri, 18 Jan 2019 4:46:03

गणतंत्र दिवस 2019 - गांधीजी की कौसानी यात्रा को दर्शाएगी उत्तराखण्ड की झांकी, गणतंत्र दिवस की परेड में की गई शामिल

26 जनवरी अर्थात गणतंत्र दिवस एक गौरवशाली दिन है जिसका उत्साह राजपथ की परेड में दिखाई देता हैं। सेना की सभी टुकड़ियाँ अपने कदमताल से इस परेड का मान बढ़ाती हैं और महामहिम को सलामी देती हैं। परेड में शामिल होने वाली झाकियों को रक्षा मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की देखरेख में निर्माण किया जाता हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगाठ के सम्मान में उत्तराखण्ड की झांकी में गांधी जी की कौसानी यात्रा को दर्शाया गया हैं।

गणतंत्र दिवस परेड 2019 में इस बार उत्तराखण्ड की ये झांकी सभी को आकर्षित करेगी। इस बार गांधी जी की कौसानी यात्रा से जुड़े अनाशक्ति आश्रम की झांकी को उत्तराखंड की ओर से परेड के लिए चुना गया है। सूचना विभाग के उप निदेशक एवं राष्ट्रीय समारोह के नोडल अधिकारी के एस चैहान ने बताया कि राज्य गठन से अब तक 10 बार गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखण्ड की झांकी शामिल हो चुकी है। इस बार भी नई दिल्ली में प्रतिवर्ष आयोजित गणतन्त्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी को जगह मिली है।

इस बार महात्मा गांधी की जयंती 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर गणतंत्र दिवस की परेड की थीम महात्मा गांधी जी पर आधारित रखी गई है। उत्तराखंड सरकार की ओर से इस झांकी के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। जिसे झांकी के लिए चुना गया है। बता दें कि इस बार के लिए अंतिम रूप से 14 राज्यों एवं 6 मंत्रालयों की झांकी को चयनित किया गया है।

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इसके लिए भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राज्य सरकारों व केन्द्र शासित प्रदेशों, मंत्रालयों, विभागों से झांकी के प्रस्ताव आमंत्रित किये जाते हैं। इन प्रस्तावों का परीक्षण रक्षा मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर किया जाता है। वहीं अंतिम रुप से चयनित झांकियों का निर्माण भी विशेषज्ञ समिति की देखरेख में ही किया जाता है।

झांकी में देवभूमि उत्तराखण्ड में कौसानी की झांकी चुनी गई, जिसको महात्मा गांधी जी ने ‘भारत का स्विटजरलैंड’ कहा था। यहां स्थित अनासक्ति आश्रम गांधी जी की यात्रा को ही जीवंत करता है। महात्मा गांधी ने वर्ष 1929 में इस आश्रम का भ्रमण किया था। इसी स्थान पर ‘अनासक्ति योग’ पुस्तक की समीक्षा लिखी थी। इस आश्रम का संचालन स्थानीय महिलाओं द्वारा किया जाता है।

आश्रम में प्रतिदिन सुबह व शाम प्रार्थना सभा आयोजित की जाती है। साथ ही आश्रम को पुस्तकालय व शोध केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है। झांकी के अग्रभाग में अनासक्ति योग लिखते हुए महात्मा गांधी जी की बड़ी आकृति को दिखाया गया है। बीच में कौसानी स्थित अनासक्ति आश्रम को दिखाया गया है। आश्रम के दोनों ओर पर्यटक योग व अध्ययन करते हुए नागरिकों व पण्डित गोविन्द बल्लभ पंत को महात्मा गांधी से वार्ता करते हुए दिखाया गया है।

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