ब्राजील के डॉक्टरों का कमाल, मृत महिला के गर्भाशय से पैदा किया बच्‍चा

By: Pinki Thu, 06 Dec 2018 09:41:40

ब्राजील के डॉक्टरों का कमाल, मृत महिला के गर्भाशय से पैदा किया बच्‍चा

ब्राजील के डॉक्टरों ने एक बड़ा कारनामा कर दिखाया है। दुनिया में पहली बार एक मृत अंगदाता से प्राप्त गर्भाशय के प्रतिरोपण के बाद ब्राजील की एक महिला ने बच्ची को जन्म दिया है। इससे पहले भी मृत महिला के गर्भाशय ट्रांसप्लांट के जरिए ऐसा करने की कोशिश की गई थी, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिल पाई थी। ‘लांसेट’ पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक अंगदाता से गर्भाशय का प्रतिरोपण मुमकिन है और गर्भाशय की समस्या की वजह से बच्चे को जन्म देने में अक्षम महिलाओं के लिये यह नयी उम्मीद की तरह है। वर्तमान में महिलाओं के लिए गर्भाशय अंगदान केवल परिवार में ही हो सकता है।

ब्राजील के साओ पाउलो विश्वविद्यालय के डानी एजेनबर्ग ने शोध का नेतृत्व किया। उन्होंने बताया, ‘‘मृत महिला के गर्भाशय का ट्रांसप्लांट सितंबर, 2016 में किया गया था। जिस महिला के शरीर में यह गर्भाशय ट्रांसप्लांट कर लगाया गया था तब उसकी उम्र 32 वर्ष थी। यह महिला दुर्लभ सिंड्रोम की वजह से बिना गर्भाशय के पैदा हुई थी। मृत अंगदाता के अंग के इस्तेमाल से इसमें बड़ी मदद मिल सकती है और हमारे नतीजे गर्भाशय की दिक्कत से जूझ रही महिलाओं के लिए नया विकल्प मुहैया कराता है। उन्होंने कहा कि डोनर (मृत महिला) के गर्भाशय को महिला की वेन्स से जोड़ा गया और आर्टरीज, लिगामेंट्स और वजाइनल कनाल को लिंक किया गया। गर्भाशय दान देने वाली महिला की जब मौत हुई तब उसकी उम्र 45 वर्ष थी। उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। उसके तीन बच्चे थे। साढ़े दस घंटे के अंदर मृत महिला से गर्भाशय को निकालकर उसे दूसरी महिला में प्रतिरोपित कर दिया गया।’’

उन्होंने कहा कि जीवित महिला से गर्भाशय मिलना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में डॉक्टर ऐसी प्रक्रिया की तलाश में थे, जिससे मृत महिला का गर्भाशय इस्तेमाल किया जा सके। एजेनबर्ग के मुताबिक, मरने के बाद कई लोग अपना अंग दान करना चाहते हैं। इनकी संख्या जीवित रहते हुए अंग दान करने वालों से कहीं ज्यादा होती है।

पांच महीने बाद गर्भाशय को शरीर द्वारा स्वीकार नहीं करने के कोई संकेत नहीं मिले और महिला का मासिक चक्र नियमित पाया गया। प्रतिरोपण के सात महीने बाद महिला में निषेचित अंडे इम्प्लांट किए गए।

दस दिनों बाद डॉक्टरों ने उसके गर्भधारण की सूचना दी। 32 हफ्ते तक गर्भावस्था सामान्य थी। इस तरह 35 हफ्ते और तीन दिन में महिला ने 2.5 किलो की बच्ची को सीजेरियन तरीके से जन्म दिया।

बता दे, जिस महिला में गर्भाशय का प्रतिरोपण किया गया, वह गर्भाशय संबंधी दिक्कतों का सामना कर रही थी। लातिन अमेरिका में गर्भाशय का यह पहला प्रतिरोपण है।

इससे पहले अमेरिका, चेक रिपब्लिक और तुर्की में मृत महिला के गर्भाशय प्रतिरोपण के 10 प्रयास किए गए, लेकिन जीवित बच्चे के जन्म का यह पहला मामला है। सितंबर 2013 में स्वीडन में पहली बार जीवित महिला का गर्भाशय प्रतिरोपित किया गया था। कुल मिलाकर इस तरह 39 बार ऑपरेशन किया गया, जिससे अब तक 11 बार जन्म हुआ। एजेनबर्ग ने बताया कि जिंदा अंगदाता से पहली बार गर्भाशय का प्रतिरोपण मील का पत्थर था। इसके कारण बच्चे को जन्म देने में अक्षम कई महिलाओं के लिए बच्चे को जन्म देने की संभावना बढ़ गई।

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