CAA Protest: दिल्ली में हिंसा, पांच दिनों में 1500 करोड़ रुपये से अधिक का हुआ नुकसान

By: Pinki Sat, 21 Dec 2019 08:39:16

CAA Protest: दिल्ली में हिंसा, पांच दिनों में 1500 करोड़ रुपये से अधिक का हुआ नुकसान

नागरकिता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ शुक्रवार को दिल्ली में उग्र प्रदर्शन हुए। जामा मस्जिद इलाके में जुमे की नमाज के दौरान भारी तादाद में भीड़ ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर रावण भी वहां मौजूद थे। भीम आर्मी जंतर-मंतर तक मार्च निकालना चाहती थी, लेकिन पुलिस ने उसे इसकी इजाजत नहीं दी। यहां 12 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी और फ्लैग मार्च भी निकाला। डीएमआरसी ने 6 मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए। दिनभर शांतिपूर्ण ढंग से हुआ प्रदर्शन शाम होते-होते उग्र हो गया। दिल्ली गेट पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की और आगजनी की। यहां पुलिस ने वाटरकैनन और आंसूगैस का इस्तेमाल कर भीड़ को खदेड़ा।

बाजारों का 1500 करोड़ रुपये से अधिक का हुआ नुकसान

नागरकिता संशोधन कानून को लेकर हो रहे विरोध के चलते दिल्ली के बाजारों का बिजनस बुरी तरह से चरमरा गया है। रिपोर्ट की माने तो बाजारों का 1500 करोड़ रुपये से भी अधिक का घाटा हो चुका है। दिल्ली में लगातार बिगड़ते माहौल से ना केवल रिटेल मार्केट प्रभावित हो रहा है, बल्कि थोक बाजार भी औंधे मुंह गिर रहे हैं। सबसे ज्यादा असर थोक बाजारों पर पड़ रहा है। यहां से अन्य राज्यों के व्यापारी माल ले जाते हैं लेकिन जब से दिल्ली में बवाल शुरू है, तब से दूसरे राज्यों के व्यापारियों का यहां आना लगभग बंद हो गया है। पांच दिनों में ही दिल्ली की मार्केट पर कम से कम 60 फीसदी तक बिजनेस मंदा हो गया है।

दिल्ली-6 के बाजारों की बात की जाए तो यहां की स्थिति लगातार डाउन हो रही है। जामिया और सीलमपुर-जाफराबाद हिंसा के बाद से ही बाहर के व्यापारियों ने दिल्ली का रुख करना छोड़ दिया था। दिल्ली-6 में ही चांदनी चौक, भगीरथ प्लेस, सदर बाजार, सीताराम बाजार, चावड़ी बाजार, दरीबा, कूचामहाजनी, नया बाजार और पहाड़गंज जैसे बड़े बाजार हैं। ये दिल्ली के सबसे बड़े थोक के आजार हैं। अब यहां बाहरी राज्यों के व्यापारियों ने आना छोड़ दिया है। दंगे भड़कने के डर से लोकल ग्राहक भी इन बाजारों में जाने से परहेज कर रहे हैं।

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का भी कहना है कि इन विरोध-प्रदर्शनों की वजह से दिल्ली के बाजारों की हालत लगातार बुरी होती जा रही है। उनका कहना है कि दिल्ली में हर दिन 500 करोड़ रुपये का बिजनस होता है। इसमें 60 फीसदी तक की गिरावट नजर आ रही है। कुछ बाजार तो ऐसे हैं, जहां ग्राहक देखने को ही नहीं मिल रहे हैं। 15 दिसंबर को जामिया हिंसा के बाद शुक्रवार 20 दिसंबर तक कम से कम 1500 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो स्थिति बहुत बुरी होने वाली है। दिल्ली में क्रिसमस और नए साल की पार्टियों के लिए जो आयोजन होते थे, उन पर भी काफी असर पड़ सकता है।

दिल्ली में दंगे रोकने के लिए दिल्ली पुलिस यूपी और हरियाणा पुलिस से बात करके लगभग हर रात बॉर्डरों पर कड़ा पहरा दे रही है। इस वजह से सड़क मार्ग से भी माल ढोने के काम में समय अधिक लग रहा है। बाजारों में मंदी होने से यहां काम करने वाले हजारों कर्मचारियों की रोजी-रोटी पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ा है। यहां ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जो हर दिन कमाते हैं और खाते हैं लेकिन बाजारों में ग्राहकों के नदारद होने से हर वर्ग को समस्या हो रही है।

बता दे, नागरकिता संशोधन कानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है। केरल के 4 जिलों में हाईअलर्ट जारी किया गया है। मध्य प्रदेश में भी मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com