दिल्ली की सड़कों पर उतरा देश का किसान, आज संसद मार्च, कुछ अहम बातें

By: Priyanka Maheshwari Fri, 30 Nov 2018 09:02:04

दिल्ली की सड़कों पर उतरा देश का किसान, आज संसद मार्च, कुछ अहम बातें

केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ एक बार फिर से देशभर के किसान दिल्ली के रामलीला मैदान में आन्दोलन कर रहे है। किसान कर्ज से पूरी तरह मुक्ति और फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजा चाहते हैं। दो दिवसीय किसान मुक्ति मार्च का आज यानी शुक्रवार को दूसरा और आखिरी दिन है और किसान आज अपनी मांगों को लेकर संसद मार्च करेंगे।

रामलीला मैदान पर लाल टोपी पहने और लाल झंडा लिए किसानों ने का एक ही नारा गूंज रहा है 'अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए'। सरकार और प्रशासन को चेताते हुए किसानों ने कहा कि अगर उन्हें संसद की ओर जाने से रोका गया तो फिर वे न्यूड प्रदर्शन करेंगे।

किसान
आन्दोलन से जुड़ी अहम बातें

- किसानों (Kisan March) को कर्ज मुक्त बनाने और फसल की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य दिए जाने की मांग को लेकर दो दिवसीय आंदोलन के पहले दिन गुरुवार को किसानों के साथ डाक्टर, वकील, पूर्व सैनिक, पेशेवर और छात्रों सहित समाज के तमाम वर्गों के लोगों के समूह रामलीला मैदान में एकत्र हो गये। देश के विभिन्न भागों से दिल्ली के प्रवेश मार्गों पर एकत्र होकर आंदोलनकारियों का रामलीला मैदान तक पैदल और वाहनों से पहुंचने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा और आज यानी शुक्रवार को संसद मार्च करेंगे ये किसान।

- मैदान सुबह साढ़े 10 बजे से भरना शुरू हो गया जब दिल्ली और हरियाणा तथा पंजाब के किसान जुटने लगे। करीब 13 हजार लोग मैदान में पहुंच चुके हैं और कई अब भी रास्ते में हैं। विरोध मार्च के लिए किसान निजामुद्दीन, सब्जी मंडी रेलवे स्टेशन, आनंद विहार टर्मिनल और बिजवासन से आ रहे हैं। स्वराज भारत के अध्यक्ष योगेंद्र यादव 'चलो दिल्ली' बिजवासन टू रामलीला मैदान रैली का नेतृत्व कर रहे हैं। वहीं हरियाणा, राजस्थान और उड़ीसा के किसान भी रैली से जुड़ गए हैं, जबकि महाराष्ट्र और बेंगलुरु से भी किसान आ रहे हैं। मेधा पाटकर और दिग्गज पत्रकार पी। साईनाथ सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रैली को समर्थन दिया है और कहा कि देश में किसानों की हालत इस हद तक बदतर हो चुकी है, जैसी कि पहले कभी नहीं थी।

- अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले लगभग 200 किसान संगठनों, राजनीतिक दलों और अन्य समाजिक संगठनों से किसानों की मांग का समर्थन करते हुये आंदोलन में भागीदारी की है। समिति के महासचिव अवीक शाहा और स्वराज इंडिया के संयोजक योगेन्द्र यादव की अगुवाई में दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के बिजवासन से सुबह शुरु हुयी किसान मुक्ति यात्रा लगभग 25 किमी की पदयात्रा कर देर शाम रामलीला मैदान पहुंची।

- अखिल भारतीय किसान सभा के सचिव अतुल कुमार अनजान सहित संगठन के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी रामलीला मैदान में आंदोलनकारियों के लिये सुविधाओं का लगातार जायजा लेते रहे। अनजान ने बताया कि नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम की ओर से भी किसानों के समूह पैदल और वाहनों से रामलीला मैदान पहुंच रहे हैं। फरीदाबाद की ओर आश्रम होते हुये रामलीला मैदान पहुंच रही किसान मुक्ति यात्रा की अगुवाई सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और वरिष्ठ पत्रकार पी साईनाथ ने की।

- इस बीच पूर्व सैनिकों के संगठन ने भी किसानों की मांग का समर्थन करते हुये किसान मुक्ति यात्रा में शिरकत की। संगठन के प्रमुख मेजर जनरल सतबीर सिंह ने कहा कि पूर्व सैनिक किसान आंदोलन में दो दिन तक साथ रहेंगे। अनजान ने बताया कि यह पहला अवसर है जब किसानों के समर्थन में डॉक्टर, वकील, शिक्षक, रंगकर्मी और छात्र संगठनों सहित समाज के सभी वर्गों ने भी किसान आंदोलन में हिस्सेदारी की है। साईनाथ की अगुवाई में गठित समूह ‘नेशन फॉर फार्मर्स' के बैनर तले विभिन्न सामाजिक समूहों ने आंदोलन में शिरकत की है।सभी संगठनों के कार्यकर्ता बिजवासन, मजनू का टीला, निजामुद्दीन और आनंद विहार से किसान आंदोलनकारियों के साथ रामलीला मैदान पहुंचे।

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- दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत कई संस्थानों की छात्राएं भी इस आंदोलन को समर्थन दे रही हैं। अखिल भारतीय किसान संघ और अन्य कई संगठन भी शुक्रवार को रामलीला मैदान से संसद तक स्ट्रीट मार्च करेंगे। स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता और सांसद राजू शेट्टी ने 2017 में लोकसभा में दो निजी सदस्य विधेयक पेश किए थे ताकि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर कृषि उत्पादों के लिए उचित दाम की गारंटी और किसानों का कर्ज़ माफ हो सके।

- रामलीला मैदान में सरकारी और गैरसरकारी स्तर पर स्वास्थ्य, भोजन और पानी सहित अन्य जरूरी सुविधायें मुहैया करायी जा रही है। लगभग 60 हजार लोगों की क्षमता वाले रामलीला मैदान में एम्स, आरएमएल, लोकनायक, हिंदूराव, अरुणा आसिफ अली अस्पताल सहित दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के करीब 25 से 30 डॉक्टरों ने रामलीला मैदान पर किसानों के लिए एक निशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया। साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से भोजन और रात के समय सर्दी से बचने के लिये जरूरी कपड़ों की व्यवस्था की गयी।

- पुलिस ने बताया कि बृहस्पतिवार को रामलीला मैदान में पुलिसबल तैनात किया गया है। साथ ही शुक्रवार को रामलीला मैदान से संसद मार्ग तक किसान मार्च मार्ग में भी सुरक्षा और यातायात के विशेष प्रबंध किए गए हैं। पुलिस ने कहा कि किसानों के मार्च के दौरान सड़कों के दोनों तरफ रस्सी होगी और दूसरी तरफ पुलिस तैनात होगी ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि यातायात प्रभावित नहीं हो।

- गौरतलब है कि किसानों के इस आंदोलन को कई वर्गों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का समर्थन मिल रहा है। गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री और JDS नेता एचडी देवगौड़ा ने रामलीला मैदान में किसानों से मुलाकात की। यहां उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से इस मामले को व्यक्तिगत तौर पर देखने की अपील की।

- किसानों को संबोधित करते हुए गौड़ा ने कहा कि वह उनके दुख और दिक्कतों को समझते हैं क्योंकि वह खुद किसान के बेटे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं आपको आश्वासन देने आया हूं कि संघर्ष की इस घड़ी में हम आपके साथ हैं। मैं आपके दुख और तकलीफों को समझता हूं।' बाद में रामलीला मैदान में संवादाताओं से बातचीत के दौरान उन्होंने केन्द्र सरकार से किसानों की मांग सुनने को कहा। उन्होंने कहा, ‘कोई सरकार किसानों के (समर्थन) बिना नहीं चल सकती है। केन्द्र सरकार को उनकी मांगें सुननी चाहिए। इस देश के किसान जाग चुके हैं और उन्हें बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता।'

- देश के विभिन्न इलाकों मसलन, आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश आदि जगहों से किसान ट्रेन, ट्रैक्टर्स से इस किसान मुक्ति मार्च में आए हैं।

- ओडिशा के 60 वर्षीय किसान भ्रामर विशी ने कहा कि तीन साल पहले मैंने 3 लाख रुपये लिए थे और अब इसे चुकता करना मुश्किल हो रहा है। मैं अपना कर्ज माफ करवाना चाहता हूं।

(इनपुट एनडीटीवी)

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