बिहार: दिमागी बुखार की चपेट में आने से 12 और बच्चों की मौत, मृतकों की संख्या हुई 66
By: Pinki Sat, 15 June 2019 09:08:48
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में दिमागी बुखार की चपेट में आने से शुक्रवार को 12 और बच्चों की मौत के साथ केवल इस महीने में अब तक 66 बच्चों की मौत हो चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक ये मौतें हाइपोग्लीसेमिया की वजह से हुई हैं। जिसमें ब्लड शुगर का स्तर बहुत घट जाता है और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलित हो जाते हैं। जिला प्रशासन की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक शुक्रवार को शाम छह बजे तक श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) में 6 बच्चों और केजरीवाल अस्पताल में 3 बच्चों की मौत हो गई थी। 3 अन्य बच्चों की मौत की खबर बाद में आई। एसकेएमसीएच में 55 और केजरीवाल अस्पताल में 11 बच्चों की मौत हुई है।
मुजफ्फरपुर के दो सरकारी अस्पतालों में 66 बच्चों की मौत हुई जिनमें से एक अस्पताल का स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने दिन में दौरा किया था। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि बीमारी को रोकने के लिए लोगों में जागरुकता फैलाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही संबंधित अधिकारियों को प्रभावित जिलों में बचाव कार्य का निर्देश दे चुके हैं।
Muzaffarpur: Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) rises to 66 (55 at Sri Krishna Medical College and Hospital and 11 at Kejriwal Hospital). #Bihar
— ANI (@ANI) June 15, 2019
बच्चों की हालत नाजुक
एसकेएमसीएच में जिन 9 बच्चों का इलाज चल रहा है उनकी हालत गंभीर है। साथ ही बताया गया कि केजरीवाल अस्पताल में 5 बच्चों की हालत नाजुक है। स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सकों एवं अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि शुक्रवार से छह और एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाएंगी और 100 बेड वाले नये वार्ड का संचालन जल्द ही शुरू किया जाएगा।
हर संभव मदद करेगा केंद्र
इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ। हर्षवर्धन ने केंद्र की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिया था। उन्होंने कहा, 'केंद्र से भेजे गए डॉक्टरों की टीम ने अस्पतालों का दौरा किया। उन्होंने राज्य सरकार को इस संबंध में जरूरी सलाह दिए हैं। मैंने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री के साथ दो बैठकें की हैं और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।'
चिंता में नीतीश कुमार
बच्चों की मौत की दर को बढ़ते देख कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी चिंता जता चुके हैं और सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर नगर विकास और आवास मंत्री सुरेश शर्मा को एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में भर्ती बच्चों का हाल समाचार जानने के लिए भेजा है। दरहसल, भारी गर्मी में और बरसात से पहले ये बीमारी हर साल बिहार में कहर बरपाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी जांच की जा रही है। एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ सुनील शाही ने बताया कि अधिकांश बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी अचानक शुगर की कमी और कुछ बच्चों के शरीर में सोडियम (नमक) की मात्रा भी कम पाई जा रही है। उन्होंने कहा कि एईएस के संदिग्ध मरीजों का इलाज शुरू करने से पहले चिकित्सक उसकी जांच कराते हैं। ब्लड शुगर, सोडियम, पोटाशियम की जांच के बाद ही उसका इलाज शुरू किया जाता है।
अब तक इस बीमारी से मरे बच्चों की संख्या
साल 2018 में 45 बच्चे पीड़ित हुए, जिनमें 10 बच्चों की मौत हो गई। साल 2017 में 42 बच्चे पीड़ित हुए, जिनमें 19 बच्चों की मौत हो गई। साल 2016 में 42 बच्चे पीड़ित हुए, जिनमें 21 बच्चों की मौत हो गई। साल 2015 में 75 बच्चे पीड़ित हुए, जिनमें 11 बच्चों की मौत हो गई। साल 2014 में 342 बच्चे पीड़ित हुए, जिनमें 86 बच्चों की मौत हो गई। साल 2013 में 124 बच्चे पीड़ित हुए, जिनमें 39 बच्चों की मौत हो गई। साल 2012 में 336 बच्चे पीड़ित हुए, जिनमें 120 बच्चों की मौत हो गई। साल 2011 में 121 बच्चे पीड़ित हुए, जिनमें 45 बच्चों की मौत हो गई। साल 2010 में 59 बच्चे पीड़ित हुए, जिनमें 24 बच्चों की मौत हो गई।