UP में कोरोना वैक्सीनेशन के 24 घंटे बाद मौत, पोस्‍टमार्टम में सामने आई सच्‍चाई

By: Pinki Mon, 18 Jan 2021 1:06:49

UP में कोरोना वैक्सीनेशन के 24 घंटे बाद मौत, पोस्‍टमार्टम में सामने आई सच्‍चाई

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जिला अस्पताल के एक वार्ड बॉय महिपाल सिंह (46 साल) की कोरोना वैक्सीन लगने के 24 घंटे बाद मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि कोविड-19 से बचाव के लिए अस्पताल में शनिवार को वैक्सीन लगी थी। इसके बाद ही महिपाल की हालत बिगड़ी और मौत हो गई। सोमवार की तड़के चार बजे वार्ड ब्‍वॉय के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एमसी गर्ग, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ दीपक वर्मा पोस्टमार्टम हाउस पहुच गए। डॉ शशि भूषण, डॉ आरपी मिश्रा, डॉ निर्मल ओझा की टीम ने पोस्टमार्टम किया। वार्ड ब्‍वॉय की हार्ट अटैक से मौत होने की पुष्टि हुई। बुखार नहीं था, फेफड़ों में पस पाया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एमसी गर्ग ने बताया कि तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया है। हार्ट अटैक की वजह से वार्ड ब्‍वॉय की मौत हुई है। कोरोना वैक्सीनेशन की वजह से मौत नहीं हुई है।

16 जनवरी को महिपाल को लगी थी वैक्सीन

दरअसल 16 जनवरी को पूरे भारत में कोविड-19 वैक्सीन के टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। मुरादाबाद जिला अस्पताल में भी स्वास्थ कर्मचारियों को वैक्सीन का टीका लगाया गया था। जिला अस्पताल में वार्ड बॉय पद पर तैनात महिपाल सिंह ने भी 16 जनवरी को 12 बजे करीब कोविड वैक्सीन का टीका लगवाया था। जिसके बाद बेटे को अस्पताल बुलाकर घर वापस आ गए। उसी रात में इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी भी की थी। रविवार को ड्यूटी से घर वापस आने के बाद अचानक महिपाल की तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद महिपाल को जिला अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टर ने उनको मृत घोषित कर दिया।

परिजनों का यह है आरोप

परिजनों का आरोप है कि कोरोना वैक्सीन की वजह से ही महिपाल की हालत बिगड़ी और मौत हो गई। ड्यूटी करके घर वापस आए तो तबीयत खराब थी। मृतक महिपाल के बेटे विशाल ने बताया कि जब सुबह पिता अस्पताल में ड्यूटी कर घर वापस आए तो उनकी तबीयत खराब थी। मैं घर पर नहीं था। मेरे पास फोन आया कि पापा की तबीयत बहुत खराब है। परिवार वाले उनको जिला अस्पताल ले गए जहां उनकी मृत्यु हो गई। पापा को निमोनिया थी। उनकी सांस फूल रही थी।

परिजनों ने कहा महिपाल की हालत बिगड़ी तो 108 पर कॉल लगाया। लखनऊ में कंट्रोल रूम पर बैठे कर्मचारी ने मरीज की हालत बताने के बाद भी इमरजेंसी समझने के बजाय उससे सवाल करते रहे। स्‍वजनों ने मरीज की हालत बिगड़ती देखी तो वे उसे ऑटो से लेकर ही अस्पताल पहुंच गए थे। इस दौरान कंट्रोल रूम से वापस कोई कॉल नहीं आई। वार्ड ब्‍वॉय के दामाद ने बताया कि कंट्रोल रूम में बैठा कर्मचारी सिर्फ एड्रेस ही कंफर्म करता रहा। एंबुलेंस जिला कोआर्डिनेटर अमित कुमार ने बताया कि कंट्रोल रूम में मरीज की जानकारी करने के बाद ही एंबुलेंस भेजी जाती है। इस प्रक्रिया की वजह से देरी हुई होगी।

जिला अस्पताल के वार्ड बॉय महिपाल सिंह की मौत के बाद मुख्य चिकित्साधिकारी एमसी गर्ग भी मृतक के घर पहुंच गए। मुख्य चिकित्साधिकारी का कहना है कि महिपाल को रविवार दोपहर में सीने में दर्द ओर सास फूलने में दिक्कत हुई थी। उन्हें परिवार वालों ने मृत अवस्था में अस्पताल पहुंचाया था। ये पहले कोरोना संक्रमित नहीं थे। वैक्सीन का कोई रिएक्शन भी सामने नहीं आया था। उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि मौत का वैक्सीन से कोई संबंध नहीं है। महिपाल की मौत हार्ट अटैक से हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि मुरादाबाद में 479 स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना का टीका लगाया गया था। महिपाल के अलावा सभी की हालत ठीक है।

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