कोरोना वायरस ने इटली में मचाई तबाही, 4000 से ज्यादा लोगों की हुई मौत
By: Pinki Sat, 21 Mar 2020 00:09:39
कोरोना वायरस ने इटली में तबाही मचा रखी है। पिछले 24 घंटे के अंदर यहां 627 लोगों की मौत हो गई है। इसी के साथ मरने वालों की संख्या 4,032 तक पहुंच गई है। इटली में 47000 से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित बताए जा रहे हैं। देश का बर्गामो शहर सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। वहां के हालात डरा देने वाले हैं। हालात ये हैं कि वेटिंग रूम तक को वार्ड में तब्दील कर दिया गया है। अस्पताल का कहना है कि वे इसका हर एक कोना इस्तेमाल कर लेना चाहते हैं। मेडिकल स्टाफ का कहना है कि वे एक वॉर लड़ रहे हैं।
हालात हाथ से फिसलता देख सरकार ने लॉकडाउन के लिए सेना बुला ली है। देश में संकट गहरा चुका है और लॉकडाउन लागू करने के लिए सेना बुला ली गई है। देश के लोम्बार्डी रिजन के प्रेजडेंट ने बताया कि सरकार अब मिलिटरी के इस्तेमाल के लिए तैयार हो गई है ताक लॉकडाउन लागू किया जा सके। उन्होंने कहा, 'आर्मी के इस्तेमाल के अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया है और लोम्बार्डी की सड़कों पर हमेशा 144 सैनिक मौजूद रहे हैं, बहुत देर हो गई, लेकिन यह सकारात्मक फैसला है।'
दुनियाभर में कोरोना से कुल 11,220 लोगों की हुई मौत
बता दे, इटली में एक पीढ़ी पूरी तबाह हो गई और मृतकों के संस्कार के लिए ताबूत कम पड़ रहे हैं। बता दे, दुनियाभर में कोरोना से कुल 11,220 लोगों की मौत हो चुकी है और इनमें से करीब 6,000 मौतें यूरोप में हुई हैं। यूरोप में इटली के बाद स्पेन सबसे अधिक प्रभावत है यहां संक्रमित लोगों की संख्या 20000 के पार पहुंच गई है। मृतकों की संख्या देखें तो टॉप फाइव देशों में चीन के बाद इटली, ईरान (1433), स्पेन (1,041), फ्रांस (372) हैं, जबकि दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका छठे स्थान पर है। यहां 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 15,777 लोग संक्रमित हैं। पूरी दुनिया में 2,62,000 लोग संक्रमित है और करीब 1.5 लाख से अधिक मामले सिर्फ एक सप्ताह के अंदर दर्ज किए गए हैं।
इटली में 60% से अधिक आबादी 40 साल से ऊपर की है यानी युवा आबादी इटली में कम है। लंबी आयु का श्रेय यहां कि बेहतर स्वास्थ्य सेवा को दिया जाता था, लेकिन अब हालत ये हैं कि यही स्वास्थ्य सेवा बेदम हो गई है। डॉक्टरों, नर्सों और अन्य मेडिकल स्टाफ की हालत खराब हो गई है। बता दे, यूरोप और पूरी दुनिया में सबसे अधिक मौतें इटली में हुई हैं और वह भी सिर्फ एक सप्ताह के भीतर। अस्पतालों में बेड भरते जा रहे हैं और उनका ख्याल रखना मेडिकल स्टाफ के लिए कड़ी चुनौती बनता जा रहा है।