कोरोना संकट / मज़दूरों के लिए देश के इन 6 रूटों पर चलेंगी 'श्रमिक स्पेशल ट्रेन', रेलवे किराया भी वसूलेगा
By: Pinki Fri, 01 May 2020 6:33:33
रेलवे दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मज़दूरों के लिए भी स्पेशल ट्रेन चलाएगी। गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम में दो दिन में दूसरी बार संशोधन करते हुए इसका रास्ता साफ़ किया। गृह मंत्रालय ने एक नया आदेश जारी कर अलग-अलग हिस्सों में फँसे प्रवासी मज़दूरों, छात्रों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और अन्य लोगों को अपने गंतव्य तक पहुँचाने के लिए रेल का भी इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। प्रधानमंत्री आवास पर आज हुई बैठक में इस बारे में फैसला हुआ। इस मीटिंग में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा, गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा शामिल रहे।
इसके लिए रेल मंत्रालय एक नोडल अफ़सर तैनात करेगी, जो राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस दिशा में काम करेगा की कैसे अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मज़दूरों को घर पहुंचाया जा सके। गृह मंत्रालय ने इस बारे में नया ऑर्डर निकाला है। ऑर्डर में लिखा है कि रेल मंत्रालय इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए नए दिशानिर्देश जारी करेगा जिसमें टिकट बिक्री, सोशल डिस्टेंसिग और सुरक्षा के लिहाज़ से उठाए जाने वाले क़दमों की विस्तृत जानकारी होगी। इसका मतलब साफ़ है कि घर जाने के इंतज़ार में दूसरे राज्यों में बैठे मज़दूरों से किराया भी वसूला जाएगा। गृह मंत्रालय के ऑर्डर में ये साफ कहा गया है कि रेल मंत्रालय टिकट बिक्री को लेकर नया आदेश जारी करेगी। ऐसे में अभी ये स्पष्ट नहीं है कि किराया फंसे मजदूरों और छात्रों से लिया जाएगा, या फिर राज्य सरकारों से। लेकिन पिछली बार बसों से जब मजदूरों को ले जाया गया था, तो किराया लोगों से वसूला गया था।
A one-off special train was run today from Lingampalli (Hyderabad) to Hatia (Jharkhand) on request of the Telangana Government & as per the directions of Union Railway Ministry. pic.twitter.com/9YptotxcbV
— ANI (@ANI) May 1, 2020
Movement of migrant workers, pilgrims, tourists, students & other persons, stranded at different places, is also allowed by #SpecialTrains to be operated by @RailMinIndia. MoR to designate nodal officer(s) for coordinating with States/ UTs for their movement#lockdown #Covid_19 pic.twitter.com/UvEvDH1Ibj
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) May 1, 2020
केन्द्र सरकार का नया फ़रमान आते ही झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्विटर पर जानकारी दी की झारखंड के छात्रों के लेकर दूसरी ट्रेन आज ही राजस्थान के कोटा से रवाना होगी। मुख्यमंत्री सोरेन ने इसके लिए केंद्र सरकार और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को झारखंड के लोगों की तरफ़ से धन्यवाद दिया है। राज्य सरकार का अनुमान है कि उनके यहाँ के लगभग 5 लाख लोग दूसरे राज्यों में फँसे हुए हैं।
रेल मंत्रालय ने फंसे मज़दूरों के लिए चलाई जाने वाली ट्रेन का नाम 'श्रमिक ट्रेन' रखा है। एक मई को ऐसी छह ट्रेनें चलाई जाएंगी।
- तेलंगाना से झारखंड के हटिया
- अलूवा, (केरल) से भुवनेश्वर
- नासिक से लखनऊ
- नासिक से भोपाल
- जयपुर से पटना और कोटा से हटिया
ज़ाहिर है बाकी राज्यों से भी मांग पहले से उठ रही है। वो सभी राज्य रेल मंत्रालय के संपर्क में हैं। जैसे-जैसे ट्रेन के डिब्बों और राज्यों की मंज़ूरी मिलेगी, रेलवे दूसरे राज्यों से भी लोगों को निकाल कर घर पहुंचाना शुरू करेगी।
बता दे, आज सुबह 4:50 बजे तेलंगाना के लिंगमपल्ली से झारखंड के हटिया के लिए एक स्पेशल ट्रेन 1200 प्रवासियों को लेकर चल दी है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने आरपीएफ़ के डीजी के हवाले से ये जानकारी दी। ये भी बताया गया कि इस ट्रेन में 24 कोच हैं। अब सवाल उठता है कि 1200 लोगों के साथ एक ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग कैसे कर रही है सरकार?
तेलंगाना के लिंगमपल्ली से झारखंड के हटिया की दूरी लगभग 1300 किलोमीटर की है। दरअसल, ये पूरी ट्रेन 24 कोच की स्लीपर ट्रेन है। वैसे हर कोच में 72 लोगों की अमूमन बैठने की व्यवस्था होती है। लेकिन इस स्पेशल ट्रेन में एक कोच में 50 लोगों को ही लाया जा रहा है। ट्रेन की शुरुआती तस्वीरें समाचार एजेंसी एएनआई ने भेजी है, जिसके मुताबिक़ ट्रेन के डिब्बों में मिडिल बर्थ ख़ाली है। इस ट्रेन को हर स्टेशन पर रुकने की इजाज़त भी नहीं दी गई है। ये नॉन स्टॉप ट्रेन है जो सिर्फ़ ऑपरेशल हॉल्ट ही लेगी। ट्रेन में पैसेंजर को खाना और पानी सब मुहैया कराया जाएगा। ट्रेन विलासपुर, रायगढ़, झारसुगुड़ा होते हुए हटिया पहुंचेगी। स्पेशल ट्रेन में दिन का सफ़र इसलिए रखा है, ताकि बेड रोल का इस्तेमाल ना किया जा सके। इससे संक्रमण का ख़तरा कम होगा। लोगों की सुरक्षा में आरपीएफ़ के जवानों को तैनात भी किया गया है। वो भी हाथ में दस्ताने और मास्क पहने हुए हैं।