सोनिया का आरोप / सुझाव पर ध्यान नहीं दे रही है सरकार, खराब पीपीई किट और टेस्टिंग की कमी पर भी उठाए सवाल

By: Pinki Thu, 23 Apr 2020 12:24:58

सोनिया का आरोप / सुझाव पर ध्यान नहीं दे रही है सरकार, खराब पीपीई किट और टेस्टिंग की कमी पर भी उठाए सवाल

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने गुरुवार को खराब पीपीई किट (PPE Kit) और टेस्टिंग की कमी को लेकर बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सोनिया गांधी ने बीजेपी का नाम लेकर आरोप लगाया कि जब कोरोना वायरस के खिलाफ एकजुट होकर निपटा जाना चाहिए, उस वक्त भी बीजेपी सांप्रदायिक पूर्वाग्रहों और नफरत के वायरस को फैलाने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे सांप्रदायिक सौहार्द को गंभीर नुकसान पहुंचाया जा रहा है, इससे हर भारतीय को चिंतित होना चाहिए।

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने न सिर्फ बीजेपी पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया बल्कि कोरोना के खिलाफ जंग में मोदी सरकार की रणनीति पर भी हमला बोला। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि पीपीई और टेस्टिंग को लेकर कांग्रेस के सुझावों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया। मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि हमने बार-बार प्रधानमंत्री से कहा है कि टेस्टिंग का कोई विकल्प नहीं है। इसके बावजूद भी टेस्टिंग कम हो रही है और पीपीई भी अच्छी क्वालिटी के नहीं है। हमने काफी सुझाव दिए, लेकिन सरकार उनको अमल में लाने के लिए कोई सक्रियता नहीं दिखा रही है।

सोनिया ने देश में कोरोना वायरस के फैलने और उसकी रफ्तार पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का पिछले तीन हफ्तों में चिंताजनक रूप से प्रसार बढ़ा है और उसकी गति तेज हुई है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से समाज के हर तबके खासकर किसानों, मजदूरों, प्रवासी मजदूरों को बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रेड, कॉमर्स, इंडस्ट्री सबकुछ ठहर चुकी हैं और करोड़ों लोगों की आजीविका के साधन खत्म हो चुके हैं। बैठक में सोनिया गांधी ने मांग की कि गरीबों-मजूदरों-किसानों के खाते में तुरंत 7500 रुपये ट्रांसफर किए जाने चाहिए। मजदूरों को खाद सुरक्षा मुहैया कराने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। सोनिया ने कहा कि हमें कोरोना वॉरियर्स को सलाम करना चाहिए। तमाम हेल्थ वर्कर, जो बिना जरूरी मेडिकल उपकरण के भी फील्ड पर काम कर रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार से मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्योगों (MSME) के लिए स्पेशल पैकेज की मांग की। उन्होंने कहा कि MSME क्षेत्र करीब 11 करोड़ लोगों को रोजगार देता हैं और जीडीपी में इसका योगदान करीब एक तिहाई है। सोनिया ने लॉकडाउन की वजह से इकॉनमी पर पड़ने वाले असर की बात करते हुए कहा, 'लॉकडाउन के पहले चरण में 12 करोड़ नौकरियां खत्म हुई हैं। बेरोजगारी अभी और बढ़ सकती है क्योंकि आर्थिक गतिविधियां अभी भी ठप पड़ी हुई हैं।'

किसानों का मसला उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश के किसान सबसे अधिक परेशान हैं। कमजोर और अस्पष्ट खरीद नीतियों के अलावा सप्लाई चेन में आ रही दिक्कतों ने किसानों को बेहाल कर दिया है। उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निपटारा किया जाना चाहिए। खरीफ फसल के लिए भी किसानों को सुविधाएं मिले। सोनिया गांधी ने कहा कि प्रवासी मजदूर अब भी फंसे हुए हैं, बेरोजगार हैं और घर लौटने को बेताब हैं। वह सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। संकट के इस दौर से बचे रहने के लिए उन्हें खाद्य सुरक्षा और वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में हमारी सफलता के लिए केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की सफलता का फैसला इससे होगा कि हम कोविड-19 से किस तरह निपट रहे हैं।

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