मुंबई से ज्यादा रिस्की हुई दिल्ली, लगातार बढ़ते कोरोना मरीज बढ़ा रहे है चिंता
By: Pinki Fri, 26 June 2020 3:09:52
देश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण ने अब स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंता बड़ा दी है। गुरुवार को एक दिन में सबसे ज्यादा 18 हजार 185 संक्रमित बढ़े। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में दिल्ली और महाराष्ट्र हैं। कोरोना की शुरुआत में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा केस देखे गए थे लेकिन अब अनलॉक 1 के बाद से दिल्ली में कोरोना ने घातक रूप ले लिया है। पिछले 24 जून की बात करें तो दिल्ली में 3 हजार 788 नए केस सामने आए थे। नए केस सामने आने के बाद दिल्ली ने मुंबई को भी पीछे छोड़ दिया। 3 हजार 788 केस सामने आने के बाद दिल्ली में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 70 हजार 390 हो गई थी, जबकि इसी दौरान मुंबई में 1 हजार 118 नए केस सामने आए, जिसके बाद मुंबई में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 69 हजार 528 हो गई।
दिल्ली के लिए सबसे खतरनाक दिन 23 जून रहा। इस दिन दिल्ली में 3 हजार 947 नए केस देखने को मिले जो एक दिन में पूरी दुनिया के किसी भी शहर के लिहाज से सबसे अधिक था। इस दिन महाराष्ट्र में दिल्ली से कम मामले आए थे। यहां 3 हजार 874 नए मामले सामने आए थे। दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले और भी खतरनाक होते जा रहे हैं। दिल्ली में पिछले एक हफ्ते से लगातार औसत 3 हजार 327 केस सामने आ रहे हैं जबकि मुंबई में एक जून के बाद से कोरोना के नए केस 1 हजार 600 से अधिक नहीं हुए हैं। पिछले मंगलवार को यहां पर केवल 824 मामले ही सामने आए थे जो पिछले 41 दिनों में सबसे कम केस थे। मुंबई में 23 जून के बाद से लगातार कोरोना के नए केस कम हो रहे हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि बहुत जल्द मुंबई में कोरोना का संक्रमण न के बराबर पहुंच जाएगा। 1 मई को मुंबई में मामलों की संख्या दोगुनी से अधिक थी। लॉकडाउन 4 के अंत तक दिल्ली और मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की जाने लगी थी लेकिन लॉकडाउन 4 के बाद से दोनों शहरों में काफी बदलाव देखने को मिला। दिल्ली में जहां कोरोना के मामलों में तेजी आई वहीं मुंबई में ये संख्या तेजी से कम होती देखी गई।
दैनिक टेस्टिंग हुई दोगुनी
दरअसल, दिल्ली में संक्रमित मामले बढ़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह है यहां हो रही टेस्टिंग में बढ़ोतरी। राजधानी ने चार दिन में ही अपनी दैनिक टेस्टिंग को दोगुना कर दिया है। 18 से 21 जून के बीच, दिल्ली ने उतने लोगों का टेस्ट किया, जितना कि इससे पिछले 10 दिनों में किया गया। इन चार दिनों में हर दिन 13,000-18,000 टेस्ट किए गए। जबकि इससे पिछले 10 दिनों में औसतन हर दिन 6 हजार 500 टेस्ट हो रहे थे। 22 जून को दिल्ली ने 14 हजार 682 टेस्ट किए। उस दिन टेस्टिंग में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश ही बस दिल्ली से आगे थे। तमिलनाडु ने 22 जून को 26 हजार 592 टेस्ट किए, वहीं आंध्र प्रदेश में ये आंकड़ा 16 हजार 720 रहा।