छात्रों को सलाह- पिटकर नहीं पीटकर आना, बस चले तो मर्डर तक कर दें, हम देख लेंगे : पूर्वांचल यूनिवर्सिटी के VC
By: Pinki Sun, 30 Dec 2018 2:23:53
उत्तर प्रदेश के जौनपुर स्थित वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति राजाराम यादव ने गाजीपुर में यूनिवर्सिटी के संबंधित कॉलेज के कार्यक्रम के दौरान विवादित बयान दिया है। छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर वे पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र हैं तो लड़ाई झगड़े में पिटकर नहीं, बल्कि पीटकर आएं और अगर बस चले तो मर्डर तक कर दें। उसके बाद हम देख लेंगे। वाइस चांसलर गाजीपुर में सत्यदेव कॉलेज कैंपस में सत्यदेव डिग्री कॉलेज एवं डॉ. राम मनोहर लोहिया डिग्री कॉलेज में एक ज्वाइंट सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
गाजीपुर जिले में स्थित सत्यदेव डिग्री कॉलेज में 'उच्च शिक्षा की चुनौतियां' विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए कुलपति राजाराम यादव ने कहा, 'युवा छात्र वही होता है जो पर्वत की चट्टानों में पैर मारता है तो पानी की धार निकलती है... उसी को छात्र कहते हैं... छात्र अपने जीवन में जो संकल्प लेता है उसको अपनी आंखों से पूरा करता है... उसी को पूर्वांचल विश्वविद्यालय का छात्र कहते हैं।' कुलपति यादव ने कहा, 'अगर आप पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र हो तो रोते हुए कभी मेरे पास मत आना एक बात बता देता हूं। अगर किसी से झगड़ा हो जाए तो उसकी पिटाई करके आना और तुम्हारा बस चले तो उसका मर्डर करके आना, जिसके बाद हम देख लेंगे।'
Vice chancellor of Purvanchal University Raja Ram Yadav:
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) December 29, 2018
अगर किसी से झगड़ा हो तो उसकी पिटाई करके आना... और अगर बस चले तो उसका मर्डर करके आना... उसके बाद जो होगा हम देख लेंगे...
Video credit: @WeUttarPradeshpic.twitter.com/Bi1Zx4IEQH
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक ये वीडियो 29 दिंसबर का है। बता दें, साल 2017 में ही यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने राजाराम यादव को पूर्वांचल यूनिवर्सिटी का वीसी बनाया था। इससे पहले राजाराम यादव इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में फिजिक्स डिपार्टमेंट में प्रोफेसर थे। यादव के इस बयान की लोग जमकर आलोचना कर रहे हैं। हालांकि इस बारे में उनकी तरफ से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रहे राजाराम यादव को पिछले साल ही पूर्वांचल यूनिवर्सिटी का कुलपति बनाया गया था। इससे पहले 1996 में उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में फिजिक्स डिपार्टमेंट में बतौर असिसटेंट प्रोफेसर काम शुरू किया था, जहां 2004 में उन्हें प्रोफेसर बना दिया गया।