राजघाट पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दलितों पर अत्याचार के विरोध में करेंगे उपवास
By: Priyanka Maheshwari Mon, 09 Apr 2018 1:20:52
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उपवास से पहले पार्टी विवादों में आ गई है। हालांकि अभी तक राहुल गांधी राजघाट नहीं पहुंच पाए हैं। सूत्रों के मुताबिक जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार के मंच से हटा दिया गया क्योंकि 84 दंगा मामले में दोनों आरोपी हैं। टाइटलर और सज्जन कुमार उपवास स्थल पर आए और कुछ देर रुके लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने दोनों को जाने को कह दिया तो वो चलते बने।
जिसके चलते कांग्रेस पार्टी केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ सोमवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राजघाट पर इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करेंगे। वही खबरे आ रही है कि थोड़ी देर में राहुल गांधी राजधाट पहुंचने वाले हैं। उनके साथ कई कांग्रेसी कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर रहेंगे।
बता दे, राजधानी में राहुल गांधी के साथ दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अजय माकन और पार्टी के कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ और सीबीएसई पेपर लीक, पीएनबी घोटाला, कावेरी विवाद, आंध्र को विशेष दर्जा दिए जाने जैसे मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस के नए संगठन महासचिव अशोक गहलोत की तरफ से पार्टी के सभी प्रदेश अध्यक्षों, एआईसीसी महासचिवों, प्रभारियों और विधायक दल के नेताओं के भेजे गए दिशा निर्देश में कहा गया है कि सांप्रदायिक सौहार्द को बचाने और बढ़ाने के लिए सभी राज्यों और जिलों के कांग्रेस मुख्यालयों में 9 अप्रैल को उपवास रखा जाए। वही इसके जवाब में भाजपा ने 12 अप्रैल को अपने सांसदों से उपवास रखने को कहा है। ये निर्देश खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से पार्टी सांसदों को दिया गया है। दरअसल मोदी संसद नहीं चलने देने के लिए विपक्ष और खासतौर पर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है।
दलितों के मामले ने जिस तरह के तूल पकड़ा और भारत बंद के दौरान जो हिंसा हुई उसके पीछे बीजेपी विपक्ष को जिम्मेदार ठहरा रही है। जाहिर है कांग्रेस और बीजेपी दोनों उपवास के जरिए अपने अपने तरीके से दलितों के हक में खड़ा दिखने की कोशिश कर रही है।
वही शनिवार को भाजपा सांसद उदित राज ने आरोप लगाया था कि भारत बंद के दौरान भड़की हिंसा के बाद से दलित समुदाय के लोगों का शोषण किया जा रहा है। देश के कई हिस्सों से ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं। एक ट्वीट में दलित सांसद ने कहा, ‘दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुए प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले दलितों पर अत्याचार की खबरें मिल रही हैं। यह सब रुकना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘बाड़मेर, जालौर, जयपुर, ग्वालियर, मेरठ, बुलंदशहर, करोली और दूसरे कई हिस्सों से न सिर्फ आरक्षण विरोधियों के बल्कि पुलिस भी दलितों पर गलत मामले दर्ज कर रही है उनकी ही पिटाई कर रही है।
उदित ने अगले ट्वीट में लिखा कि ग्वालियर में मेरे खास कार्यकर्ता को टॉर्चर किया गया जबकि उसने कुछ गलत नहीं किया था। वह मदद के लिए गिड़गिड़ा रहा है। हालांकि अपने ट्वीट्स में उदित ने किसी भी नेता या पार्टी का नाम तो नहीं लिया लेकिन माना जा रहा है उनका निशाना केंद्र सरकार की तरफ है।
खास बात यह है कि उदित राज ने जिन जगहों का नाम लिया है, वे सभी भाजपा शासित राज्यों में हैं।