CBI मामले पर प्रदर्शन कर रहे राहुल गांधी ने दी सांकेतिक गिरफ्तारी
By: Priyanka Maheshwari Fri, 26 Oct 2018 2:47:01
सीबीआई CBI अधिकारियों को छुट्टी पर भेजने के खिलाफ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी Rahul Gandhi की अगुआई में शुक्रवार को दिल्ली के लोधी रोड स्थित दयाल सिंह कॉलेज से शुरू हुआ कांग्रेस का मार्च सीबीआई मुख्यालय के बाहर पहुंचा। यहां राहुल गांधी पुलिस बैरीकेड पर बैठ गए थे। ताजा जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी समेत कई कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई हुई। सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीवीसी को दो हफ्ते में जांच पूरी करने का आदेश दिया है। इसके अलावा अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव किसी भी तरह का नीतिगत फैसला नहीं ले पाएंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ये विरोध पीएम मोदी के असंवैधानिक फैसले के खिलाफ है। इस प्रदर्शन को देखते हुए सीबीआई मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस को तृणमूल कांग्रेस का भी साथ मिल गया है। तृणमूल कांग्रेस के नेता दिल्ली में सीबीआई मुख्यालय पर राहुल गांधी के साथ धरना-प्रदर्शन करेंगे। जानकारी के मुताबिक, पुलिस और प्रशासन की ओर से सीबीआई मुख्यालय से 100 मीटर पहले ही इस मार्च को रोकने की योजना है। बता दें कि छुट्टी पर भेजे गए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक आलोक वर्मा को बहाल करने की मांग को लेकर कांग्रेस आज (26 अक्टूबर) को देशभर में सीबीआई दफ्तरों के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रही है। विवाद के केन्द्र में आए वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने मंगलवार देर रात आदेश जारी कर अवकाश पर भेज दिया था। प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली नियुक्ति समिति ने मंगलवार की रात में आदेश जारी कर एजेंसी के निदेशक का प्रभार संयुक्त निदेशक एम। नागेश्वर राव को सौंप दिया।
वहीं सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को अचानक छु्ट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में इस दौरान वरिष्ठ वकील फली नरीमन ने आलोक वर्मा की पैरवी की। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ सीवीसी 2 हफ्ते में जांच पूरी करे। मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी।
इस जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एके पटनायक करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सीवीसी, केंद्र सरकार और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को उनकी याचिकाओं के संबंध में नोटिस जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को मामले में बदले गए पांच जांच अधिकारियों की जानकारी बंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपने को कहा है।
दरअसल, एनजीओ कॉमन कॉज ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की कि आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक पद से हटाए जाने और नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बनाए जाने मामले की जांच अदालत की निगरानी में कराई जाए। इसके अलावा याचिका के जरिए ये भी कहा गया है कि सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर लगे आरोपों की जांच भी अदालत की निगरानी में कराई जाए।
Congress President Rahul Gandhi and other leaders of the Congress Party detained during the protests at the CBI Headquarters in Delhi: Congress pic.twitter.com/f4pt4XeHdY
— ANI (@ANI) October 26, 2018
अालोक वर्मा जिन मामलों को देख रहे थे वह राफेल डील से जुड़ा था
अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर में दावा किया गया है कि सीबीआई चीफ अालोक वर्मा जिन मामलों को देख रहे थे, उनमें सबसे संवेदनशील केस राफेल डील से जुड़ा था। दरअसल, 4 अक्टूबर को ही वर्मा को पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण की तरफ से 132 पेज की एक शिकायत मिली थी। इसमें कहा गया था कि फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की सरकार की डील में गड़बड़ी हुई है। आरोप था कि हर एक प्लेन पर अनिल अंबानी की कंपनी को 35% कमीशन मिलने वाला है। दावा है कि आलोक वर्मा को जब हटाया गया, तब वे इस शिकायत के सत्यापन की प्रक्रिया देख रहे थे।